लखनऊ: उत्तर प्रदेश में आज से B.Ed की काउंसलिंग को रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो रही है. ऐसे में अभ्यर्थी लखनऊ विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जाकर काउंसलिंग को अपना रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. लेकिन इस बीच सबसे अहम व ध्यान आकर्षित करने की वाली बात यह है कि सूबे में B.Ed की सरकारी सीटों की कुल संख्या जहां 7,830 है तो वहीं, निजी संस्थानों में सीटों की संख्या 2.27 लाख है. इतना ही नहीं, सरकारी संस्थानों में जहां फीस की राशि 5000 से 15000 रुपए के बीच है तो वहीं निजी कॉलेजों में यह शुल्क 50000 तक लिया जाता है. इधर, B.Ed की राज्य समन्वयक में प्रोफेसर अमिता वाजपेयी ने बताया कि काउंसलिंग के जरिए प्रदेश के 16 राज्य विश्वविद्यालयों के अन्तर्गत 2479 राजकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों व स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों में दाखिले होंगे.
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यह है ऑनलाइन काउंसलिंग की प्रक्रिया
B.Ed कॉलेजों में दाखिले को होने वाली काउंसलिंग प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन आयोजित की जा रही है. यह आनलाइन प्रक्रिया तीन चरणों (मेन काउंसलिंग, पूल काउंसलिंग व सीधे प्रवेश) में होगी. साथ ही पहले दिन से ही प्रवेश परीक्षा में दाखिले को योग्य अभ्यर्थियों को लखनऊ विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर लॉगइन करके काउंसिलिंग के लिए अपना पंजीकरण करना होगा. इसके इतर ऑनलाइन ऑफ कैंपस काउंसलिंग का विस्तृत कार्यक्रम लविवि की वेबसाइट पर जारी किया गया है. वहीं, पंजीकरण के बाद अभ्यर्थी काउंसलिंग शुल्क 750 रुपए व अग्रिम शुल्क ( 5000 रुपए) जमा करके विश्वविद्यालय या महाविद्यालय का चयन कर सकते हैं.
जानकारी के मुताबिक यदि किसी अभ्यर्थी को कोई सीट आवंटित होती है और वह उसकी पुष्टि नहीं करता है तो उसकी ओर से जमा किए गए अग्रिम शुल्क को वापस नहीं किया जाएगा. लेकिन अगर किसी अभ्यर्थी को सीट आवंटित की जाती है और वह उसकी पुष्टि कर देता है तो उसकी ओर से जमा अग्रिम शुल्क को कॉलेज की फीस में समायोजित कर लिया जाएगा. इसके अलावा अभ्यर्थी "च्वाइस-फिलिंग" प्रक्रिया में विश्वविद्यालय/महाविद्यालय चयन के पूर्व वेबसाइट पर उपलब्ध विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों की सूची से अपनी पसंद के बीएड महाविद्यालयों के कोड नोट कर सकता है और उन्हें अपनी रूचि के क्रम में अधिकाधिक संख्या में भर कर अपने वांछित विश्वविद्यालय/महाविद्यालय में प्रवेश प्राप्त कर सकता है.
इन बातों का रखें विशेष ध्यान
प्रत्येक महाविद्यालय में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए 10 फीसद अतिरिक्त सीटें उपलब्ध होंगी. वहीं, ईडब्ल्यूएस की सुविधा सरकारी, अनुदानित, गैर अनुदानित व स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों में होगी, लेकिन अल्पसंख्यक संस्थानों में यह सुविधा नहीं होगी.