लखनऊ: यूपी में कोरोना संक्रमण का प्रकोप थम नहीं रहा है. शनिवार को 11 लोगों में वायरस की पुष्टि हुई है. सबसे ज्यादा सरोजनीनगर में पांच लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. इसमें दो महिला व तीन पुरुष शामिल हैं. स्वास्थ्य विभाग द्वारा संक्रमितों के संपर्क में आने वालों की जांच कराई जा रही है. सभी लोगों को सावधान रहने की सलाह दी है.
अलीगंज में एक महिला वायरस की चपेट में आ गई है. चिनहट में दो पुरुष व दो महिलाएं संक्रमित पाए गए हैं. एनके रोड के तहत एक पुरुष कोरोना पॉजिटिव मिला है. चार मरीजों ने वायरस को मात देने में कामयाबी हासिल की है. लखनऊ में कुल 41 सक्रिय मरीज हैं.
सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया कि कोई भी संक्रमित अस्पताल में भर्ती नहीं है. सभी पॉजिटिव मरीजों की जीनोम सिक्वेंसिंग कराई जा रही है, ताकि वायरस के नए वैरिएंट का पता लगाया जा सके. अभी तक किसी भी नए वैरिएंट का पता नहीं चला है. सीएमओ ने बताया कि सभी अस्पतालों को कोविड के लक्षण वाले अधिक से अधिक मरीजों की जांच कराने के कहा गया है, ताकि समय पर संक्रमण की पहचान की जा सके. उन्होंने बताया कि कोविड संक्रमितों को भर्ती करने के लिए पर्याप्त इंतजाम हैं. मॉकड्रिल के मद्देनजर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है.
लोहिया संस्थान में आयोजित हुआ बैक पेन-मिप्सीज पर कार्यक्रम
डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ के एनेस्थीसिया विभाग द्वारा 'पेन मेडिसीन' विशिष्टता के तहत बैकपेन एवं मिप्सीज पर सीएमई का आयोजित हुआ. कार्यक्रम का उद्वघाटन संस्थान की निदेशक एवं कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रो. सोनिया नित्यानंद, एनेस्थीसिया विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. दीपक मालविय के ने किया.
इस दौरान प्रो. अनिल अग्रवाल, सहारा अस्पताल एवं पूर्व विभागाध्यक्ष एनेस्थीसिया विभाग एसजीपीआई लखनऊ सहारा, प्रो. कर्नल आरके त्रिपाठी पूर्व संकाय सदस्य लोहिया संस्थान, डॉ. सिद्धार्थ वर्मा, डीवाई पाटिल यूनिवर्सिटी, मुंबई से एवं संस्थान के समस्त संकाय सदस्य एवं रेजीडेन्ट मौजूद रहें.
संस्थान ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि कार्यक्रम के मुख्य संयोजक एवं पेन मेडिसीन विशेषज्ञ प्रो. अनुराग अग्रवाल एवं डॉ. शिवानी रस्तोगी ने बताया कि सीएमई का मुख्य उद्देश्य चिकित्सकों और आम जनता को क्रोनिक कमर दर्द से जागरूक करना एवं इसके सफल इलाज के लिए मिप्सी कि विस्तृत जानकारी पर प्रकाश डालना है.
डॉ. शिवानी ने कमर दर्द के मुख्य कारणों जैसे -फेसेट के जोड़ो का दर्द, गठिया, डिस्क का दर्द, कैंसर का रीढ़ की हड्डियों में फैल जाना, ऑस्टियोपोरोटिक फ्रैक्चर के बारे में विस्तार में बताया एवं उसको पहचानने के तरीके भी बताए.
कार्यक्रम के वक्ताओं, डॉ. सुजीत गौतम, एसजीपीआई लखनऊ ने कमर दर्द से संबंधित पेन जनरेटर साईट को बारीकी से समझाया. डॉ. संदीप खूबा ने डिस्क के सूखने, फटने, और हर्नियेटेड करने से उठने वाले कमर दर्द साईटिका पर प्रकाश डाला. डॉ. मनीष सिंह, केजीएमयू ने कमर के छोटे जोड़ों जिन्हें फेसेट जोड़ कहते हैं, में सूजन गठिया या सूक्ष्म ट्रामा या गैप होने पर हड्डी के आगे पीछे खिसकने (लिस्थेसिस) की जानकारी दी.
डॉ. राखी ने सेक्रोइलियेक जोड़ पर एवं डॉ. अमितेश ने रीढ़ की हड्डी में बोन सीमेंट पर चर्चा की. सहारा अस्पताल के विशेषज्ञ डॉ. देवेन्द्र सिंह ने दूरबीन विधि से स्पाइन की समस्या का इलाज जैसे- फोरामिनोप्लास्टी, डिस्केक्टमी, पर बारीक बातें बताई.
कार्यक्रम के अंत मे पैनल डिस्कशन किया गया, जिसमें लो बैक पेन और उसके रोकथाम के लिए चिकित्सकों द्वारा बताए गए महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा की. बैक पेन मैनेजमेन्ट पेन फिजीशियन की भूमिका पर प्रकाश डाला गया. साथ ही क्रोनिक पेन से ग्रसित मरीज को सबसे पहले पेन फिजीशियन से कंसल्ट करने की सलाह दी गयी.
पैनल डिस्कशन डॉ. अनुराग अग्रवाल, डॉ. सरिता सिंह, डॉ. वीरेन्द्रर सिंह गोगीया (विभागाध्यक्ष, पीएमआर), डॉ. विनीत कुमार (आर्थोपेडिक्स विभाग), डॉ. दीपक सिंह (न्यूरोसर्जरी विभाग), डॉ. एके सिंह (न्यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष), डॉ. देवेन्द्र सिंह, सहारा अस्पताल, डॉ. रितु करोली (मेडिसीन विभाग), डॉ. सिद्धार्थ वर्मा पैनलिस्ट थे.
पैनल में उन मरीजों के बारे में भी विचार-विर्मश किया गया, जो कमर दर्द से पीड़ित थे. कमर दर्द में दवाईयों, मिप्सीज और र्सजरी की क्या भूमिका है और किन मरीजों में मिप्सीज ज्यादा जरूरी है और कब हमें उन्हें सर्जरी के लिए भेजा जाना चाहिए पर चर्चा के साथ पेन फिजीशियन द्वारा मिप्सीज के बाद कमर को मजबूत करने की एक्सरसाईज, कोर की एक्सरसाईज और ब्रिस्क वाकिंग को भी अहम बताया गया. चर्चा में यह मंतव्य बना की हमें एक Multispeciality Unit बनाकर उपचार करना चाहिए.
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