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स्मारक घोटाला मामलाः कर्न्सोटियम प्रमुख अशोक कुमार की अग्रिम जमानत याचिका कोर्ट ने की खारिज - लखनऊ का समाचार

भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष जज विनय कुमार सिंह ने अरबों के स्मारक घोटाला मामले में वांछित तत्कालीन कर्न्सोटियम प्रमुख अशोक कुमार सिंह, द्वितीय की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है. कोर्ट ने इस अपराध को गंभीर बताया है.

अशोक कुमार की अग्रिम जमानत याचिका कोर्ट ने की खारिज
अशोक कुमार की अग्रिम जमानत याचिका कोर्ट ने की खारिज
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Published : Sep 21, 2021, 9:42 PM IST

लखनऊः अरबों रुपये के स्मारक घोटाला मामला में कर्न्सोर्टियम प्रमुख अशोक कुमार सिंह द्वितीय की अग्रिम जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी है. भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष जज विनय कुमार सिंह ने याचिका खारिज की है. कोर्ट ने इस अपराध को गंभीर बताया है.

इस मामले की एफआईआर 1 जनवरी 2014 को सतर्कता अधिष्ठान के निरीक्षक राम नरेश सिंह राठौर ने थाना गोमतीनगर में दर्ज कराई थी. जिसके मुताबिक वर्ष 2007 से 2011 के दौरान लखनऊ और नोएडा में स्मारकों के निर्माण के लिए पत्थरों की खरीद में भारी अनियमितता और भ्रष्टाचार हुआ था.

उल्लेखनीय है कि अरबों के स्मारक घोटाला मामले में कुछ ही दिनों पहले हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने भी पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा की याचिका पर चार सप्ताह में विवेचना पूर्ण करने का आदेश दिया था. जिसके बाद अब तक इस मामले में 72 मुल्जिमों के खिलाफ आईपीसी की धारा 409 और 120 बी के साथ ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1) (डी) और 13 (2) में दाखिल आरोप पत्र दाखिल हो चुका है. जबकि शेष अभियुक्तों के खिलाफ विवेचना अभी प्रचलित है.

इसे भी पढ़ें- महंत नरेंद्र गिरि की मौत मिस्ट्री : परिवार को सुसाइड थ्योरी पर भरोसा नहीं, भांजे ने कहा- हो सीबीआई जांच

वहीं अभियुक्त डॉक्टर सुहेल अहमद फारुकी के खिलाफ जारी गैर-जमानती वारंट का तामीला नहीं होने पर कोर्ट थानाध्यक्ष गोमतीनगर को भी तलब कर चुकी है. कोर्ट ने उनसे पूछा था कि क्यों न उनके खिलाफ प्रकीर्णवाद दर्ज कर विधिक कार्रवाई अग्रसारित की जाए. कोर्ट ने उन्हें 27 सितंबर को अदालत में व्यक्तिगत रुप से उपस्थित होकर कारण स्पष्ट करने को कहा हुआ है. इस घोटाले के दौरान अभियुक्त डॉक्टर फारुकी खनन निदेशालय उत्तर प्रदेश में संयुक्त निदेशक और सलाहकार हुआ करते थे.

इसे भी पढ़ें- अश्लील फोटो वायरल कर आनंद गिरि बदनाम करेगा, पढ़िए नरेंद्र गिरि का सुसाइड नोट...

लखनऊः अरबों रुपये के स्मारक घोटाला मामला में कर्न्सोर्टियम प्रमुख अशोक कुमार सिंह द्वितीय की अग्रिम जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी है. भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष जज विनय कुमार सिंह ने याचिका खारिज की है. कोर्ट ने इस अपराध को गंभीर बताया है.

इस मामले की एफआईआर 1 जनवरी 2014 को सतर्कता अधिष्ठान के निरीक्षक राम नरेश सिंह राठौर ने थाना गोमतीनगर में दर्ज कराई थी. जिसके मुताबिक वर्ष 2007 से 2011 के दौरान लखनऊ और नोएडा में स्मारकों के निर्माण के लिए पत्थरों की खरीद में भारी अनियमितता और भ्रष्टाचार हुआ था.

उल्लेखनीय है कि अरबों के स्मारक घोटाला मामले में कुछ ही दिनों पहले हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने भी पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा की याचिका पर चार सप्ताह में विवेचना पूर्ण करने का आदेश दिया था. जिसके बाद अब तक इस मामले में 72 मुल्जिमों के खिलाफ आईपीसी की धारा 409 और 120 बी के साथ ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1) (डी) और 13 (2) में दाखिल आरोप पत्र दाखिल हो चुका है. जबकि शेष अभियुक्तों के खिलाफ विवेचना अभी प्रचलित है.

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वहीं अभियुक्त डॉक्टर सुहेल अहमद फारुकी के खिलाफ जारी गैर-जमानती वारंट का तामीला नहीं होने पर कोर्ट थानाध्यक्ष गोमतीनगर को भी तलब कर चुकी है. कोर्ट ने उनसे पूछा था कि क्यों न उनके खिलाफ प्रकीर्णवाद दर्ज कर विधिक कार्रवाई अग्रसारित की जाए. कोर्ट ने उन्हें 27 सितंबर को अदालत में व्यक्तिगत रुप से उपस्थित होकर कारण स्पष्ट करने को कहा हुआ है. इस घोटाले के दौरान अभियुक्त डॉक्टर फारुकी खनन निदेशालय उत्तर प्रदेश में संयुक्त निदेशक और सलाहकार हुआ करते थे.

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