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योगी सरकार में भ्रष्टाचार का इलाज होता रहा और रोग भी बढ़ता रहा, नहीं लगा अंकुश

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार में लगातार भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टोलरेंस के दावे किए जाते रहे हैं, लेकिन इस सरकार में लगातार भ्रष्टाचार के मामले बढ़ते गए हैं. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के जारी आंकड़े तो कम से कम यही कहते हैं

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Published : Jan 11, 2020, 8:53 PM IST

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सीएम योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो).

लखनऊ: योगी आदित्यनाथ सरकार में भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टोलरेंस के दावे किए जाते रहे हैं. भ्रष्टाचार पर कार्रवाई करते हुए उसका इलाज भी होता रहा, लेकिन यह रोग सरकार समाप्त नहीं कर पाई. ऐसे में सवाल उठता है कि योगी सरकार में भ्रष्टाचार के मामले बढ़े तो क्यों? आखिरकार भ्रष्टाचार पर प्रभावी अंकुश क्यों नहीं लगाया जा सका? विपक्ष इसको लेकर हमेशा हमलावर रहता है.

योगी सरकार में बढ़ा भ्रष्टाचार.
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के जारी आंकड़ों में प्रिवेंशन ऑफ करप्शन के अंतर्गत जो मामले दर्ज हुए हैं. उनमें साल 2016 में उत्तर प्रदेश में 30 मामले रहे, जबकि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनी तो भ्रष्टाचार के मामलों की संख्या बढ़कर 58 हो गई. साल 2018 में करप्शन के मामले 58 से बढ़कर 84 जा पहुंचे. राष्ट्रीय स्तर पर यह 2 फीसदी रहा, जिसको लेकर तमाम तरह के सवाल भी उठ रहे हैं कि योगी सरकार में भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई तो हुई, लेकिन भ्रष्टाचार के मामले लगातार बढ़ते चले गए. सरकार पूरी तरह से भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लगा पाई.
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नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के जारी आंकड़े.

योगी सरकार में बढ़ा भ्रष्टाचार
राजनीतिक विश्लेषक अनिल भारद्वाज का कहना है कि सरकार भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लगा पाई तो इसकी वजह अफसर हैं. इस सरकार में भ्रष्टाचार बढ़ा तो लोग यह भी कहते रहे कि रिस्क बढ़ा है, घूस बढ़ी है. भ्रष्टाचार पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए काम करना होगा, तभी पूरी तरह से भ्रष्टाचार समाप्त हो पाएगा.

ये भी पढ़ें- CAA समर्थन में उमा भारती, कहा- भारत हिंदू नेशन था, है और रहेगा

जीरो टॉलरेंस की नीति
भाजपा प्रवक्ता हरिशचंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि योगी आदित्यनाथ सरकार ने भ्रष्टाचार और अपराध पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है. भ्रष्टाचार पर कठोर कदम उठाते हुए खूब कार्रवाई हुई. आजादी के बाद से अब तक जितनी कार्रवाई योगी सरकार ने भ्रष्टाचारियों पर की उतनी कभी नहीं हुई. लगातार इस दिशा में कठोर कदम उठाए जा रहे हैं और भ्रष्टाचार को पूरी तरह से खत्म करने का काम जारी है.

ये भी पढ़ें- कन्नौज सड़क हादसे पर मायावती, अखिलेश यादव ने ट्वीट कर जताया दुख

लखनऊ: योगी आदित्यनाथ सरकार में भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टोलरेंस के दावे किए जाते रहे हैं. भ्रष्टाचार पर कार्रवाई करते हुए उसका इलाज भी होता रहा, लेकिन यह रोग सरकार समाप्त नहीं कर पाई. ऐसे में सवाल उठता है कि योगी सरकार में भ्रष्टाचार के मामले बढ़े तो क्यों? आखिरकार भ्रष्टाचार पर प्रभावी अंकुश क्यों नहीं लगाया जा सका? विपक्ष इसको लेकर हमेशा हमलावर रहता है.

योगी सरकार में बढ़ा भ्रष्टाचार.
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के जारी आंकड़ों में प्रिवेंशन ऑफ करप्शन के अंतर्गत जो मामले दर्ज हुए हैं. उनमें साल 2016 में उत्तर प्रदेश में 30 मामले रहे, जबकि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनी तो भ्रष्टाचार के मामलों की संख्या बढ़कर 58 हो गई. साल 2018 में करप्शन के मामले 58 से बढ़कर 84 जा पहुंचे. राष्ट्रीय स्तर पर यह 2 फीसदी रहा, जिसको लेकर तमाम तरह के सवाल भी उठ रहे हैं कि योगी सरकार में भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई तो हुई, लेकिन भ्रष्टाचार के मामले लगातार बढ़ते चले गए. सरकार पूरी तरह से भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लगा पाई.
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नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के जारी आंकड़े.

योगी सरकार में बढ़ा भ्रष्टाचार
राजनीतिक विश्लेषक अनिल भारद्वाज का कहना है कि सरकार भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लगा पाई तो इसकी वजह अफसर हैं. इस सरकार में भ्रष्टाचार बढ़ा तो लोग यह भी कहते रहे कि रिस्क बढ़ा है, घूस बढ़ी है. भ्रष्टाचार पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए काम करना होगा, तभी पूरी तरह से भ्रष्टाचार समाप्त हो पाएगा.

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जीरो टॉलरेंस की नीति
भाजपा प्रवक्ता हरिशचंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि योगी आदित्यनाथ सरकार ने भ्रष्टाचार और अपराध पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है. भ्रष्टाचार पर कठोर कदम उठाते हुए खूब कार्रवाई हुई. आजादी के बाद से अब तक जितनी कार्रवाई योगी सरकार ने भ्रष्टाचारियों पर की उतनी कभी नहीं हुई. लगातार इस दिशा में कठोर कदम उठाए जा रहे हैं और भ्रष्टाचार को पूरी तरह से खत्म करने का काम जारी है.

ये भी पढ़ें- कन्नौज सड़क हादसे पर मायावती, अखिलेश यादव ने ट्वीट कर जताया दुख

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में लगातार भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टोलरेंस के दावे किए जाते रहे भ्रष्टाचार पर कार्यवाही करते हुए उसका इलाज भी होता रहा लेकिन यह रोग सरकार समाप्त नहीं कर पाई ना ही इसे जड़ से अखाड़ा जा सका ऐसे में सवाल ये उठता है कि योगी सरकार में जो भ्रष्टाचार के मामले बढ़े तो वह क्यों बढ़े। कार्यवाही तो तब हुई जब मामले उजागर हुए। आखिरकार भ्रष्टाचार पर प्रभावी अंकुश क्यों नहीं लगाया जा सका इसको लेकर हमेशा हमलावर रहता है।



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नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के जारी आंकड़ों में प्रिवेंशन ऑफ करप्शन के अंतर्गत जो मामले दर्ज हुए हैं उनमें वर्ष 2016 में उत्तर प्रदेश राज्य में 30 मामले रहे जबकि जब उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनी तो भ्रष्टाचार के मामलों की संख्या बढ़कर 58 हो गई और भी आगे गई साल 2018 में जब करप्शन के मामले 58 से बढ़कर 84 जा पहुंचे राष्ट्रीय स्तर पर यह 2 फीसद रहा जिसको लेकर तमाम तरह के सवाल भी उठ रहे हैं कि योगी सरकार में भ्रष्टाचारियों पर कार्यवाही तो हुई लेकिन भ्रष्टाचार के मामले लगातार बढ़ते चले गए सरकार पूरी तरह से भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लगा पाई।

बाईट, अनिल भारद्वाज, राजनीतिक विश्लेषक
देखिए सरकार भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लगा पाई तमाम तरह के दावे किए गए इस सरकार में भ्रष्टाचार तो बड़ा लोग यह भी कहते रहे कि रिस्क बड़ी है घूस बड़ी है लेकिन कार्यवाही हुई सरकार को इस ओर गंभीर चिंतन करना होगा और भ्रष्टाचार पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए काम करना होगा तभी पूरी तरह से भ्रष्टाचार समाप्त हो पाएगा।

बाईट, हरिशचंद्र श्रीवास्तव, भाजपा प्रवक्ता
योगी आदित्यनाथ सरकार ने भ्रष्टाचार और अपराध पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है भ्रष्टाचार पर कठोर कदम उठाते हुए खूब कार्यवाही हुई आजादी के बाद से अब तक जितनी कार्यवाही योगी सरकार ने भ्रष्टाचारियों पर कि उतना कभी नहीं हुई लगातार इस दिशा में कठोर कदम उठाए जा रहे हैं और भ्रष्टाचार को पूरी तरह से खत्म करने का काम जारी है।



Conclusion:अब देखना यह भी महत्वपूर्ण होगा कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अपने 2 साल के बचे कार्यकाल में किस प्रकार से भ्रष्टाचार पर प्रभावी नियंत्रण के लिए कैसे काम करती है क्या रणनीति बनाती है जिससे पूरी तरह से भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जा सके सरकार दावा करती है कि उसने भ्रष्टाचारियों पर जीरो टॉलरेंस की की नीति अपनाई लेकिन बार-बार में भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लगाए जाने को लेकर सवाल उठ रहे हैं सवाल यह भी हो रहे हैं कि लगातार कार्यवाही के बावजूद अधिकारियों के स्तर व अन्य लोगों की स्तर पर भ्रष्टाचार क्यों हो रहा है।
धीरज त्रिपाठी 9453099555
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