लखनऊः बाल रोग विशेषज्ञ 0 से 2 वर्ष के बच्चों को वर्तमान स्वरूप में कोविड-19 का टीका देने के बारे में सहमत नहीं हैं. इसको लेकर चल रही मंथन के बीच नेजल स्प्रे (Nasal Spray) के रूप में बच्चों को कोविड-19 (Covid-19) का टीका देने का सुझाव बाल रोग विशेषज्ञ ने दिए हैं. संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में पिछले दिनों हुए वेबनार में इस पर व्यापक चर्चा हुई. बताया गया कि इस पर ट्रायल भी शुरू हो गया है.
भारत से होगी नेजल स्प्रे की शुरुआत
एसजीपीजीआई (SGPGI) के निदेशक प्रोफेसर राधाकृष्ण धीमान के मुताबिक बच्चों को नेजल स्प्रे के रूप में कोविड-19 का टीका देने की शुरुआत भारत से ही होगी. इस दिशा में वैज्ञानिक काफी आगे बढ़ चुके हैं. उन्होंने कहा कि वर्तमान स्वरूप में छोटे बच्चों को कोविड-19 का टीका देना उचित नहीं होगा. खास तौर पर 0 से 2 वर्ष के बच्चों को. तीसरी लहर में बच्चों के संक्रमित होने की संभावना के दृष्टिगत इस पर काम तेज हुआ है.
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जीवन भर काम नहीं कर सकता कोविड का टीका
एसजीपीजीआई के निदेशक का कहना है कि कोविड-19 का टीका ऐसा टीका नहीं है कि उसे एक बार लगवा लेने के बाद जीवन भर काम करने की गारंटी हो. उदाहरण के लिए हेपेटाइटिस बी (Hepatitis B) का टीका जीवन भर काम करता है. कोविड-19 का टीका एंटीबॉडी बनाता है, जिसकी समय सीमा निश्चित नहीं है. यह कब तक काम करेगा, इस पर शोध हो रहा है.
उन्होंने कहा कि यदि कोविड-19 से बच्चे संक्रमित होते हैं तो उनके लिए दवाइयां भी अलग तरह की होंगी. इंजेक्शन भी दूसरे तरह के होंगे. उनकी देखभाल का तरीका अलग होगा. इसके लिए एसजीपीजीआई नर्सों को ट्रेंड कर रहा है.