लखनऊ: योगी आदित्यनाथ सरकार में भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टोलरेंस के दावे किए जाते रहे हैं. भ्रष्टाचार पर कार्रवाई करते हुए उसका इलाज भी होता रहा, लेकिन यह रोग सरकार समाप्त नहीं कर पाई. ऐसे में सवाल उठता है कि योगी सरकार में भ्रष्टाचार के मामले बढ़े तो क्यों? आखिरकार भ्रष्टाचार पर प्रभावी अंकुश क्यों नहीं लगाया जा सका? विपक्ष इसको लेकर हमेशा हमलावर रहता है.
योगी सरकार में बढ़ा भ्रष्टाचार
राजनीतिक विश्लेषक अनिल भारद्वाज का कहना है कि सरकार भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लगा पाई तो इसकी वजह अफसर हैं. इस सरकार में भ्रष्टाचार बढ़ा तो लोग यह भी कहते रहे कि रिस्क बढ़ा है, घूस बढ़ी है. भ्रष्टाचार पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए काम करना होगा, तभी पूरी तरह से भ्रष्टाचार समाप्त हो पाएगा.
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जीरो टॉलरेंस की नीति
भाजपा प्रवक्ता हरिशचंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि योगी आदित्यनाथ सरकार ने भ्रष्टाचार और अपराध पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है. भ्रष्टाचार पर कठोर कदम उठाते हुए खूब कार्रवाई हुई. आजादी के बाद से अब तक जितनी कार्रवाई योगी सरकार ने भ्रष्टाचारियों पर की उतनी कभी नहीं हुई. लगातार इस दिशा में कठोर कदम उठाए जा रहे हैं और भ्रष्टाचार को पूरी तरह से खत्म करने का काम जारी है.
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