लखनऊ: प्रदेश के सभी प्रमुख दल विधानसभा की तैयारी में जुट गए हैं. कांग्रेस पार्टी भी इस चुनाव में कोई कोर-कसर छोड़ना नहीं चाहती. प्रियंका गांधी भी उत्तर प्रदेश के चुनाव को लेकर बहुत गंभीर हैं. ऐसे में पार्टी की तैयारियों के संबंध में ईटीवी भारत ने बात की कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता और विधायक आराधना मिश्रा 'मोना' से. वह तीन बार ब्लॉक प्रमुख रही हैं. इसके बाद वह अपने पिता और वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी के विधानसभा क्षेत्र रामपुर खास से विधायक बनीं. प्रियंका गांधी के बेहद करीब मानी जाने वाली आराधना मिश्रा ने बीकॉम करने के बाद एमबीए की पढ़ाई की है.
प्रश्न : कुछ माह बाद प्रदेश में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं. कांग्रेस के सामने किस तरह की चुनौतियां देखती हैं आप ?
उत्तर : जब से प्रियंका गांधी ने जनरल सेक्रेटरी के रूप में उत्तर प्रदेश की कमान संभाली है, हमारा लगातार प्रयास संगठन को मजबूत करना है. मुझे लगता है कि चुनाव जीतने के लिए यदि सबसे मजबूत कुछ है तो वह है पोलिंग बूथ तक हमारी मजबूती. हम इसी उद्देश्य को लेकर के चल रहे हैं. लंबे समय से कांग्रेस पावर में नहीं रही है. चुनौतियां बहुत सारी हैं. हमें विश्वास है कि हम अपने मुद्दों को लेकर जनता के बीच में जाएंगे. कांग्रेस ने मजबूत और जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका निभाई है. मुझे विश्वास है कि 2022 में कांग्रेस पार्टी एक विकल्प बनकर सामने आएगी.
प्रश्न : चुनाव में कम समय बचा है और अभी आपके संगठन का विस्तार होना बाकी है. अनुषांगिक संगठनों का विस्तार भी होना बाकी है. ऐसा नहीं लगता कि जमीनी स्तर पर आपकी तैयारियां अभी बहुत कम हैं ?
उत्तर : मैं इससे सहमत नहीं हूं. डेढ़-दो साल पहले की जो स्थिति थी हम आज उससे बहुत अच्छी स्थिति में हैं. जिले से लेकर पंचायत स्तर तक हम संगठन बना चुके हैं. सौ प्रतिशत तो नहीं, लेकिन यह सतत प्रक्रिया है. हमने पंचायत चुनाव में पहले से काफी बेहतर प्रदर्शन किया.
प्रश्न : पंचायत चुनाव में कांग्रेस की एक साख वाली रायबरेली की सीट थी, वह भी नहीं बची. फिर भी आपको लगता है कि आप विधानसभा चुनावों में बेहतर प्रदर्शन करेंगी ?
उत्तर : जिस तरह से प्रशासन ने तांडव और लोकतंत्र की हत्या की, सदस्यों को उठा लिया गया और उन पर दबाव डाला गया, यही स्थिति रायबरेली में भी थी. हम लगातार डीएम से शिकायत करते रहे कि हम निष्पक्ष चुनाव चाहते हैं, पर सुनवाई नहीं हुई. यही वजह है कि हम रायबरेली में नहीं जीत पाए.
प्रश्न : इस चुनाव में किन मुद्दों को लेकर कांग्रेस मैदान में उतरेगी ?
उत्तर : मुद्दों की तो कोई कमी नहीं है. भ्रष्टाचार और महंगाई चरम पर है. मिडिल क्लास सबसे ज्यादा प्रभावित है. कानून व्यवस्था के नाम पर ही यह सरकार आई थी. हालांकि कानून व्यवस्था की जितनी धज्जियां इस सरकार में उड़ीं उतनी किसी में नहीं. खासकर महिलाओं के प्रति अपराधों में बेतहाशा वृद्धि हुई. बड़े महिला अपराधों में भारतीय जनता पार्टी के लोग शामिल थे. आवारा पशुओं और किसानों का भी बड़ा मुद्दा है. बेरोजगारी और गन्ना किसानों के भुगतान का विषय है.
प्रश्न : कोरोना नियंत्रण को लेकर सरकार के दावे हैं कि उन्होंने बड़ा अच्छा काम किया. इसे कैसे देखती हैं आप ?
उत्तर : पूरी तरह से असफल रही है सरकार. पहली वेव के लिए हम मानते हैं कि हम तैयार नहीं थे. जब सेकेंड वेव आई उस समय हम पहली वेव का असर देख चुके थे. हमारी कहां कमियां हैं, हम यह भी देख चुके थे. क्या सरकार को आने वाली चुनौतियों के लिए तैयारी नहीं कर लेनी चाहिए थी ? स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहतर नहीं कर लेना चाहिए था ? दुनिया ने देखा कि प्रदेश में बिना ऑक्सीजन के लोग सड़कों पर मर गए और सरकार कह रही है कि ऑक्सीजन से कहीं कोई मौत नहीं हुई.
प्रश्न : विकास को लेकर सरकार के बड़े दावे हैं. तमाम क्षेत्रों में विकास के लिए तमाम काम किए हैं. इस पर क्या कहेंगी आप ?
उत्तर : अभी तक किसी बड़ी योजना का लोकार्पण करते तो देखा नहीं सरकार को. पिछली सरकारों के कुछ काम रहे हों उन्हें आगे भले ही बढ़ा दिया हो. कौन सा एक्सप्रेस वे जनता के चलने लायक हो गया है ? कौन सी विद्युत परियोजना लेकर आई है यह सरकार ? कौन सी इंडस्ट्री लेकर आई है सरकार ? इन्होंने प्रदेश को विभाजित किया है धर्म के नाम पर, जाति के नाम पर कोई ऐसा काम नहीं किया है, जिसे हम कह सकें कि यह भेंट है सरकार की ओर से उत्तर प्रदेश की जनता को.
प्रश्न : क्या इस चुनाव में आपकी पार्टी किसी दल से गठबंधन करेगी ?
उत्तर : देखिए अभी तक ऐसी कोई चर्चा नहीं है. हां, राजनीति में सभी विकल्प हमेशा खुले रहते हैं. आने वाले दो-तीन माह में हमारी सेना लड़ाई के लिए सुसज्जित और लैस रहेगी. हम किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं. गठबंधन हो या न हो, चुनाव हम पूरी ताकत से लड़ेंगे.
प्रश्न : चुनाव में हार हो या जीत, क्या इसके लिए प्रियंका जी को जिम्मेदार माना जाएगा ?
उत्तर : कैसे आप मान सकते हैं उनको जिम्मेदार? क्या चुनाव प्रियंका जी लड़ रही हैं ? प्रत्याशी और पार्टी चुनाव लड़ती है.
प्रश्न : नेतृत्व तो प्रियंका जी कर रही हैं.
उत्तर : ऐसे तो फिर सबसे बड़ी जिम्मेदारी पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की होगी. मैं इस बात से सहमत नहीं हूं. प्रियंका गांधी जी मेहनत और मार्गदर्शन कर रही हैं. संगठन को लेकर वह मेहनत कर रही हैं. चुनाव तो हम सब लोगों को लड़ना है. प्रियंका जी एक राष्ट्रीय नेता हैं.
प्रश्न : आप यह तो मानेंगी कि प्रियंका जी को कार्यकर्ताओं को और समय देने की जरूरत है. अभी वह लखनऊ आईं थी, तो लखीमपुर दौरे पर चली गईं. जिस महिला से मिलने प्रियंका गईं वह सपा की कार्यकर्ता थी. अजीब दुविधा की स्थिति नहीं है.
उत्तर : शायद आप भूल गए कि लॉकडाउन से पहले प्रियंका जी के पांच से छह कार्यक्रम पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लगे. वह भी उप्र का ही हिस्सा है. आज मैं जब आपसे बात कर रही हूं, इस वक्त भी वह जूम के माध्यम से कार्यकर्ताओं से रूबरू हैं. यह एक दिन का काम नहीं है. वह निरंतर कार्यकर्ताओं से संवाद करती रहती हैं. हां, यह जरूरी नहीं है कि हम अपने सभी कार्यक्रम मीडिया से शेयर करें. जहां तक लखीमपुर जाने की बात है, तो मेरा कहना है कि आखिर वह भी तो महिला थी. एक महिला का दर्द दूसरी महिला से ज्यादा कौन समझेगा.
प्रश्न : इस चुनाव में महिलाओं में कांग्रेस का नेतृत्व प्रियंका जी या आप कर रही हैं. चुनाव में महिलाओं का आपकी पार्टी से नेतृत्व कम होता है. क्या इस चुनाव में महिलाओं की अच्छी भागीदारी होगी ?
उत्तर : कांग्रेस तो सबसे ज्यादा महिलाओं को टिकट देती है. अभी भी 7 में 2 महिला विधायक हैं. हां, मैं जरूर चाहूंगी कि जो हमारी बहनें हैं, जो मेहनत कर सकती हैं, उन्हें टिकट जरूर मिलना चाहिए.
प्रश्न : आप अपनी पार्टी की विधानमंडल दल की नेता हैं. आपके पिता जी ने यह दायित्व 22 साल तक निभाया. जिस विधान सभा से आप चुनकर आती हैं, वहां तीन दशक तक आपके पिता विधायक रहे. आपके सामने एक बड़ी लकीर खींची है आपके पिता जी ने. क्या आपको ऐसा लगता है कि उनसे अच्छा करके दिखाना आपके सामने बड़ी चुनौती है?
उत्तर : मेरा सौभाग्य है कि वह मेरे पिता और गुरु हैं. मैंने बहुत कुछ सीखा है उनसे. 9 बार लगातार विधायक रहकर उन्होंने अपना नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराया है. जाहिर है कि इतना विशाल व्यक्तित्व है. मेरे क्षेत्र के जो लोग हैं, उनकी आकांक्षाएं भी मुझसे बहुत ज्यादा होती हैं. उन्होंने एक विकसित क्षेत्र मुझे विरासत में दिया है. मेरे पास काम करने का स्कोप बहुत कम रह गया है. मेरा प्रयास रहता है कि उनका कोम जो छूटा है, उसे पूरा करूं. मैं उनकी तरह पार्टी से निष्ठा के साथ जुड़ी रहना चाहती हूं.
प्रश्न : कांग्रेस का अभी भविष्य बहुत दिखाई नहीं देता. क्यों आप इसी पार्टी से जुड़ी रहना चाहती हैं ?
उत्तर : पार्टी ने हमें बहुत कुछ दिया है. अभी तक हमें पार्टी की जरूरत थी, लेकिन आज पार्टी को हमारी जरूरत है. मैंने अपने पिता से पार्टी के प्रति निष्ठा सीखी है. मैं जब तक राजनीति में रहूंगी, कांग्रेस में ही रहूंगी. कांग्रेस का तिरंगा जो मेरे पिता ने मेरे हाथ में दिया है, उसे लेकर के चलूंगी. मेरी निष्ठा कांग्रेस पार्टी, गांधी परिवार और रामपुर खास की जनता में है और बनी रहेगी.
प्रश्न : पिछले दिनों आपका एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें आप एक इंजीनियर पर नाराज होती दिखीं. विकास में गुणवत्ता से कोई समझौता न करने की आपकी दृढ़ता दिखाई दी. इसे लेकर क्या कहना चाहेंगी?
उत्तर : वह महिला और बच्चों का एक अस्पताल बन रहा था. क्षेत्र में कहीं महिलाओं व बच्चों का अस्पताल नहीं था. मैंने वहां देखा कि गुणवत्ता से समझौता हो रहा है. यदि आदमी वहां भी बेईमानी करेगा, तो उसे माफ नहीं किया जा सकता. मैंने ईमानदारी से काम किया है. यहां समझौता करने की आवश्यकता नहीं है.
प्रश्न : आप तीन बार ब्लॉक प्रमुख रहीं, उसके बाद विधायक बनीं. लोग कहते हैं कि आप विधायक भले ही हों पर रामपुर खास में चलती पापा की ही है. आप क्या कहेंगी?
उत्तर : जो कुछ भी बना है वहां, उसे उन्होंने अपने खून-पसीने से सींचा है. वह उसके माली हैं. मुझसे पहले जवाबदेही भी उनकी होती है. यह मत समझिए कि सारी अच्छी चीजें उनतक, जो जवाबदेही भी होती है, वह भी उनकी होती है. उनका अपना एक पारिवारिक रिश्ता है. कोई भी त्योहार मेरे पिता ने कभी हम लोगों के साथ नहीं मनाया. सारी खुशियों और सारे दुख उन्होंने अपनी जनता के साथ बिताए हैं. मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि उनकी हमेशा चलती रहे. उनके साए में हम सब काम करते रहें. कोई भी गलती यदि मैं कर लेती हूं, तो उसे सुधारने का मौका मेरे लिए हमेशा रहता है.
प्रश्न : आप प्रियंका जी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आप चल रही हैं. फील्ड में भी आप बहुत सक्रिय रहती हैं. इस चुनाव के लिए क्या तैयारी है आपकी ?
उत्तर : मैंने प्रियंका जी के साथ पहले भी काम किया है. विधानमंडल दल के नेता के रूप में मेरी जिम्मेदारी और बढ़ गई है. जो जिम्मेदारी पार्टी की ओर से मिलेगी, उसे तो पूरा करना ही है.
प्रश्न : इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस कितनी सीटें जीतकर आने वाली है ?
उत्तर : इस सवाल का जवाब केवल ऊपर वाला दे सकता है. भविष्य किसी ने नहीं देखा है. हमें यह देखना है कि राज्य सरकार की असफलताओं को कैसे अपनी सफलता में बदलें. हम कैसे जनता को यह विश्वास दिलाएं कि कांग्रेस ही विकल्प है. कांग्रेस का फोकल विकास रहा है और रहेगा. बाकी दलों ने जाति-धर्म की राजनीति की है. मुझे लगता है कि कांग्रेस एक मजबूत विकल्प बनकर सामने आएगी.