ETV Bharat / state

संविदाकर्मियों को बहाल न करने के मामले में ACS आयुष और निदेशक होम्योपैथी को अवमानना का नोटिस जारी - ACS AYUSH Dr Prashant Trivedi

संविदाकर्मियों को बहाल न करने के मामले में कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव और और निदेशक होम्योपैथी के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी किया गया है.

Etv Bharat
हाईकोर्ट
author img

By

Published : Aug 30, 2022, 10:28 PM IST

लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने आदेश के बावजूद संविदाकर्मियों को बहाल न करने के मामले में अपर मुख्य सचिव आयुष डॉ. प्रशांत त्रिवेदी (ACS AYUSH Dr Prashant Trivedi) और निदेशक होम्योपैथी डॉ. अरविन्द वर्मा (Director Homeopathy Dr. Arvind Verma) के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी किया है. न्यायालय ने दो सप्ताह में हलफनामा दाखिल कर दोनों अधिकारियों को यह बताने को कहा है कि अदालत के आदेश की जानबूझ कर अवमानना करने के लिए क्यों न उन्हें दंडित किया जाए. यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव सिंह की एकल पीठ ने एक संविदाकर्मी अभय प्रताप सिंह की अवमानना याचिका पर पारित किया.

याची के अधिवक्ता चन्दन श्रीवास्तव की दलील थी कि याची समेत अन्य संविदाकर्मियों की अक्टूबर 2020 से विभिन्न तिथियों पर आदेश जारी करते हुए सेवाएं समाप्त कर दी गई थीं. राज्य सरकार के इन आदेशों को रिट याचिका के माध्यम से चुनौती दी गई. जिसे स्वीकार करते हुए, रिट कोर्ट ने 31 मार्च 2022 सेवा समाप्ति के आदेशों को मनमाना करार देते हुए निरस्त कर दिया. इसके साथ ही न्यायालय ने रिट के याचियों को उनके पदों पर कार्य करते रहने की अनुमति देने का भी आदेश दिया. दलील दी गई कि उक्त आदेश की जानकारी होने और वर्तमान याची द्वारा प्रत्यावेदन देने के बावजूद उक्त अधिकारियों ने आदेश का अनुपालन नहीं किया.

यह भी पढ़ें: प्राइवेट स्कूलों को फीस प्रतिपूर्ति की हर साल हो समीक्षा, जानिये पूरा मामला

उल्लेखनीय है कि न्यायालय ने सैकड़ों संविदाकर्मियों को निकाले जाने के आदेशों को निरस्त करते हुए कहा था कि यदि कानून का उल्लंघन हो रहा है और यदि सरकार का निर्णय मनमाना है तो न्यायालय एक नीतिगत मामले में भी दखल दे सकती है.

लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने आदेश के बावजूद संविदाकर्मियों को बहाल न करने के मामले में अपर मुख्य सचिव आयुष डॉ. प्रशांत त्रिवेदी (ACS AYUSH Dr Prashant Trivedi) और निदेशक होम्योपैथी डॉ. अरविन्द वर्मा (Director Homeopathy Dr. Arvind Verma) के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी किया है. न्यायालय ने दो सप्ताह में हलफनामा दाखिल कर दोनों अधिकारियों को यह बताने को कहा है कि अदालत के आदेश की जानबूझ कर अवमानना करने के लिए क्यों न उन्हें दंडित किया जाए. यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव सिंह की एकल पीठ ने एक संविदाकर्मी अभय प्रताप सिंह की अवमानना याचिका पर पारित किया.

याची के अधिवक्ता चन्दन श्रीवास्तव की दलील थी कि याची समेत अन्य संविदाकर्मियों की अक्टूबर 2020 से विभिन्न तिथियों पर आदेश जारी करते हुए सेवाएं समाप्त कर दी गई थीं. राज्य सरकार के इन आदेशों को रिट याचिका के माध्यम से चुनौती दी गई. जिसे स्वीकार करते हुए, रिट कोर्ट ने 31 मार्च 2022 सेवा समाप्ति के आदेशों को मनमाना करार देते हुए निरस्त कर दिया. इसके साथ ही न्यायालय ने रिट के याचियों को उनके पदों पर कार्य करते रहने की अनुमति देने का भी आदेश दिया. दलील दी गई कि उक्त आदेश की जानकारी होने और वर्तमान याची द्वारा प्रत्यावेदन देने के बावजूद उक्त अधिकारियों ने आदेश का अनुपालन नहीं किया.

यह भी पढ़ें: प्राइवेट स्कूलों को फीस प्रतिपूर्ति की हर साल हो समीक्षा, जानिये पूरा मामला

उल्लेखनीय है कि न्यायालय ने सैकड़ों संविदाकर्मियों को निकाले जाने के आदेशों को निरस्त करते हुए कहा था कि यदि कानून का उल्लंघन हो रहा है और यदि सरकार का निर्णय मनमाना है तो न्यायालय एक नीतिगत मामले में भी दखल दे सकती है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.