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किसान कांग्रेस करेगी प्रदेश स्तरीय किसान स्वाभिमान महापंचायत: तरुण पटेल - किसान स्वाभिमान महापंचायत कांग्रेस

किसान कांग्रेस आगामी 23 दिसम्बर को किसान मसीहा चौधरी चरण सिंह की जयन्ती पर प्रदेश स्तरीय किसान स्वाभिमान महापंचायत का आयोजन करेगी. इस महापंचायत को कांग्रेस के केन्द्रीय एवं प्रदेशीय वरिष्ठ नेता और किसान संगठनों से जुड़े किसान नेता सम्बोधित करेंगे.

किसान स्वाभिमान महापंचायत
किसान स्वाभिमान महापंचायत
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Published : Dec 21, 2020, 9:32 PM IST

लखनऊ: किसान कांग्रेस उत्तर प्रदेश मध्य जोन के अध्यक्ष तरुण पटेल ने कहा कि कांग्रेस आगामी 23 दिसम्बर को किसान मसीहा चौधरी चरण सिंह की जयन्ती पर प्रदेश स्तरीय किसान स्वाभिमान महापंचायत का आयोजन करेगी. इस महापंचायत को कांग्रेस के केन्द्रीय एवं प्रदेशीय वरिष्ठ नेता और किसान संगठनों से जुड़े किसान नेता सम्बोधित करेंगे. तरुण ने ये बयान कांग्रेस कार्यालय पर आयोजित बैठक के दौरान दिया.

देश का किसान आहत, भाजपा को मतलब नहीं

तरुण पटेल ने कहा कि दिल्ली में केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा किसानों के हितों के खिलाफ अलोकतांत्रिक तरीके से पारित किए गए तीनों कृषि कानूनों का विरोध हो रहा है. देश और प्रदेश का किसान आहत है. किसान लगातार इन काले कानूनों को वापस लिए जाने की मांग को लेकर सड़कों पर उतरकर संघर्ष कर रहा है. उन्होंने कहा कि लगभग एक माह से देश भर के किसान दिल्ली सीमा पर इस भीषण ठंड में आन्दोलन कर रहे हैं. इनमें दर्जनों की दुखद मौत भी हो गई है. भाजपा सरकार किसानों की मौतों पर भी अपना मौन नहीं तोड़ रही है और लगातार उनकी अनदेखी कर हठधर्मी रवैया अपनाए हुए है. जो दुर्भाग्यपूर्ण है.

खून के आंसू रो रहा है अन्नदाता

आज अन्नदाता किसान खून के आंसू रो रहा है. भारतीय जनता पार्टी ने अपने चुनावी संकल्प पत्र में गन्ना किसानों के बकाये भुगतान को सत्ता में आने पर 14 दिनों के भीतर अदा करने का वादा किया था. प्रदेश की योगी सरकार के लगभग चार वर्ष बीत चुके हैं और गन्ना किसानों का अभी तक 12,219 करोड़ रुपये का बकाया भुगतान नहीं हो पाया है. योगी सरकार 3500 करोड़ की निर्यात सब्सिडी देने की बात कह रही है, जो कि गन्ना किसानों के लिए मात्र एक छलावा है. अन्ना पशुओं से किसान त्राहि-त्राहि कर रहे हैं. किसान की फसलें जहां अन्ना पशु पूरी तरह बर्बाद कर रहे हैं, वहीं तमाम जनपदों में अन्ना जानवरों द्वारा किसान न सिर्फ घायल हुए हैं बल्कि अपनी जान गंवा चुके हैं.

योगी सरकार गंभीर नहीं

धान खरीद को लेकर योगी सरकार ने बड़े-बड़े दावे किये, लेकिन सच्चाई ठीक इसके विपरीत है. धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1868 रुपये प्रति कुंतल निर्धारित किया गया, लेकिन सरकारी धान क्रय केंद्र समुचित मात्रा में नहीं खोले गए. जो खुले भी उनमें व्याप्त भ्रष्टाचार के चलते किसानों को अपनी उपज बिचैलियों के हाथों औने-पौने दामों में बेचनी पड़ रही है. उसे मात्र प्रति कुन्तल 800 से 900 रुपये में बेचने के लिए विवश होना पड़ा.

महापंचायत में होगा आगे की रणनीति पर विचार

पटेल ने कहा कि किसानों की इन्हीं ज्वलन्त समस्याओं को लेकर किसान कांग्रेस ने 31 अक्टूबर से 15 दिसम्बर तक प्रदेश के विभिन्न जनपदों में किसान स्वाभिमान यात्रा निकाली. इस यात्रा के दौरान किसानों से मिली समस्याओं की जानकारी और उनके साथ भारतीय जनता पार्टी की सरकार द्वारा किये जा रहे अन्याय को लेकर आगामी 23 दिसम्बर को किसान स्वाभिमान महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है. इसमें विस्तृत विचार विमर्श कर आगे की रणनीति तैयार की जाएगी.

लखनऊ: किसान कांग्रेस उत्तर प्रदेश मध्य जोन के अध्यक्ष तरुण पटेल ने कहा कि कांग्रेस आगामी 23 दिसम्बर को किसान मसीहा चौधरी चरण सिंह की जयन्ती पर प्रदेश स्तरीय किसान स्वाभिमान महापंचायत का आयोजन करेगी. इस महापंचायत को कांग्रेस के केन्द्रीय एवं प्रदेशीय वरिष्ठ नेता और किसान संगठनों से जुड़े किसान नेता सम्बोधित करेंगे. तरुण ने ये बयान कांग्रेस कार्यालय पर आयोजित बैठक के दौरान दिया.

देश का किसान आहत, भाजपा को मतलब नहीं

तरुण पटेल ने कहा कि दिल्ली में केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा किसानों के हितों के खिलाफ अलोकतांत्रिक तरीके से पारित किए गए तीनों कृषि कानूनों का विरोध हो रहा है. देश और प्रदेश का किसान आहत है. किसान लगातार इन काले कानूनों को वापस लिए जाने की मांग को लेकर सड़कों पर उतरकर संघर्ष कर रहा है. उन्होंने कहा कि लगभग एक माह से देश भर के किसान दिल्ली सीमा पर इस भीषण ठंड में आन्दोलन कर रहे हैं. इनमें दर्जनों की दुखद मौत भी हो गई है. भाजपा सरकार किसानों की मौतों पर भी अपना मौन नहीं तोड़ रही है और लगातार उनकी अनदेखी कर हठधर्मी रवैया अपनाए हुए है. जो दुर्भाग्यपूर्ण है.

खून के आंसू रो रहा है अन्नदाता

आज अन्नदाता किसान खून के आंसू रो रहा है. भारतीय जनता पार्टी ने अपने चुनावी संकल्प पत्र में गन्ना किसानों के बकाये भुगतान को सत्ता में आने पर 14 दिनों के भीतर अदा करने का वादा किया था. प्रदेश की योगी सरकार के लगभग चार वर्ष बीत चुके हैं और गन्ना किसानों का अभी तक 12,219 करोड़ रुपये का बकाया भुगतान नहीं हो पाया है. योगी सरकार 3500 करोड़ की निर्यात सब्सिडी देने की बात कह रही है, जो कि गन्ना किसानों के लिए मात्र एक छलावा है. अन्ना पशुओं से किसान त्राहि-त्राहि कर रहे हैं. किसान की फसलें जहां अन्ना पशु पूरी तरह बर्बाद कर रहे हैं, वहीं तमाम जनपदों में अन्ना जानवरों द्वारा किसान न सिर्फ घायल हुए हैं बल्कि अपनी जान गंवा चुके हैं.

योगी सरकार गंभीर नहीं

धान खरीद को लेकर योगी सरकार ने बड़े-बड़े दावे किये, लेकिन सच्चाई ठीक इसके विपरीत है. धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1868 रुपये प्रति कुंतल निर्धारित किया गया, लेकिन सरकारी धान क्रय केंद्र समुचित मात्रा में नहीं खोले गए. जो खुले भी उनमें व्याप्त भ्रष्टाचार के चलते किसानों को अपनी उपज बिचैलियों के हाथों औने-पौने दामों में बेचनी पड़ रही है. उसे मात्र प्रति कुन्तल 800 से 900 रुपये में बेचने के लिए विवश होना पड़ा.

महापंचायत में होगा आगे की रणनीति पर विचार

पटेल ने कहा कि किसानों की इन्हीं ज्वलन्त समस्याओं को लेकर किसान कांग्रेस ने 31 अक्टूबर से 15 दिसम्बर तक प्रदेश के विभिन्न जनपदों में किसान स्वाभिमान यात्रा निकाली. इस यात्रा के दौरान किसानों से मिली समस्याओं की जानकारी और उनके साथ भारतीय जनता पार्टी की सरकार द्वारा किये जा रहे अन्याय को लेकर आगामी 23 दिसम्बर को किसान स्वाभिमान महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है. इसमें विस्तृत विचार विमर्श कर आगे की रणनीति तैयार की जाएगी.

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