लखनऊ: राजधानी के प्रसिद्ध ऐतिहासिक इमामबाड़े में इस समय सन्नाटा पसरा हुआ है. यहां पर लगने वाली पर्यटकों की भीड़ काफी कम हो गई है, जिसके कारण इमामबाड़े के आस-पास के लोगों का धंधा-पानी बंद हो गया है. यहां गुजर बसर करने वाले लोगों को अपनी आजीविका चलाने में काफी समस्या आ रही है. पूरे देश में कोरोना का संक्रमण फैला हुआ है, इससे बहुत कम पर्यटक इमामबाड़े में घूमने के लिए आ रहे हैं.
कोरोना ने छीना लोगों का रोजगार. जूती बेचने वाली इंदु का कहना है कि लगातार जिस तरह से यहां पर भीड़ कम हो रही है, उसके चलते इमामबाड़े के आस-पाल के लोगों का धंधा पानी बंद हो गया है. लोगों को एक टाइम के खाने-पीने तक की समस्याएं आ गई हैं. इंदु ने कहा कि ऐतिहासिक स्थलों को देखने पब्लिक आ नहीं रही है, जिसके कारण यहां पर लगने वाली दुकानें काफी कम भी हो गई हैं. जो खुली हैं उनके सामानों की बिक्री भी नहीं हो रही है.
इमारतें फिर होंगी गुलजार
वहीं ऐतिहासिक इमामबाड़े पर सन्नाटे के सवाल पर इतिहासकार योगेश प्रवीन का कहना है कि आज-कल लोग घरों से कम निकल रहे हैं, लेकिन धीरे-धीरे लोग निकलेंगे. वक्त बदलेगा और यह ऐतिहासिक इमारतें फिर से गुलजार होंगी.
कोरोना ने किया पर्यटकों का आना बंदवहीं दुकानदार शकील अहमद का कहना है कि जिस तरह से पूरे देश में कोरोना का संक्रमण फैला हुआ है, उससे निश्चित रूप से इसका असर इमामबाड़े पर भी बुरी तरीके से पड़ा है. यहां पर उमड़ने वाली पर्यटकों की भारी भीड़ आना बंद हो गई है, जिसके कारण यहां से अपनी आजीविका चलाने वाले लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. शकील का कहना है कि छोटा इमामबाड़ा, बड़ा इमामबाड़ा, भूल भुलैया में बड़ी संख्या में पर्यटक आते थे, जिससे यहां बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार भी मिलता था, लेकिन कोरोना के संक्रमण के कारण यह संख्या काफी कम हो गई है.
बताते चलें कि लखनऊ के ऐतिहासिक इमामबाड़ा भूल भुलैया को देखने पूरे देश से बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं, लेकिन पूरे देश में कोरोना का संक्रमण फैला हुआ है. इसके कारण यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या काफी कम हो गई है, जिसके कारण इस इमामबाड़े के सहारे अपनी आजीविका चलाने वाले लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.