लखनऊः राजधानी के चर्चित सुमित मिश्रा हॉरर किलिंग मामले में आरोपी आदेश सिंह उर्फ जीतू की जमानत अर्जी को अपर सत्र न्यायाधीश पीएम त्रिपाठी ने शुक्रवार को खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा है कि उपलब्ध दस्तावेजों और केस डायरी पर गौर करने के उपरांत ये कहा जा सकता है कि अभियुक्त के खिलाफ काफी ठोस साक्ष्य हैं.
बहस के दौरान जमानत अर्जी का विरोध करते हुए सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दुष्यंत मिश्रा और अरुण पांडेय का तर्क था कि इस मामले की रिपोर्ट मृतक की मां श्रीमती मनोरमा मिश्रा ने पिछले 17 जुलाई 2021 को थाना अलीगंज में दर्ज करायी थी. एफआईआर में कहा गया था कि वादिनी के बेटे सुमित मिश्रा ने आयुष पांडेय की बहन से प्रेम विवाह किया था. इस बात को लेकर आयुष पांडेय उसके बेटे से रंजिश रखता था. 16 जुलाई 2021 की रात करीब 11 बजे आयुष पांडेय के साथ अभियुक्त आदेश सिंह उर्फ जीतू ने गुप्ता होटल नवीन गल्ला मंडी पर सुमित मिश्रा पर क्रिकेट बैट और डंडे से हमला कर दिया. उसे बेतहाशा पीटा और कार में जबरन बैठा कर अपहरण कर ले गए.
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बहस के दौरान यह भी कहा गया कि अभियुक्तों ने अपहरण करने के बाद सुमित को आदेश सिंह के मकान पर ले जाकर दोबारा बुरी तरह से मारा-पीटा गया. इन चोटों से इलाज के दौरान सुमित मिश्रा की मौत हो गई. ये भी कहा गया है कि अभियुक्तों ने जिस डंडे से सुमित मिश्रा को मारा-पीटा था. उसे पुलिस ने बरामद कर लिया है. इसी मामले में सह अभियुक्त आयुष पांडेय की जमानत न्यायालय ने खारिज कर दी.