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नकली ऑक्सीटोसिन के धंधे का भंडाफोड़, जनरल स्टोर पर बोतलें बरामद - लखनऊ में दवाओं में गोरखधंधा

ऑक्सीटोसिन बेचना प्रतिबंधित है और सिर्फ अस्पतालों में आपूर्ति की अनुमति है लेकिन राजधानी लखनऊ में इसका गोरखधंधा चल रहा है. बुधवार को इस गोरखधंधे का भंडाफोड़ हुआ.

लखनऊ
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Published : Mar 24, 2021, 6:15 PM IST

लखनऊ: शहर में नकली ऑक्सीटोसिन के धंधे का भंडाफोड़ हुआ है. ड्रग टीम ने बुधवार को छापामारी कर जनरल स्टोर से कई बोतलें बरामद की हैं. विक्रेता ने पशु मंडी से बोतलें खरीदने का दावा किया है.

कार्रवाई के निर्देश
सहायक आयुक्त औषधि मंडल मनोज कुमार ने ऑक्सीटोसिन के अवैध कारोबार पर कार्रवाई के निर्देश दिए है. ऐसे में औषधि निरीक्षक बृजेश कुमार, माधुरी सिंह ने मड़ियांव के रायपुर महर्षि नगर में छापेमारी की. बृजेश कुमार के मुताबिक मोहल्ले के तस्मिया जनरल स्टोर पर अचानक टीम पहुंची. टीम देखकर हड़कंप मच गया. छापेमारी के दौरान दुकान के अंदर एक कमरे में भारी मात्रा में 200एमएल के 63 वायल प्रतिबंधित ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन पाए गए. इसको सील कर दिया गया. साथ ही इनके नमूने लैब भी भेज दिए गए हैं. बरामद इंजेक्शन की कीमत 32000 रुपये के करीब है.

इसे भी पढ़ेंः यूपी में रोड नेटवर्क का फैला जाल, रफ्तार पकड़ रहा है विकास

बोतल पर कोई लेबल नहीं मिला
बृजेश कुमार के मुताबिक विक्रेता के पास कोई ड्रग लाइसेंस नहीं मिला. ऐसे में फर्म के मालिक शौकत अली के विरुद्ध औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम-1940 की धारा में मुकदमा पंजीकृत किया जाएगा. बरामद बोतल पर कोई लेबल नहीं था. मैन्युफैक्चर डेट, एक्सपायरी डेट, फार्मा कंपनी का नाम नहीं था. बृजेश कुमार के मुताबिक बरामद ऑक्सीटोसिन नकली है. देश में फार्मा कंपनियां 2 एमएल का ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन बनाती हैं. वहीं यह 200 एमएल की बोतल मिली हैं.

लखनऊ: शहर में नकली ऑक्सीटोसिन के धंधे का भंडाफोड़ हुआ है. ड्रग टीम ने बुधवार को छापामारी कर जनरल स्टोर से कई बोतलें बरामद की हैं. विक्रेता ने पशु मंडी से बोतलें खरीदने का दावा किया है.

कार्रवाई के निर्देश
सहायक आयुक्त औषधि मंडल मनोज कुमार ने ऑक्सीटोसिन के अवैध कारोबार पर कार्रवाई के निर्देश दिए है. ऐसे में औषधि निरीक्षक बृजेश कुमार, माधुरी सिंह ने मड़ियांव के रायपुर महर्षि नगर में छापेमारी की. बृजेश कुमार के मुताबिक मोहल्ले के तस्मिया जनरल स्टोर पर अचानक टीम पहुंची. टीम देखकर हड़कंप मच गया. छापेमारी के दौरान दुकान के अंदर एक कमरे में भारी मात्रा में 200एमएल के 63 वायल प्रतिबंधित ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन पाए गए. इसको सील कर दिया गया. साथ ही इनके नमूने लैब भी भेज दिए गए हैं. बरामद इंजेक्शन की कीमत 32000 रुपये के करीब है.

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बोतल पर कोई लेबल नहीं मिला
बृजेश कुमार के मुताबिक विक्रेता के पास कोई ड्रग लाइसेंस नहीं मिला. ऐसे में फर्म के मालिक शौकत अली के विरुद्ध औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम-1940 की धारा में मुकदमा पंजीकृत किया जाएगा. बरामद बोतल पर कोई लेबल नहीं था. मैन्युफैक्चर डेट, एक्सपायरी डेट, फार्मा कंपनी का नाम नहीं था. बृजेश कुमार के मुताबिक बरामद ऑक्सीटोसिन नकली है. देश में फार्मा कंपनियां 2 एमएल का ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन बनाती हैं. वहीं यह 200 एमएल की बोतल मिली हैं.

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