लखनऊ: सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी कर लाखों रुपये हड़पने के आरोपी अंशुमान श्रीवास्तव की अग्रिम जमानत अर्जी को अपर सत्र न्यायाधीश ने खारिज कर दिया है. अंशुमान श्रीवास्तव पर लैपटॉप का पासवर्ड पता लग जाने पर वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने, अपहरण करने सहित अन्य आरोप हैं.
कोर्ट में सरकारी वकील दुष्यंत मिश्र और अरुण पांडेय ने तर्क दिया कि वादी रावेंद्र कुमार ने 17 जून 2021 को जानकीपुरम में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि अंशुमान श्रीवास्तव ने वादी को सरकारी नौकरी लगवाने का झांसा देकर वादी और उसके परिचितों से 1 करोड़ 40 लाख रुपये ले लिए. कहा गया कि वादी का लैपटॉप खराब होने पर अंशुमान ने पासवर्ड जान लिया और लैपटॉप से पर्सनल फोटो और वीडियो चोरी करके ब्लैकमेल करके धन उगाही करने लगा.
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बताया गया कि 30 अक्टूबर 2020 को वादी अपने घर पर था, जहां आरोपी अपने साथियों के साथ आया और पैसा वापस मांगने पर वादी का अपहरण करके मारपीट कर पैर तोड़ दिया. वादी के घर पर कब्ज़ा कर लाखों का सामान व जेवर बेच दिया. आरोप लगाया गया कि आरोपी ब्लैकमेल करके 80 लाख रुपये और मांग रहा है.
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