लखनऊ: मोहनलालगंज तहसील क्षेत्र के एक स्कूल में क्वारंटाइन हुए कोरोना संदिग्ध की मौत हो गई. कोरोना संदिग्ध की मौत से प्रशासन में हड़कंप मच गया है. कई दिनों से युवक बीमार था. युवक की हालत बिगड़ने के बाद ग्रामीणों ने कोरोना वायरस जांच की मांग की थी. शनिवार को स्वास्थ्य विभाग ने मरीज के सैंपल लिए थे. कोरोना संदिग्ध बीते 12 मई से स्कूल में क्वारंटाइन था.
गोसाईंगंज के बहरौली गांव में मुंबई से लौटे प्रवासियों को सरकारी स्कूल में क्वारंटाइन किया गया है. इन प्रवासियों में से एक 45 वर्षीय युवक पिछले चार दिनों से तबियत खराब थी. हालत ज्यादा बिगड़ने पर रविवार को उसे सीएचसी ले जाया गया, जहां से मरीज को बलरामपुर अस्पताल रेफर किया गया. बहरौली गांव निवासी प्रवासी मजदूर 12 मई को ट्रेन से मुंबई से वापस लौटा था. कोविड-19 की गाइडलाइन के अनुसार उसे गांव के ही एक स्कूल में क्वारंटाइन किया गया था. उसे पिछले 10 दिनों से बुखार और सांस लेने की तकलीफ हो रही थी. इसकी जानकारी सीएमओ दफ्तर को दी गई.
जानकारी के बाद स्वास्थ्य विभाग की एक टीम गांव पहुचकर उसका नमूना लिया था. रविवार दोपहर उसकी हालत और खराब हो गई. गांव वालों की सूचना पर स्वास्थ विभाग की एम्बुलेंस उसे लेकर नगराम सीएचसी पहुंची. यहां डॉक्टरों ने उसे बलरामपुर अस्पताल रेफर कर दिया. परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग पर इलाज न मिलने के साथ ही एंबुलेंस कर्मचारियों पर भी आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि स्वास्थ्य विभाग से कई दिनों से कोरोना की जांच किए जाने की बात कही जा रही थी, जिसके बाद शनिवार को उन्होंने मरीज का कोरोना सैंपल लिया. इसके अलावा एंबुलेंस कर्मचारियों ने पीपीई किट पहन रखी थी, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने मरीज को हाथ भी नहीं लगाया.
अस्पताल प्रशासन का कहना है शव को मर्चरी मे रखा गया है. रिपोर्ट आने के बाद परिजनों को सौंपा जाएगा. युवक के शनिवार को लिए गए कोरोना सैंपल की जांच रिपोर्ट अब तक नहीं आई है. इसके अलावा स्कूल में क्वारंटाइन किए गए युवक के साथ एक गर्भवती महिला और डेढ़ साल के बच्चे के साथ लगभग 12 लोग और क्वारंटाइन हैं.