लखनऊः कोचिंग पढ़ने गई 17 वर्षीय छात्रा का अपहरण कर दुराचार करने के अभियुक्त अजय कुमार को अपर सत्र न्यायाधीश राम विलास प्रसाद ने दोषसिद्ध करार दिया है. सजा के बिंदु पर सुनवाई के पश्चात कोर्ट ने सोमवार को दोषी अजय कुमार को सात वर्ष के कठोर कारावास के साथ 12 हजार रुपये जुर्माना लगाया है. कोर्ट में सरकारी वकील शशि पाठक व प्रवीण अवस्थी ने दलील दी कि मामले की एफआईआर वादी ने अमीनाबाद थाने में 17 नवम्बर 2017 को दर्ज कराई थी. वादी की पुत्री महिला कॉलेज के होस्टल में रहकर पढ़ाई करती थी.17 नवम्बर 2017 को वादी की पुत्री कोचिंग पढ़ने गई थी लेकिन वापस नही आई. वादी ने बताया कि दोपहर को उसकी पुत्री का फोन आया कि वह फैज़ाबाद में है और आरोपी उसे जबरन ले गया है. पुलिस को विवेचना के दौरान पता चला कि आरोपी ने पीड़िता के साथ दुराचार किया है.
गैर इरादतन हत्या के मामले में दोषी 10 वर्ष का कारावास
वहीं गैर इरादतन हत्या करने के अभियुक्त मुकेश को अपर सत्र न्यायाधीश रेखा शर्मा ने 10 वर्ष के कठोर कारावास के साथ 20 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है. जुर्माने की धनराशि अदा न करने पर दोषी को एक वर्ष का साधारण कारावास और भुगतना होगा.
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अदालत के समक्ष अभियोजन की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता आशीष पांडे का तर्क था इस घटना की रिपोर्ट वादी मंटू ने 18 नवंबर 2013 को थाना इटौंजा में दर्ज कराई थी. वादी मंटू ने रिपोर्ट में कहा है कि उसके भाई नंदराम से हुई लड़ाई-झगड़े को लेकर पिता राम प्रसाद को रात्रि करीब दस बजे गांव के नरेश व मुकेश ने लात-घूसों से बुरी तरह से मारा-पीटा तथा गंदी गालियां व जानमाल की धमकी दी. लात-घूसों से पिटाई के बाद राम प्रसाद को अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई है. पुलिस ने इस मामले में नरेश व मुकेश के विरुद्ध अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था. विचारण के दौरान नरेश की मृत्यु हो जाने के कारण मुकेश के खिलाफ मुकदमा चला तथा दोषी पाए जाने पर उसे कारावास व जुर्माने की सजा से दंडित किया गया.