लखनऊ: प्रदेश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामले पर ब्रेक लगाने के लिए वैक्सीन एक ठोस हथियार है. ऐसे में अब उत्तर प्रदेश में पांचवें चरण के टीकाकरण के लिए नए सिरे से रणनीति तैयार की जा रही है. इसमें 18 वर्ष से ऊपर के लोगों का वैक्सीनेशन किया जाएगा. इसके लिए 28 अप्रैल से पंजीकरण शुरू होगा.
राज्य में जनवरी महीने से कोरोना वैक्सीनेशन की शुरूआत हुई थी. सरकार ने सबसे पहले हेल्थ वर्करों के टीकाकरण का फैसला लिया था. इसके बाद फ्रंट वर्करों को वैक्सीन लगाई गई थी. उसके बाद 60 वर्ष से ऊपर और 45 वर्ष से अधिक बीमार लोगों का वैक्सीनेशन किया गया था. वहीं, अब 45 साल से ऊपर के लोगों का वैक्सीनेशन किया जा रहा है. इसके लिए डॉक्टर से बीमारी के प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है. अब पांचवें चरण में 18 वर्ष के ऊपर के लोगों का टीकाकरण किया जाएगा. जिसकी तादाद तकरीबन 9 करोड़ है.
जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, सीएचसी में सप्ताह में 6 दिन वैक्सीन लगाई जा रही है. राजकीय व अन्य अवकाश पड़ने पर भी वैक्सीनेशन का काम बंद नहीं होगा. पीएचसी, हेल्थ वेलनेस सेंटर पर भी वैक्सीन लगाई जा रही है. अब तक 1 करोड़ 18 लाख लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है. केजीएमयू, पीजीआई, लोहिया में ऑक्सीजन की आपूर्ति बहाल हो गई है. वहीं नर्सिंग होमों में संकट बरकरार है.
ये हैं नियम
- सोमवार से शनिवार तक सभी मेडिकल कॉलेज, जिला चिकित्सालय व सीएचसी पर वैक्सीन लगाई जाएगी.
- पीएचसी-हेल्थ वेलनेस सेंटर पर सोमवार, गुरुवार व शुक्रवार को वैक्सीनेशन होगा.
- कोविन पोर्टल. http://cowin.gov.in पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन व सेंटर पर ऑफ लाइन पंजीकरण
- दो तरह की वैक्सीन है. पहली का नाम है को-वैक्सीन, दूसरा नाम है कोविड-शील्ड
- जिन लोगों ने को-वैक्सीन लगवाई है. उनकी दूसरी डोज चार सप्ताह के बाद लगेगी
- कोविड शील्ड लगवाई है. उनकी दूसरी डोज 6 से 8 सप्ताह के बीच लगेगी
- वर्तमान में राज्य के 6,675 केंद्रों पर वैक्सीन लगने की व्यवस्था है.
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