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परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार: महिला अधिकारी की कारस्तानी, कर डाला ये काम

मथुरा आरटीओ कार्यालय ने तय 72 ड्राइविंग लाइसेंस के बजाय एक दिन 210 से लेकर 240 स्लॉट आवंटित किए. वहीं उन्नाव एआरटीओ कार्यालय से भी एक ही दिन में 543 लर्नर लाइसेंस जारी किए गए हैं. इन दोनों मामलों में घपलेबाजी का अंदेशा है. लिहाजा, परिवहन विभाग दोनों जिलों के संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब करने की तैयारी की है.

आरटीओ में भ्रष्टाचार
आरटीओ में भ्रष्टाचार
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Published : Aug 26, 2021, 8:47 PM IST

लखनऊ: कोरोना संक्रमण (corona infection) के दौरान परिवहन विभाग के अधिकारियों ने आपदा में अवसर खोज लिया. मथुरा एआरटीओ (Mathura Arto) कार्यालय की एक महिला आरआई ने बिना विभागीय अनुमति के ड्राइविंग लाइसेंस के टाइम स्लॉट बढ़ा लिए. वहीं उन्नाव एआरटीओ कार्यालय में तैनात आरआई ने एक ही दिन में 500 से ज्यादा लाइसेंस जारी कर दिए. अब इन दोनों अधिकारियों पर परिवहन विभाग की तरफ से जवाब-तलब किए जाने की तैयारी है. मुख्यालय के अधिकारियों को संदेह है कि दोनों ही मामलों में आरआई ने कमाई के लिए यह जरिया अपनाया है.

कोरोना के दौर में जब सोशल डिस्टेंसिंग के लिए परिवहन विभाग ने मार्च माह में सभी कार्यालय के लाइसेंस स्लॉट की संख्या कम कर दी थी तो मथुरा एआरटीओ कार्यालय को सिर्फ हर रोज 72 ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने की अनुमति मिली थी. हर दिन 72 ड्राइविंग लाइसेंस आरटीओ कार्यालय की तरफ से जारी हो सकते थे, लेकिन यहां तैनात महिला अधिकारी नीतू शर्मा ने मथुरा एआरटीओ कार्यालय के लिए ड्राइविंग लाइसेंस के मनमाने स्लॉट आवंटित कर लिए. हर रोज 210 से लेकर 240 तक लाइसेंस के स्लॉट मथुरा एआरटीओ कार्यालय में मिलीभगत कर आवंटित कर लिए गए. मुख्यालय को अब इसकी जानकारी लगी है तो संभागीय निरीक्षक नीतू शर्मा के खिलाफ जांच की तैयारी है. अप्रैल माह से एआरटीओ कार्यालय से 210 ड्राइविंग लाइसेंस से लेकर 240 ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने का खेल जारी है. लाइसेंस जारी करने के इस खेल में बड़ा घपला हुआ है. एक दिन पहले ही परिवहन विभाग मुख्यालय की तरफ से फिर से एआरटीओ मथुरा को संशोधित कर 72 स्लॉट आवंटित किए गए हैं.

जानकारी देते संवाददाता
मथुरा आरटीओ कार्यालय को 72 ड्राइविंग लाइसेंस के बजाय 210 से लेकर 240 स्लॉट आवंटित होने का खेल एनआईसी ने खेला है. बाकायदा एनआईसी ने पूरे डाटा के साथ परिवहन विभाग मुख्यालय को इसकी जानकारी दी है. अब ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने मथुरा आरटीओ कार्यालय में तैनात आरआई नीतू शर्मा से स्पष्टीकरण मांगा है.
आखिर कैसे बढ़ जाते हैं स्लॉट सवाल यह भी है कि जब परिवहन विभाग की तरफ से एनआईसी के सॉफ्टवेयर पर प्रदेश के सभी एआरटीओ कार्यालय की स्लॉट संख्या निर्धारित कर रखी गई है तो अधिकारी अपनी तरफ से मनमाने तरीके से स्लॉट कैसे बढ़ा सकते हैं. कहीं न कहीं इस खेल में एनआईसी की भी मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता है.

यह भी पढ़ें-आवेदकों की समस्या बढ़ा देता है सर्वर, दलालों की कर देता है चांदी


उन्नाव एआरटीओ कार्यालय से एक दिन में जारी हुए 543 लाइसेंस
खेल सिर्फ मथुरा एआरटीओ कार्यालय में ही स्लॉट आवंटन का चल रहा हो, ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. उन्नाव एआरटीओ कार्यालय से भी एक ही दिन में 543 लर्नर लाइसेंस जारी किए गए हैं. तीन अगस्त को इस कार्यालय ने 543 लर्नर लाइसेंस अप्रूव किए हैं, यह भी अपने आप में गंभीर मामला है. इस एआरटीओ कार्यालय के लिए लर्नर लाइसेंस की संख्या 201 निर्धारित है. एक दिन में अगर 201 लर्नर लाइसेंस के स्लॉट हैं भी तो क्या हर रोज 201 आवेदकों के लाइसेंस एआरटीओ कार्यालय में बन जाते हैं. अगर, बनते हैं तो हर रोज इन्हें अप्रूव क्यों नहीं किया जाता? आखिर आवेदक पास होने के बावजूद उसी दिन अपना लाइसेंस क्यों नहीं पा पाते हैं. जाहिर सी बात है कि इसमें भी कहीं न कहीं खेल जरूर हो रहा है.

इसे भी पढे़ं-कोरोना काल में दलालों की हो रही चांदी, लाइसेंस के नाम पर जमकर वसूली

उन्नाव एआरटीओ कार्यालय से एक दिन में 543 लाइसेंस अप्रूव होने पर एआरटीओ आदित्य त्रिपाठी ने ईटीवी भारत को फोन पर सफाई दी है. उनका कहना है कि एक दिन में 201 लर्नर लाइसेंस के स्लॉट हैं. ऐसे में दो या तीन दिन लाइसेंस अप्रूव नहीं हो पाए होंगे या कोई अवकाश पड़ गया होगा. इसलिए एक दिन में इन लाइसेंस को अप्रूव किया गया होगा. शायद इसी वजह से इतनी संख्या एक दिन में पहुंची है. आरआई से इस बारे में जानकारी मांगी गई है. कुछ भी गलत होगा तो कार्रवाई होगी. ट्रांसपोर्ट कमिश्नर धीरज साहू ने कहा कि मथुरा एआरटीओ कार्यालय का मामला संज्ञान में आया है. यहां पर निर्धारित संख्या से ज्यादा स्लॉट की जानकारी मिली है. इस मामले में संबंधित अधिकारी से जवाब मांगा गया है. उन्नाव का मामला भी संज्ञान में है. इसकी भी जांच कराई जाएगी.

लखनऊ: कोरोना संक्रमण (corona infection) के दौरान परिवहन विभाग के अधिकारियों ने आपदा में अवसर खोज लिया. मथुरा एआरटीओ (Mathura Arto) कार्यालय की एक महिला आरआई ने बिना विभागीय अनुमति के ड्राइविंग लाइसेंस के टाइम स्लॉट बढ़ा लिए. वहीं उन्नाव एआरटीओ कार्यालय में तैनात आरआई ने एक ही दिन में 500 से ज्यादा लाइसेंस जारी कर दिए. अब इन दोनों अधिकारियों पर परिवहन विभाग की तरफ से जवाब-तलब किए जाने की तैयारी है. मुख्यालय के अधिकारियों को संदेह है कि दोनों ही मामलों में आरआई ने कमाई के लिए यह जरिया अपनाया है.

कोरोना के दौर में जब सोशल डिस्टेंसिंग के लिए परिवहन विभाग ने मार्च माह में सभी कार्यालय के लाइसेंस स्लॉट की संख्या कम कर दी थी तो मथुरा एआरटीओ कार्यालय को सिर्फ हर रोज 72 ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने की अनुमति मिली थी. हर दिन 72 ड्राइविंग लाइसेंस आरटीओ कार्यालय की तरफ से जारी हो सकते थे, लेकिन यहां तैनात महिला अधिकारी नीतू शर्मा ने मथुरा एआरटीओ कार्यालय के लिए ड्राइविंग लाइसेंस के मनमाने स्लॉट आवंटित कर लिए. हर रोज 210 से लेकर 240 तक लाइसेंस के स्लॉट मथुरा एआरटीओ कार्यालय में मिलीभगत कर आवंटित कर लिए गए. मुख्यालय को अब इसकी जानकारी लगी है तो संभागीय निरीक्षक नीतू शर्मा के खिलाफ जांच की तैयारी है. अप्रैल माह से एआरटीओ कार्यालय से 210 ड्राइविंग लाइसेंस से लेकर 240 ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने का खेल जारी है. लाइसेंस जारी करने के इस खेल में बड़ा घपला हुआ है. एक दिन पहले ही परिवहन विभाग मुख्यालय की तरफ से फिर से एआरटीओ मथुरा को संशोधित कर 72 स्लॉट आवंटित किए गए हैं.

जानकारी देते संवाददाता
मथुरा आरटीओ कार्यालय को 72 ड्राइविंग लाइसेंस के बजाय 210 से लेकर 240 स्लॉट आवंटित होने का खेल एनआईसी ने खेला है. बाकायदा एनआईसी ने पूरे डाटा के साथ परिवहन विभाग मुख्यालय को इसकी जानकारी दी है. अब ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने मथुरा आरटीओ कार्यालय में तैनात आरआई नीतू शर्मा से स्पष्टीकरण मांगा है. आखिर कैसे बढ़ जाते हैं स्लॉट सवाल यह भी है कि जब परिवहन विभाग की तरफ से एनआईसी के सॉफ्टवेयर पर प्रदेश के सभी एआरटीओ कार्यालय की स्लॉट संख्या निर्धारित कर रखी गई है तो अधिकारी अपनी तरफ से मनमाने तरीके से स्लॉट कैसे बढ़ा सकते हैं. कहीं न कहीं इस खेल में एनआईसी की भी मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता है.

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उन्नाव एआरटीओ कार्यालय से एक दिन में जारी हुए 543 लाइसेंस
खेल सिर्फ मथुरा एआरटीओ कार्यालय में ही स्लॉट आवंटन का चल रहा हो, ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. उन्नाव एआरटीओ कार्यालय से भी एक ही दिन में 543 लर्नर लाइसेंस जारी किए गए हैं. तीन अगस्त को इस कार्यालय ने 543 लर्नर लाइसेंस अप्रूव किए हैं, यह भी अपने आप में गंभीर मामला है. इस एआरटीओ कार्यालय के लिए लर्नर लाइसेंस की संख्या 201 निर्धारित है. एक दिन में अगर 201 लर्नर लाइसेंस के स्लॉट हैं भी तो क्या हर रोज 201 आवेदकों के लाइसेंस एआरटीओ कार्यालय में बन जाते हैं. अगर, बनते हैं तो हर रोज इन्हें अप्रूव क्यों नहीं किया जाता? आखिर आवेदक पास होने के बावजूद उसी दिन अपना लाइसेंस क्यों नहीं पा पाते हैं. जाहिर सी बात है कि इसमें भी कहीं न कहीं खेल जरूर हो रहा है.

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उन्नाव एआरटीओ कार्यालय से एक दिन में 543 लाइसेंस अप्रूव होने पर एआरटीओ आदित्य त्रिपाठी ने ईटीवी भारत को फोन पर सफाई दी है. उनका कहना है कि एक दिन में 201 लर्नर लाइसेंस के स्लॉट हैं. ऐसे में दो या तीन दिन लाइसेंस अप्रूव नहीं हो पाए होंगे या कोई अवकाश पड़ गया होगा. इसलिए एक दिन में इन लाइसेंस को अप्रूव किया गया होगा. शायद इसी वजह से इतनी संख्या एक दिन में पहुंची है. आरआई से इस बारे में जानकारी मांगी गई है. कुछ भी गलत होगा तो कार्रवाई होगी. ट्रांसपोर्ट कमिश्नर धीरज साहू ने कहा कि मथुरा एआरटीओ कार्यालय का मामला संज्ञान में आया है. यहां पर निर्धारित संख्या से ज्यादा स्लॉट की जानकारी मिली है. इस मामले में संबंधित अधिकारी से जवाब मांगा गया है. उन्नाव का मामला भी संज्ञान में है. इसकी भी जांच कराई जाएगी.

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