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70 हजार बंदियों में 1690 पाए गए थे कोरोना संक्रमित, अब हुए ठीक

उत्तर प्रदेश की जेलों में निरुद्ध कैदियों को कोरोना वायरस से बचाने के लिए सरकार ने तमाम प्रयास किए हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदेश में 70 हजार कैदियों का कोरोना टेस्ट कराया गया है, जिसमें से 1,690 बंदी वायरस से संक्रमित पाए गए थे, जो अब ठीक बताए जा रहे हैं.

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जेलों में निरुद्ध कैदी संक्रमित होने के बाद हुए ठीक.
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Published : Aug 25, 2020, 8:24 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए उत्तर प्रदेश सरकार लगातार सक्रिय है. जहां आम लोगों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, वहीं जेलों में बंद कैदियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए प्रदेश सरकार लगातार प्रयासरत नजर आ रही है. गृह विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, अब तक 70,000 कैदियों का कोरोना टेस्ट कराया गया है, जिसमें से 1,690 बंदी वायरस से संक्रमित पाए गए थे, जो इलाज के बाद ठीक हो गए हैं. वहीं अभी तक 59 जेल स्टाफ कोविड-19 से संक्रमित हुए हैं.

कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए जेल प्रशासन की ओर से तमाम कदम उठाए गए हैं. प्रदेश के 74 जिलों में 83 अस्थाई जेलों का निर्माण किया गया है. पहले कैदियों को अस्थाई जेलों में रखा जाता है, फिर उनकी कोरोना जांच कराई जाती है. जब उनकी जांच रिपोर्ट निगेटिव आती है, तो उन्हें स्थाई जेल में भेजा जाता है.

जेलों के अंदर कैदियों को मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं. कैदियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए जेल में प्रतिदिन आयुष मंत्रालय की गाइडलाइन के तहत आयुर्वेदिक काढ़ा भी उपलब्ध कराया जा रहा है. कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम में अपना योगदान देते हुए जेल में बंद कैदियों ने 30 लाख मास्क और 2,400 पीपीई किट बनाकर सरकार की सहायता की है.

कोविड-19 संक्रमण की विपरीत परिस्थितियों के दौरान बंदियों को मनोवैज्ञानिक तौर पर स्वस्थ बनाए रखने के उद्देश्य से उन्हें प्रतिदिन योगा कराया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर पीसीओ की मदद से बंदियों की उनके परिजनों से बात भी कराई जा रही है. इस दौरान रेडियो और टेलीविजन की मदद से बंदियों का मनोरंजन भी कराया जा रहा है.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए उत्तर प्रदेश सरकार लगातार सक्रिय है. जहां आम लोगों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, वहीं जेलों में बंद कैदियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए प्रदेश सरकार लगातार प्रयासरत नजर आ रही है. गृह विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, अब तक 70,000 कैदियों का कोरोना टेस्ट कराया गया है, जिसमें से 1,690 बंदी वायरस से संक्रमित पाए गए थे, जो इलाज के बाद ठीक हो गए हैं. वहीं अभी तक 59 जेल स्टाफ कोविड-19 से संक्रमित हुए हैं.

कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए जेल प्रशासन की ओर से तमाम कदम उठाए गए हैं. प्रदेश के 74 जिलों में 83 अस्थाई जेलों का निर्माण किया गया है. पहले कैदियों को अस्थाई जेलों में रखा जाता है, फिर उनकी कोरोना जांच कराई जाती है. जब उनकी जांच रिपोर्ट निगेटिव आती है, तो उन्हें स्थाई जेल में भेजा जाता है.

जेलों के अंदर कैदियों को मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं. कैदियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए जेल में प्रतिदिन आयुष मंत्रालय की गाइडलाइन के तहत आयुर्वेदिक काढ़ा भी उपलब्ध कराया जा रहा है. कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम में अपना योगदान देते हुए जेल में बंद कैदियों ने 30 लाख मास्क और 2,400 पीपीई किट बनाकर सरकार की सहायता की है.

कोविड-19 संक्रमण की विपरीत परिस्थितियों के दौरान बंदियों को मनोवैज्ञानिक तौर पर स्वस्थ बनाए रखने के उद्देश्य से उन्हें प्रतिदिन योगा कराया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर पीसीओ की मदद से बंदियों की उनके परिजनों से बात भी कराई जा रही है. इस दौरान रेडियो और टेलीविजन की मदद से बंदियों का मनोरंजन भी कराया जा रहा है.

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