लखनऊ: एटीएस के विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुनील कुमार ने धर्मांतरण मामले में गिरफ्तार अभियुक्त डॉ. फराज शाह की सात दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर की है. कोर्ट ने कहा है कि अभियुक्त की कस्टडी रिमांड की यह अवधि 12 अगस्त को दोपहर 12 बजे आरंभ होगी. कोर्ट ने यह आदेश इस मामले के विवेचक व एटीएस के निरीक्षक अनिल कुमार विश्वकर्मा की अर्जी को मंजूर करते हुए दिया. अभियुक्त को 9 अगस्त को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था. इसे एटीएस ने महाराष्ट्र के यवतमाल से गिरफ्तार किया था.
इसके पहले इस मामले के अन्य अभियुक्त प्रसाद रामेश्वर कावरे उर्फ आदम, कौशर आलम व भूप्रिय बन्दो उर्फ अर्सलान मुस्तफा की रिमांड एटीएस ने इसी आधार पर मांगी थी. एटीएस ने कहा था कि उन्हें दिल्ली, नागपुर व अन्य स्थानों पर ले जाकर सम्बंधित अभिलेख बरामद करने हैं. साथ ही इनके महाराष्ट्र नेटवर्क में और कौन-कौन से लोग जुड़े हैं, उनकी भी शिनाख्त करानी है और आवश्यकता पड़ने पर गिरफ्तारी करनी है.
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जून में एटीएस ने विदेशी फंड से चलाए जा रहे धर्मांतरण रैकेट का भंडाफोड़ किया था. गिरोह के सदस्य देश में धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी पैदा करने के लिए उनका उपयोग कर रहे थे. इस मामले में यूपी के धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत मुफ्ती काजी, उमर गौतम और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. जुलाई में अवैध धर्मांतरण सिंडिकेट से सक्रिय रूप से जुड़े तीन अन्य लोगों को नागपुर, महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया गया था. रैकेट में शामिल डॉ. फराज की गिरफ्तारी इसी दौरान हुई थी.
फराज, उमर गौतम और उसके गिरोह के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर धर्मांतरण रैकेट चला रहा था. फराज, उमर गौतम के अलावा नागपुर से गिरफ्तार तीन अन्य लोगों से भी जुड़ा था. आरोप है कि वो बड़ी संख्या में लोगों का धर्म परिवर्तन करवा चुका था. गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से बरामद इलेक्ट्रॉनिक गैजेट के डेटा से पता चला था कि ये राष्ट्र विरोधी कार्यों में शामिल था और इसका उद्देश्य सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ना था.