लखनऊ : व्यक्ति के जेल में बंद रहने के दौरान उसको चोरी के मामले में फंसाने की कोशिश करने वाले दरोगा मोहम्मद अफ़ज़ल के विरुद्ध कार्रवाई किए जाने का आदेश जनपद न्यायाधीश संजय शेखर पांडे ने पुलिस कमिश्नर लखनऊ (Police Commissioner Lucknow) को दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने आदेश की प्रति भी कमिश्नर को भेजे जाने का आदेश दिया है.
अदालत ने विवेचक मोहम्मद अफजल के द्वारा की जा रही पुलिस कार्रवाई को देखते हुए कथित आरोपी मनीष सोनी को अग्रिम जमानत पर रिहा करने का आदेश देते हुए कहा है कि यदि उसे गिरफ्तार किया जाता है तो वह सम्बंधित थानाध्यक्ष के समक्ष 30 हजार रुपए की दो जमानतें एवं स्वंय का बंध पत्र दाखिल करेगा. कथित आरोपी मनीष सोनी ने थाना पारा के एक चोरी के मामले में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया था. जिसकी रिपोर्ट 31 जनवरी 2022 को राहुल कुमार द्वारा पारा थाने में लिखाई गई थी. इस मामले में विवेचक ने 9 सितंबर 2022 को दूसरे अभियुक्तों के विरुद्ध आरोप पत्र पेश करते हुए विवेचना समाप्त कर दी थी. कोर्ट के समक्ष मनीष सोनी की ओर से बहस करते हुए कहा गया है कि जिस मामले में विवेचक उसे गिरफ्तार करना चाह रहे हैं वह घटना 31 जनवरी 2022 की है, जबकि इसके पहले से वह 15 जनवरी 2022 से लेकर 8 मार्च 2022 तक मोहनलालगंज थाने के पांच मामलों में जेल में बंद था. अदालत के समक्ष घटना के समय जेल में बंद होने के साक्ष्य एवं तथ्य भी प्रस्तुत किया गया.
डीजीसी क्रिमिनल मनोज त्रिपाठी को सुनने के बाद जनपद न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा है कि जब थाना पारा के उक्त अपराध की विवेचना पूर्णरूप से समाप्त की जा चुकी थी. तब इस मामले में किसी भी विवेचना के लंबित न रहते हुए विवेचक मोहम्मद अफजल किस आधार पर आवेदक को गिरफ्तार करना चाह रहे हैं. अदालत ने विवेचक के इस कृत्य को गैर जिम्मेदाराना एवं कर्तव्य के प्रति लापरवाही करार देते हुए कहा कि ऐसे विवेचना अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही किया जाना आवश्यक प्रतीत होता है.
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