लखनऊ: पुलस्त तिवारी एनकाउंटर मामले में पुलस्त के परिजनों द्वारा की गई अपील पर कोर्ट ने पुलिस पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं. 9 अगस्त 2020 की रात सर्वोदय नगर लखनऊ निवासी पुलस्त तिवारी के कथित मुठभेड़ को गलत बताते हुए उसकी मां मंजुला तिवारी ने पुलिस वालों के खिलाफ वाद दायर किया था. मामले में सीजीएम लखनऊ सुशील कुमारी ने पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं.
एनकाउंटर के दौरान पुलस्त के पैर में गोली लगी थी. पुलस्त के परिजनों ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि "पुलिस कर्मी पुलस्त तिवारी को सर्वोदय नगर स्थित घर से 9 अगस्त 2020 को शाम 6:30 बजे ले गए थे, जिसकी एक वीडियो रिकॉर्डिंग कोर्ट में पेश की गई थी." कोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए आशियाना पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए है.
मंजुला तिवारी की वकील नूतन ठाकुर ने बताया कि कोर्ट ने 6 मार्च 2021 को पारित अपने आदेश में कहा है कि मामले में संबंधित थाने से आख्या मांगी गई. इस संबंध में कोई एफआईआरदर्ज नहीं हैं. कोर्ट ने कहा कि प्रार्थना पत्र में अंकित तथ्यों एवं पत्रावली में उपलब्ध अभिलेखों से प्रथम दृष्टया यह अपराध प्रतीत होता है. कोर्ट ने वादिनी मंजूला तिवारी के प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए थाना अध्यक्ष आशियाना को धारा 157 सीआरपीसी के तहत 7 दिन में एफआईआर की प्रति कोर्ट में भेजने के भी आदेश दिए हैं.
पुलस्त एनकाउंटर: कोर्ट ने पुलिस पर FIR दर्ज करने के दिए आदेश
लखनऊ में 9 अगस्त 2020 को पुलिस ने वाहन चेकिंग के दौरान भाग रहे पुलस्त तिवारी का एनकाउंटर किया था. पुलस्त तिवारी के कथित मुठभेड़ को गलत बताते हुए उसकी मां ने पुलिस वालों के खिलाफ वाद दायर किया था. मामले में सीजीएम लखनऊ ने पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं.
लखनऊ: पुलस्त तिवारी एनकाउंटर मामले में पुलस्त के परिजनों द्वारा की गई अपील पर कोर्ट ने पुलिस पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं. 9 अगस्त 2020 की रात सर्वोदय नगर लखनऊ निवासी पुलस्त तिवारी के कथित मुठभेड़ को गलत बताते हुए उसकी मां मंजुला तिवारी ने पुलिस वालों के खिलाफ वाद दायर किया था. मामले में सीजीएम लखनऊ सुशील कुमारी ने पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं.
एनकाउंटर के दौरान पुलस्त के पैर में गोली लगी थी. पुलस्त के परिजनों ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि "पुलिस कर्मी पुलस्त तिवारी को सर्वोदय नगर स्थित घर से 9 अगस्त 2020 को शाम 6:30 बजे ले गए थे, जिसकी एक वीडियो रिकॉर्डिंग कोर्ट में पेश की गई थी." कोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए आशियाना पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए है.
मंजुला तिवारी की वकील नूतन ठाकुर ने बताया कि कोर्ट ने 6 मार्च 2021 को पारित अपने आदेश में कहा है कि मामले में संबंधित थाने से आख्या मांगी गई. इस संबंध में कोई एफआईआरदर्ज नहीं हैं. कोर्ट ने कहा कि प्रार्थना पत्र में अंकित तथ्यों एवं पत्रावली में उपलब्ध अभिलेखों से प्रथम दृष्टया यह अपराध प्रतीत होता है. कोर्ट ने वादिनी मंजूला तिवारी के प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए थाना अध्यक्ष आशियाना को धारा 157 सीआरपीसी के तहत 7 दिन में एफआईआर की प्रति कोर्ट में भेजने के भी आदेश दिए हैं.