लखनऊ : कानपुर देहात के रूरा थाना अंतर्गत मैथा तहसील के मडौली गांव में हुई दर्दनाक घटना को लेकर बुधवार को कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय के बाहर कांग्रेस नेताओं ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि इस मामले में आरोपियों पर जल्द कार्रवाई की जाए. पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए हमें राज्यपाल से मिलने दिया जाए. कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि पुलिस प्रशासन इस पूरे मामले को सरकार के दबाव में दबाने में लगा हुआ है.
कांग्रेस मुख्यालय गेट पर हुई धक्का-मुक्की : राजभवन तक पैदल मार्च निकाल रहे कांग्रेस नेताओं को पुलिस प्रशासन ने प्रदेश मुख्यालय गेट पर ही रोकने की कोशिश की. पुलिस द्वारा गेट पर लगाई गई बैरीकेडिंग को तोड़ते हुए कार्यकर्ता आगे निकल गए. जैसे कांग्रेस नेता सुन्नी वक्फ बोर्ड रोड की तरफ आगे बढ़े पुलिस ने वहां भी बैरीकेडिंग लगाकर कांग्रेस नेताओं को रोका. काफी देर चली लोग नोकझोंक व धक्का-मुक्की के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी, प्रांतीय अध्यक्ष नसीमुद्दीन सिद्दीकी, प्रांतीय अध्यक्ष नकुल दुबे, प्रांतीय अध्यक्ष अनिल यादव, प्रवक्ता अशोक सिंह, प्रवक्ता वेद प्रकाश त्रिपाठी, दिनेश सिंह सहित सारे कांग्रेसी रोड पर ही धरने पर बैठ गए.
प्रदर्शन में शामिल प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने कहा कि 'कानपुर देहात की घटना प्रशासनिक अमले का नंगा नाच है. एक गरीब ब्राह्मण की झोपड़ी में आग लगाना बहुत ही शर्मनाक है.' बृजलाल ने कहा कि 'हम जब घटना स्थल पर जाने की तैयार हुए तो भाजपा सरकार ने हमे पूरे दिन रोक कर बंधक बनाए रखा. हमारे बुंदेलखड के प्रांतीय अध्यक्ष जब वहां पहुंचे और वहां की घटना को बताया तो लगा की सरकार असंवेदनशील है.' उन्होंने कहा कि 'राज्यपाल से जब हमने मिलने का समय मांगा तो बताया गया कि वो यहां नहीं हैं. जब राज्यपाल का ये हाल है तो सरकार का क्या कहें.' उन्होंने कहा कि 'आज ही इसी तरह की एक घटना लखीमपुर खीरी में सामने आई है. लगातार ये सरकार गरीब जनता के साथ अन्याय कर रही है. आखिरकार ये सरकार चाहती क्या है. लोगों का उत्पीड़न करके डरा धमका कर काम कर रही है. जो मां बेटी जल कर मरी हैं उनके परिवार को न्याय दें.
नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि 'दो लोगों की जान गई, एक गौ माता की हत्या हुई. 22 बकरियां मर गईं. क्या ये काम किसी और ने किया होता तो क्या एफआईआर लिखकर सिर्फ छोड़ दिया होता. पूरे मामले में डीएम, एसएसपी क्या कर रहे थे. उन पर क्या कार्रवाई हुई.' उन्होंने कहा कि 'हम लोगों को उन्नाव के नवाबगंज में रोका गया. हमारे पूछने पर कहा गया कि उच्च अधिकारियों के निर्देश हैं. सारे भाजपाई वहां जा रहे हैं, उनके लिए कोई रोक नहीं. अब ये बुलडोजर बाबा ने खूब बुलडोजर चला लिया, लेकिन इस कदर गरीबों जो जलाया मारा जाएगा. हम लोगों को रोका जाएगा, उसे कांग्रेस पार्टी बर्दाश्त नहीं करेगी.
कानपुर देहात की घटना के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने बुधवार को प्रेसवार्ता की. राजभवन से समय न मिलने पर सारे कांग्रेस नेता प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी के नेतृत्व में बुधवार को कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय से राजभवन तक मार्च निकालेंगे. कांग्रेस पार्टी प्रदेश लेवल पर धरना प्रदर्शन करने की तैयारी कर रही है. कांग्रेसियों के पैदल मार्च को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने प्रदेश कार्यालय के बाहर पुलिस की जबरदस्त घेराबंदी कर रखी है. इस दौरान नकुल दुबे ने कहा कि 'भाजपा सरकार पीड़ित परिवार के साथ न्याय नहीं कर रही है. मंगलवार को कांग्रेस का 16 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल कानपुर देहात पीड़ित परिवार से मिलने जा रहा था तो सरकार ने भारी पुलिस बल के द्वारा कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल को नवाबगंज में ही रोक लिया और रात 8:00 बजे तक सभी को बंदी बनाकर रखा गया. जब तक पीड़िता मां-बेटी की चिता जल नहीं गई तब तक हम लोगों को रिहा नहीं किया गया. कांग्रेसी नेताओं ने कहा कि घटना के 24 घंटे के बाद इस मामले पर एफआईआर दर्ज होना, कार्रवाई के नाम पर केवल एसडीएम सहित कुछ अधिकारियों को सस्पेंड कर देना, यह बताता है कि सरकार इस पूरे घटना को लेकर कितनी गंभीर है.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने कहा कि 'हमने राजभवन से प्रदेश में हो रहे घटनाक्रम के बारे में अवगत कराने के लिए मंगलवार को भी समय मांगा था और बुधवार की सुबह 7:30 बजे दोबारा से ईमेल के माध्यम से समय देने की मांग की थी, लेकिन राजभवन से राज्यपाल के बाहर होने की सूचना देकर समय देने से इंकार कर दिया गया. प्रदेश अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि प्रदेश में कानून का राज नहीं है. उसकी सुनवाई सरकार के साथ ही अब संवैधानिक पदों पर बैठे लोग भी नहीं करना चाह रहे. प्रदेश अध्यक्ष कहा कि कानपुर देहात में जो घटना घटी है उसके लिए कांग्रेस पूरी परिवार की लड़ाई लड़ेगी.'