लखनऊ : उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में दो सगी बहनों के साथ कथित रेप के बाद हत्या के मामले में सियासी माहौल गर्म है. बुधवार को वारदात के सामने आने के बाद गुरुवार सुबह से ही तमाम राजनैतिक दलों ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया था. कांग्रेस ने शाम को लखीमपुर कांड को लेकर पार्टी कार्यालय से कैंडल मार्च निकाला, हालांकि पुलिस ने उन्हें पार्टी कार्यालय के पास ही रोक लिया.
कांग्रेस के प्रवक्ता अशोक सिंह ने कहा कि नारी के सम्मान में बीजेपी मैदान में कहने वाली पार्टी की सरकार में आज महिलाएं और बच्चियां ही सुरक्षित नहीं हैं. लखीमपुर में दो सगी बहनों का अपहरण कर उनका रेप और हत्या करने की घटना योगी सरकार के दामन में दाग है. उन्होंने कहा कि योगी सरकार भले ही लाख दुहाई दे कि राज्य में कानून का राज है, लेकिन सच्चाई यह है कि अपराधी मौज कर रहे हैं. वहीं सरकार विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है. आज हम लखीमपुर की बेटियों को न्याय दिलाने के लिए कैंडल मार्च निकालना चाह रहे थे, लेकिन पुलिस ने हमें रोक लिया है.
वहीं राहुल गांधी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि "बलात्कारियों को रिहा करवाने और उनका सम्मान करने वालों से महिला सुरक्षा की उम्मीद की भी नहीं जा सकती. हमें अपनी बहनों-बच्चियों के लिए देश में एक सुरक्षित माहौल बनाना ही होगा. प्रियंका गांधी ने कहा कि रोज अखबारों और टीवी में झूठे विज्ञापन देने से कानून व्यवस्था अच्छी नहीं हो जाती. आखिर यूपी में महिलाओं के खिलाफ जघन्य अपराध क्यों बढ़ते जा रहे हैं? कब जागेगी सरकार?"
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सभी आरोपी गिरफ्तार : लखीमपुर खीरी के एसपी संजीव सुमन के मुताबिक, दलित बहनों के रेप और हत्याकांड मामले में कुल 6 आरोपी हैं. इन आरोपियों में एक हिंदू और 5 मुस्लिम हैं. सभी आरोपी आपस में दोस्त हैं. पुलिस ने अब तक छोटू, जुनैद, सोहेल, हाफिजुर रहमान, करीमुद्दीन और आरिफ को गिरफ्तार किया है. आरोपी जुनैद को एक मुठभेड़ में पकड़ा गया है, जहां उसके पैर में गोली लगी थी. छोटू लड़कियों का पड़ोसी है, जबकि 5 अन्य आरोपी लालपुर के रहने वाले हैं. पुलिस ने छोटू को मुख्य आरोपी बताया है.