लखनऊ: 28 साल पहले विधानसभा चुनाव के मतदान के दौरान मतदान अधिकारी और अन्य लोगों से मारपीट करने के अभियुक्त और समाजवादी पार्टी के तत्कालीन प्रत्याशी राजबब्बर पर एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अम्बरीष कुमार श्रीवास्तव ने पक्षकारों को सुनने के उपरांत अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है. आगामी 7 जुलाई को कोर्ट अपना निर्णय सुनाएगी.
अदालती पत्रावली के अनुसार इस मामले की रिपोर्ट 2 मई 1996 को मतदान अधिकारी श्रीकृष्ण सिंह राणा द्वारा थाना वजीरगंज में सपा प्रत्याशी राजबब्बर और अरविन्द यादव के अलावा अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज कराई गई थी. कहा गया है कि मतदान केंद्र संख्या 192/103 के बूथ संख्या 192 पर जब मतदाताओं का आना बंद हो गया. तब वादी मतदान केंद्र से बाहर निकलकर खाना खाने जा रहा था. इसी दौरान समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी राजबब्बर अपने साथियों को लेकर मतदान केंद्र में आए और फर्जी मतदान का झूठा आरोप लगाने लगे.
यह भी पढ़ें- लोकसभा उपचुनाव परिणाम आते ही बदलेगा यूपी बीजेपी का अध्यक्ष, इन नामों की है चर्चा
वहीं, थाने में दर्ज रिपोर्ट में कहा गया है कि इन लोगों ने वादी और शिव कुमार सिंह को मारा पीटा, जिससे उन्हें चोट आई. इसी बीच मतदान केंद्र के बूथ संख्या 191 में नियुक्त मतदान अधिकारी मनोज कुमार श्रीवास्तव, वीके शुक्ला और पुलिसवालों ने उन्हें बचाया. अदालत में मुकदमे के विचारण करने के दौरान सह अभियुक्त अरविंद यादव की मृत्यु हो गई थी. अभियोजन ने वादी श्रीकृष्ण सिंह राणा, शिव कुमार सिंह, मनोज श्रीवास्तव के अलावा दो अन्य गवाह पेश किए.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप