लखनऊ: राजधानी में जल निगम ने नगर निगम की अनुमति के बिना सड़कें खोद दीं. इससे जनता को हो रही परेशानी के बाद पार्षदों ने सदन में हंगामा किया. पार्षदों का कहना था कि जल निगम ने बिना सूचना के ही सड़कें खोद डाली हैं. यही नहीं जल निगम ने रोड कटिंग का पैसा भी नगर निगम में नहीं जमा किया है. महापौर ने शासन से वार्ता कर जल निगम की ओर से की जा रही रोड कटिंग का पैसा नगर निगम में जमा कराने के लिए नगर आयुक्त से बात की है. ताकि सड़क खोदाई के उपरांत तत्काल सड़क निर्माण कर जनता को सुविधा प्रदान की जा सके.
योजना बनाकर खाली कराई जाएंगी जमीनें
शहर के विभिन्न वार्डों में नगर निगम की संपत्तियों को अवैध कब्जों से मुक्त कराकर योजना बनाने और अवैध डेयरी संचालकों के खिलाफ अभियान चला शहर से बाहर करने का निर्णय लिया गया. सोमवार सुबह 10 बजे से शुरू हुई सदन की कार्यवाही शाम साढ़े पांच बजे तक चली. सदन में पक्ष और विपक्ष के पार्षदों राम नरेश रावत, तारा चन्द रावत, देवेन्द्र सिंह यादव उर्फ जीतू समेत भाजपा के पार्षदों ने विभिन्न वार्डों में नगर निगम भूमि पर हो रहे अवैध कब्जों को रोकने व भूमि को खाली कराने के लिए अभियान चलाने की बात कही. निर्णय लिया गया कि योजना बनाकर अभियान चलाया जाएगा. इससे पहले पार्षदों ने नगर निगम संपत्ति विभाग के अधिकारियों पर आरोप लगाए कि अधिकारी सत्ता पक्ष के विधायक व नेताओं के इशारे पर कार्य कर रहे हैं, निगम की भूमि पर कब्जे करा रहे हैं.
संस्था को भवन देने को मिली मंजूरी
रिवर बैंक कॉलोनी स्थित भवन संख्या 5/1 को भाऊराव देवरस सेवान्यास द्वारा संचालित अंत्योदय हेल्थ मिशन अस्पताल को निशुल्क चश्मा वितरण, नेत्र जांच एवं पैथालॅाजी खोले जाने के कार्यकारिणी के निर्णय को हंगामे के पश्चात पास कर दिया गया. हालांकि विपक्षी पार्षद कांग्रेस से अमित चौधरी, ममता चौधरी, समाजवादी पार्टी के नेता सदन सैय्यद यावर हुसैन रेशू, तारा चन्द रावत, मो सलीम, शैलेन्द्र सिंह बल्लू, राज कुमार सिंह राजा प्रस्ताव को निरस्त करने की मांग कर रहे थे, लेकिन सत्ता पक्ष ने बार-बार चर्चा के लिए मना करने व सदन अध्यक्ष महापौर संयुक्ता भाटिया के समर्थन से बहुमत के बल पर प्रस्ताव को पास करने की बात कही. कहा की उक्त संस्था जनहित का कार्य कर रही है. साथ ही हजारों रुपये नगर निगम प्रशासन को किराया भी मिलेगा.
नई प्रचार नीति से बढ़ेगी नगर निगम की आय
नगर निगम सदन ने सर्वसम्मति से विज्ञापन पर अनुज्ञा शुल्क का निर्धारण और वसूली उपविधि-2018 के अंतर्गत प्राप्त आपत्तियों के निस्तारण के उपरांत संशोधित उपविधि 2018 को पारित कर दिया गया. इससे अब निगम निगम नई नीति के तहत प्रचार शुल्क वसूल कर अपनी आय बढ़ा सकेगा.