लखनऊ: कोरोना संक्रमण के मामले में उत्तर प्रदेश के लोग थोड़ी राहत भले ही महसूस कर सकते हैं, लेकिन पहले से ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है. क्योंकि बीते नौ दिनों में यहां संक्रमितों की संख्या में कमी आई है. लेकिन चिंता की बात यह है कि कोरोना ने अपने आक्रामक रूप को और बढ़ा लिया है. यही वजह है कि अप्रैल महीने के अंतिम नौ दिनों में 2,235 मौतें हुईं थीं, वहीं मई महीने के शुरूआती नौ दिनों में 2,882 लोगों को अपना शिकार बना चुका है. जबकि, सरकार के द्वारा टेस्ट बढ़ाए गए हैं. इसलिए आप घरों के निकलने सावधानी बरतें और जबतक बहुत जरूरी न हो, अपने घरों से न निकलें. क्योंकि अस्पतालों में चिकित्सा व्यवस्था की हालत अभी भी चरमराई हुई है. अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन और वेटिलेटर के लिए मरीज परेशान हैं.
संख्या कम होने के पीछे लॉकडाउन एक वजह
उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या में कमी के पीछे लॉकडाउन को एक बड़ी वजह के रूप में देखा जा रहा है. क्योंकि योगी आदित्यनाथ की सरकार ने इस महीने से वीकेंड लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू भी लागू कर दिया है. जिसकी वजह से लोगों का एक-दूसरे से संपर्क कम हुआ है. यह बात और है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जब योगी सरकार को पांच प्रमुख प्रभावित शहरों में लॉकडाउन लगाने के आदेश दिए थे, तो सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को दरवाजा खटखटा दिया था.
अब सरकार लगातार बढ़ा रही है कर्फ्यू का समय
इलाहाबाद हाईकोर्ट के लॉकडाउन के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट तक को दरवाजा खटखटाने वाली योगी सरकार वापस उसी फार्मूले पर आ गई. पहले रात 9 बजे से सुबह 5 बजे तक कर्फ्यू लागू किया गया. बाद में वाकेंड लॉकडाउन लगाने के आदेश दे दिए. लेकिन कोरोना की रफ्तार कम नहीं होती दिखी तो सरकार ने लॉकडाउन के दिनों में बढ़ोतरी कर दी, अब यूपी में आगामी 17 मई तक लॉकडाउन लगाया गया है.
कोरोना टेस्टिंग बढ़ी
अप्रैल के अंतिम हफ्ते की तुलना में कोरोना टेस्टिंग की संख्या बढ़ी है. अप्रैल के अंतिम नौ दिन में जहां 19,84,286 टेस्ट किए गए, जिनमे 3,11,409 मरीजों में वायरस की पुष्टि हुई है. इस दौरान 2,235 मौतें हुई थी. वहीं, मई के पहले नौ दिनों में 21,65,008 टेस्ट हुए, जिनमे 2,52,551 मरीज संक्रमित पाए गए. इसमें 2,882 लोगों की जान चली गई. जिसे चिकित्सा विशेषज्ञ ज्यादा घातक मान रहे हैं.
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव अपने राज्य में सक्रिय हुए योगी
जबतक पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार चले यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत लगभग पूरा मंत्रिमंडल वहां व्यस्त रहा. नतीजा, राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या और उससे हो रहीं मौतों के आंकड़े बढ़ते रहे. लेकिन अब सरकार राज्य में अपनी सक्रियता बढ़ाने की कोशिश में जुटी है. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि कोरोना संक्रमितों के गिरते आकड़े सरकारी प्रयासों को परिणाम है, या इसका प्रभाव कमजोर पड़ने लगा है.