लखनऊ: एंटी करप्शन टीम ने मंगलवार को लखनऊ के बीबीडी थाने में तैनात कारखास को 5 हजार रुपये घूस लेते हुए गिरफ्तार कर लिया. घूस महिला दारोगा के नाम पर ली जा रही थी. कारखास व महिला दरोगा के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. वहीं, एंटी करप्शन ऑर्गनाइजेशन के डीआईजी राजीव मल्होत्रा ने कहा कि राजधानी की पुलिस सबसे ज्यादा शिकायतें हैं. हर रोज उनके पास घूस मांगने की शिकायतें आती है.
डीआईजी एंटी करप्शन ऑर्गनाइजेशन राजीव मल्होत्रा ने बताया कि तीन दिन पहले राकेश पांडेय ने उनसे मुलाकात कर शिकायती पत्र दिया था. पत्र में लिखा था कि लखनऊ के बीबीडी थाने में तैनात महिला दारोगा अंजलि दुबे अपने कारखास के माध्यम से मारपीट के एक मुकदमे में उसका व उसकी भाभी का नाम हटाने के लिए 10 हजार की घूस मांग रही थी. 10 हजार देने के बाद भी 5 हजार और मांगे जा रहे हैं.
डीआईजी ने बताया कि मामले को गंभीरता से लेते हुए मंगलवार को एक टीम गठित की गई. इसके बाद मंगलावार को दारोगा का कारखास राहुल शुक्ला पीड़ित से पैसे लेने पहुंचा था. इसी दौरान पहले घात लगाई एंटी करप्शन की टीम ने उसे रंगे हाथ दबोच लिया. डीआईजी ने बताया किमहिला दारोगा व सिपाही के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जा रही है. वहीं, थाना प्रभारी की इस मामले में क्या भूमिका है, इस बात की भी जांच की जा रही है.
पढ़ेंः थाने में 7 हजार रुपये घूस लेते रंगे हाथ दारोगा को एंटीकरप्शन किया गिरफ्तार
डीआईजी राजीव मल्होत्रा ने आगे बताया कि बीते एक साल में हर रोज उनके पास घूस से संबंधित शिकायते आती हैं. इन शिकायतों में सबसे अधिक पुलिस विभाग से जुड़ी होती है. उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा बुरे हालात तो लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के हैं. यहां की पुलिस अन्य जिलों से अधिक घूस लेने में अव्वल है. महीने में एक दर्जन से अधिक घूस मांगने की शिकायतें लखनऊ पुलिस से संबंधित मिलती हैं.
1 महीने में 4 पुलिसकर्मियों को एंटी करप्शन ने दबोचा
बता दें कि मंगलवार को हुई गिरफ्तारी के अलावा बीते एक महीने में 2 अन्य दारोगा को घूस लेते एंटी करप्शन ऑर्गनाइजेशन दबोच चुकी है. 16 जून 2022 को चिनहट थाने में तैनात दरोगा प्रदीप यादव को एंटी करप्शन की टीम ने 5 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोचा था. 16 जुलाई 2022 को 3 साल पहले आश्रित कोटे से पुलिस विभाग में दरोगा बन कर आए योगेश सिंह को एंटी करप्शन 7 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था.
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