नई दिल्ली: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की अध्यक्षता में आज कांग्रेस के वार रूम 15 जीआरजी पर यूपी सलाहकार समिति की बैठक हुई. इस बैठक में यह निर्णय हुआ कि 5 से 15 नवंबर तक कांग्रेस पार्टी पूरे देश में गिरती हुई अर्थव्यवस्था और बढ़ती बेरोजगारी को लेकर नुक्कड़ नाटक, प्रेस कॉन्फ्रेंस और सड़कों पर उतरकर सरकार का विरोध करेगी.
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि खासतौर पर डीएचएफएल, किसानों की समस्या और कानून व्यवस्था का मुद्दा उठाया जाएगा. वहीं अजय कुमार लल्लू से जब यह पूछा गया कि क्या प्रियंका गांधी भी इस प्रदर्शन का हिस्सा होंगी तो उन्होंने कहा कि इस संबंध में इसकी रूपरेखा तैयार की जा रही है.
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि 24 मार्च को डीएचएफएल में पहली बार पैसा जमा किया गया. उस समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ थे और श्रीकांत शर्मा ऊर्जा मंत्री थे. उन्होंने कहा कि भाजपा लगातार प्रदेश की जनता से झूठ बोल रही है, ताकि उसका भ्रष्टाचार छिप सके.
इसे भी पढ़ें- ईटीवी भारत से बोले परिवहन मंत्री, वायु प्रदूषण रोकने को लेकर सजग है सरकार
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि पूरे सूबे की जनता भाजपा के भ्रष्टाचार को देख रही है. ऊर्जा मंत्री की बौखलाहट बता रही है कि दाल में कुछ काला है. उन्होंने कहा कि मेरे द्वारा उठाए गए सवाल उत्तर प्रदेश की जनता का सवाल है, लाखों कर्मचारियों का सवाल है और योगी सरकार के मंत्री अपनी जिम्मेदारियों से भाग नहीं सकते हैं.
अजय कुमार ने कहा कि हम ऊर्जा मंत्री से मांग करते हैं कि वह प्रेस कॉन्फ्रेंस करके यह जवाब दें कि डीएचएफएल में निवेश का अनुमोदन कब हुआ और हस्ताक्षर कब किया गया?
इसे भी पढ़ें- अयोध्या में परिक्रमार्थियों की उमड़ती जा रही भीड़, बजरंगबली को मत्था टेक आगे बढ़ रहे श्रद्धालु
इसी तरह अजय कुमार लल्लू ने उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री के सामने कई प्रश्न रखे हैं. उन्होंने कहा कि अब तक डीएचएफएल से हुए पत्राचार और डीएचएफएल की ओर से कौन लोग बात कर रहे थे इसे सार्वजनिक किया जाए.
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि आखिर भाजपा को सबसे ज्यादा व्यक्तिगत चंदा देने वाली निजी कंपनी डीएचएफएल को ही नियमों को ताक पर रखते हुए कर्मचारियों की जीवन की पूजी क्यों सौंपी गई?