लखनऊ: राजधानी लखनऊ के कई चौराहों पर स्ट्रीट पेंटिंग्स नजर आ रही हैं. इन पेंटिंग्स में कोरोना वायरस से लड़ने वाले वॉरियर्स बनाए गए हैं. कोरोना को लेकर कुछ जागरूकता भरे संदेश भी लिखे गए हैं. यह पेंटिंग्स आईआईएम चौराहा, इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहा, निशातगंज चौराहा और हजरतगंज चौराहे पर आपको बनी हुई मिल जाएंगी. इसे बनाने का जिम्मा दो संस्थाओं ने मिलकर लिया है.
जब ईटीवी भारत की टीम ने वी वेलफेयर के संस्थापक दीपांकर तिवारी से इस बारे बात तो उन्होंने बताया कि कोरोना वॉरियर्स दिन रात एक कर इस जंग में शामिल हैं और अपना योगदान दे रहे हैं. ऐसे में हमने सोचा कि क्यों न हम भी इसमें भाग लें. हम 4 लोगों की टीम है, जिसमें से 2 लोग सड़कों पर पेंटिंग करते हैं.
'वी केयर वेलफेयर सोसाइटी' के संस्थापक दीपांकर तिवारी कहते हैं कि 'डांसटा एकेडमी' और हमने एक साथ मिलकर स्ट्रीट पेंटिंग को बनाने का निर्णय लिया. क्योंकि कुछ लोग अभी भी ऐसे हैं जो लॉकडाउन में बिना किसी वजह के सड़कों पर उतर रहे हैं और अपने साथ-साथ दूसरों की भी जान जोखिम में डाल रहे हैं. ऐसे में उन सभी को जागरूक करने और कोरोना वायरस के बारे में लोगों को बताने के लिए हमने स्ट्रीट पेंटिंग का सहारा लिया है.
दाऊद और चंद्रकांतन ऐसे कलाकार हैं जो मूलता चेन्नई के रहने वाले हैं, लेकिन पिछले कई महीनों से लखनऊ में रह रहे हैं. इनकी कला की प्रतिभा से ही स्ट्रीट पेंटिंग्स को अब तक राजधानी के 4 जगहों पर उकेरा गया है.
दीपांकर आगे बताते हैं कि एक पेंटिंग को बनाने में 2 से 4 घंटे लग जाते हैं और इसे बनाने के लिए हम अपने कुछ कांसेप्ट को साथ मिलकर सोचते हैं. थोड़ा इंटरनेट का सहारा लेते हैं और फिर स्ट्रीट पेंटिंग शुरू करते हैं.
इन स्ट्रीट पेंटिंग्स को अंजाम देने के लिए दीपांकर और उनकी टीम ने किसी तरह का कोई परमिट नहीं लिया है. वह कहते हैं कि हम तय करते हैं कि हमें कहां पर जाना है और फिर वहां की पुलिस से बात कर उन की परमिशन लेकर पेंटिंग बनाना शुरू करते हैं. इस पेंटिंग में हम अच्छी गुणवत्ता वाले कलर्स का इस्तेमाल करते हैं ताकि वह लंबे समय तक सड़कों पर बने रहे और लोगों को अपना संदेश पहुंचाते रहे.
दीपांकर, दाऊद, चंद्रकांता और दिव्यांशु मिलकर शहर भर में कोरोना वायरस के प्रति जागरूकता फैला रहे हैं और एक अनूठे माध्यम से लोगों को घरों में रहने के लिए गुजारिश करते भी नजर आ रहे हैं. उनकी कला का इस तरह का प्रदर्शन वाकई काबिले तारीफ है.
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