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अल कायदा के आतंकी मोहम्मद मोईद की जमानत अर्जी खारिज - आंतकी की जमानत अर्जी खारिज

एनआईए कोर्ट ने अल कायदा के आतंकी मोहम्मद मोईद की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है.

अल कायदा के आतंकी मोहम्मद मोईद की जमानत अर्जी खारिज
अल कायदा के आतंकी मोहम्मद मोईद की जमानत अर्जी खारिज
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Published : Feb 17, 2022, 11:06 PM IST

लखनऊ : हथियार एकत्र करके भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रचने के आरोपी अलकायदा संगठन के सहयोगी संगठन 'अंसार गजवातुल हिन्द' के आरोपी मोहम्मद मोईद की जमानत अर्जी कोर्ट ने खारिज कर दी है. जमानत अर्जी को एनआईए के प्रभारी विशेष न्यायाधीश मोहम्मद गजाली ने खारिज किया है.

एनआईए के वकील एमके सिंह ने कोर्ट में बताया था कि इस मामले की रिपोर्ट 11 जुलाई को एटीएस ने गोमतीनगर में दर्ज कराई थी. बाद में मामला एनआईए को सौप दिया गया. इसके बाद एनआईए ने इस मामले में 29 जुलाई 2021 को दूसरी रिपोर्ट दर्ज करके विवेचना शुरू की.

विवेचना में पता चला कि जम्मू कश्मीर स्थित अलकायदा के आतंकियो ने आरोपी मिनहाज को ऑनलाइन संपर्क किया और आरोपी मिनहाज ने आतंकियों के साथ साजिश में शामिल होकर अलकायदा के सहयोगी संगठन 'अंसार गजवातुल हिन्द' के लिए आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए भर्ती की थी. आतंकी संगठन के सदस्य मिनहाज ने मुशीरुद्दीन को उत्तर प्रदेश में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए भर्ती किया था.

मिनहाज और मुशीर ने भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए हथियार, बम आदि एकत्र किए और विस्फोट करने के लिए स्थानों को चिन्हित किया था. भारत सरकार के खिलाफ रजी गई इस साजिश में शकील, मोहम्मद मुस्तकीम और मोहम्मद मोईद भी शामिल थे. मोईद ने घटनाओं को अंजाम देने के लिए पिस्टल मुहैया कराई थी, जिसे एनआईए ने मिनहाज के घर से बरामद किया था.

इसे पढ़ें- अमित शाह का विपक्षियों पर वार, बोले- यूपी में 'बाहुबली' नहीं सिर्फ हैं 'बजरंगबली'

लखनऊ : हथियार एकत्र करके भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रचने के आरोपी अलकायदा संगठन के सहयोगी संगठन 'अंसार गजवातुल हिन्द' के आरोपी मोहम्मद मोईद की जमानत अर्जी कोर्ट ने खारिज कर दी है. जमानत अर्जी को एनआईए के प्रभारी विशेष न्यायाधीश मोहम्मद गजाली ने खारिज किया है.

एनआईए के वकील एमके सिंह ने कोर्ट में बताया था कि इस मामले की रिपोर्ट 11 जुलाई को एटीएस ने गोमतीनगर में दर्ज कराई थी. बाद में मामला एनआईए को सौप दिया गया. इसके बाद एनआईए ने इस मामले में 29 जुलाई 2021 को दूसरी रिपोर्ट दर्ज करके विवेचना शुरू की.

विवेचना में पता चला कि जम्मू कश्मीर स्थित अलकायदा के आतंकियो ने आरोपी मिनहाज को ऑनलाइन संपर्क किया और आरोपी मिनहाज ने आतंकियों के साथ साजिश में शामिल होकर अलकायदा के सहयोगी संगठन 'अंसार गजवातुल हिन्द' के लिए आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए भर्ती की थी. आतंकी संगठन के सदस्य मिनहाज ने मुशीरुद्दीन को उत्तर प्रदेश में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए भर्ती किया था.

मिनहाज और मुशीर ने भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए हथियार, बम आदि एकत्र किए और विस्फोट करने के लिए स्थानों को चिन्हित किया था. भारत सरकार के खिलाफ रजी गई इस साजिश में शकील, मोहम्मद मुस्तकीम और मोहम्मद मोईद भी शामिल थे. मोईद ने घटनाओं को अंजाम देने के लिए पिस्टल मुहैया कराई थी, जिसे एनआईए ने मिनहाज के घर से बरामद किया था.

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