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कॉरपोरेट सेक्टर की ट्रेनों को बढ़ावा दे रही सरकार - डॉ. उमाशंकर पाण्डेय

केंद्र सरकार ने शनिवार को देश का आम बजट प्रस्तुत किया. जहां एक ओर इस बजट की तारीफ हो रही है तो कहीं विपक्षी पार्टियां इस बजट को सामान्य बता रही है. यूपी कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता डॉ. उमाशंकर पाण्डेय ने बताया कि इस बजट में सरकार ने जनता को छला है.

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डॉ. उमाशंकर पाण्डेय
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Published : Feb 1, 2020, 6:11 PM IST

लखनऊ: केंद्र सरकार ने कॉरपोरेट सेक्टर की पहली निजी ट्रेन तेजस की तरह अब ऐसी ही और ट्रेनें चलाने का फैसला लिया है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के दौरान इस बात का ऐलान किया है. इसका सीधा सा मतलब है कि रेलवे में अब निजीकरण को तेजी से बढ़ावा मिलेगा. इस बजट व सरकार की इस घोषणा से कांग्रेस पार्टी नाखुश है. कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. उमाशंकर पाण्डेय का कहना है कि सरकार ने 99 प्रतिशथ लोगों को ध्यान में रखकर कोई नई ट्रेन नहीं दी, बल्कि कॉरपोरेट सेक्टर की ट्रेन को बढ़ावा देने का फैसला लिया है, जो आम आदमी की पहुंच से दूर है.

बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते कांग्रेस प्रवक्ता.
ट्रेनों का हो रहा निजीकरणकेंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बजट में साफ कर दिया है कि सरकार निजी ट्रेनों का संचालन करेगी. पहले ही सरकार का यह फैसला था कि 150 निजी ट्रेनें चलाई जाएं और अब इस ओर सरकार ने कदम भी बढ़ा दिए हैं. निजी ट्रेनों को बढ़ावा देने के अलावा सरकार पीपीपी मॉडल पर रेलवे स्टेशन भी बनाएगी. केंद्र की मोदी सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस पार्टी ने आपत्ति दर्ज कराई है.

इसे भी पढ़ें - प्रयागराज में शिक्षकों ने की की सराहना, कहा-ऐसा होना चाहिए बजट

जनता के साथ छलावा है यह बजट
कांग्रेस प्रवक्ता उमाशंकर पाण्डेय ने कहा कि तेजस चलाएं, हमको इसमें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन देश का ज्यादातर नागरिक जिन ट्रेनों के सहारे सफर करता है, उसको भगवान के भरोसे छोड़ दिया गया है. ट्रेन में बाथरूम, सीटिंग अरेंजमेंट, खानपान की व्यवस्था, चादर और तकिए की गंदगी से लेकर ट्रेन के कोच में गंदगी, प्लेटफार्म पर गंदगी रहती है. सरकार को इन चीजों पर कार्य करना चाहिए.

कांग्रेस प्रवक्ता ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार ने इस बजट से यह बता दिया है कि सरकार का हाथ चंद उद्यमियों के साथ है, आम आदमी के साथ नहीं है. पिछले सालों का कार्यकाल देखा जाए खासकर योगी और मोदी का मिलाकर तो उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ इनके लिए केवल इवेंट मैनेजमेंट की राजधानी बन कर रह गई. यह बजट जनता के साथ किया गए छलावे के सिवाय कुछ नहीं है.

लखनऊ: केंद्र सरकार ने कॉरपोरेट सेक्टर की पहली निजी ट्रेन तेजस की तरह अब ऐसी ही और ट्रेनें चलाने का फैसला लिया है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के दौरान इस बात का ऐलान किया है. इसका सीधा सा मतलब है कि रेलवे में अब निजीकरण को तेजी से बढ़ावा मिलेगा. इस बजट व सरकार की इस घोषणा से कांग्रेस पार्टी नाखुश है. कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. उमाशंकर पाण्डेय का कहना है कि सरकार ने 99 प्रतिशथ लोगों को ध्यान में रखकर कोई नई ट्रेन नहीं दी, बल्कि कॉरपोरेट सेक्टर की ट्रेन को बढ़ावा देने का फैसला लिया है, जो आम आदमी की पहुंच से दूर है.

बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते कांग्रेस प्रवक्ता.
ट्रेनों का हो रहा निजीकरणकेंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बजट में साफ कर दिया है कि सरकार निजी ट्रेनों का संचालन करेगी. पहले ही सरकार का यह फैसला था कि 150 निजी ट्रेनें चलाई जाएं और अब इस ओर सरकार ने कदम भी बढ़ा दिए हैं. निजी ट्रेनों को बढ़ावा देने के अलावा सरकार पीपीपी मॉडल पर रेलवे स्टेशन भी बनाएगी. केंद्र की मोदी सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस पार्टी ने आपत्ति दर्ज कराई है.

इसे भी पढ़ें - प्रयागराज में शिक्षकों ने की की सराहना, कहा-ऐसा होना चाहिए बजट

जनता के साथ छलावा है यह बजट
कांग्रेस प्रवक्ता उमाशंकर पाण्डेय ने कहा कि तेजस चलाएं, हमको इसमें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन देश का ज्यादातर नागरिक जिन ट्रेनों के सहारे सफर करता है, उसको भगवान के भरोसे छोड़ दिया गया है. ट्रेन में बाथरूम, सीटिंग अरेंजमेंट, खानपान की व्यवस्था, चादर और तकिए की गंदगी से लेकर ट्रेन के कोच में गंदगी, प्लेटफार्म पर गंदगी रहती है. सरकार को इन चीजों पर कार्य करना चाहिए.

कांग्रेस प्रवक्ता ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार ने इस बजट से यह बता दिया है कि सरकार का हाथ चंद उद्यमियों के साथ है, आम आदमी के साथ नहीं है. पिछले सालों का कार्यकाल देखा जाए खासकर योगी और मोदी का मिलाकर तो उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ इनके लिए केवल इवेंट मैनेजमेंट की राजधानी बन कर रह गई. यह बजट जनता के साथ किया गए छलावे के सिवाय कुछ नहीं है.

Intro:तेजस जैसी और ट्रेनें चलाने का सरकार का ऐलान, लखनऊ से चली थी पहली कारपोरेट ट्रेन

लखनऊ। केंद्र सरकार ने कारपोरेट सेक्टर की पहली निजी ट्रेन तेजस की तरह अब ऐसी ही और ट्रेनें चलाने का फैसला लिया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के दौरान इस बात का ऐलान किया है। इसका सीधा सा मतलब है कि रेलवे में अब निजीकरण को तेजी से बढ़ावा मिलेगा। सरकार की इस घोषणा से कांग्रेस नाखुश है। कांग्रेस का का साफ कहना है कि सरकार ने 99 परसेंट लोगों को ध्यान में रखकर कोई नई ट्रेन नहीं दी, बल्कि कॉरपोरेट सेक्टर की ट्रेन को बढ़ावा देने का फैसला लिया जो आम आदमी की पहुंच से दूर है।


Body:भारतीय रेलवे में अब निजी ट्रेनों की दखलंदाजी और बढ़ेगी। लखनऊ से दिल्ली के बीच पिछले साल 4 अक्टूबर को शुरू हुई कारपोरेट सेक्टर की पहली तेजस ट्रेन के बाद मुंबई-अहमदाबाद के बीच दूसरी तेजस ट्रेन का संचालन शुरू हुआ और अब कारपोरेट सेक्टर की तेजस ट्रेनों को और भी बढ़ावा देने का केंद्र सरकार ने निर्णय लिया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ कर दिया है कि सरकार इस तरह की ट्रेनों का संचालन करेगी। पहले ही सरकार का यह फैसला था कि 150 निजी ट्रेनें चलाई जाएं और अब इस ओर सरकार ने कदम भी बढ़ा दिए हैं। निजी ट्रेनों को बढ़ावा देने के अलावा सरकार पीपीपी मॉडल पर रेलवे स्टेशन भी बनाएगी। केंद्र की मोदी सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस ने आपत्ति दर्ज कराई है। कांग्रेस का साफ कहना है कि सस्ते किराए पर चलने वाले आम लोगों के लिए सरकार ने एक भी नई ट्रेन नहीं दी, जबकि आम लोगों की पहुंच से दूर और कुछ खास लोगों की पसंद वाली कारपोरेट ट्रेन का तोहफा देकर सरकार ने उन लोगों को खुश करने का काम किया है।


Conclusion:बाइट: डॉ. उमाशंकर पांडेय, प्रवक्ता, यूपी कांग्रेस


तेजस चलाएं हमको इसमें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन देश का ज्यादातर नागरिक जिन ट्रेनों के सहारे सफर करता है उसको इन्होंने भगवान के भरोसे छोड़ दिया है। उसको खतरे में डाल दिया है। ट्रेन में बाथरूम, सीटिंग अरेंज, खानपान की व्यवस्था, चादर और तकिए की गंदगी से लेकर ट्रेन के कोच में गंदगी, प्लेटफार्म पर गंदगी रहती है तो मुझे लगता है प्रधानमंत्री मोदी को 99 परसेंट जनता को ध्यान में रखकर सुरक्षित और सुदृढ़ बनाना था। तब तेजस जैसी ट्रेन जो पूरी तरह से कारपोरेट के हाथ है जो कारपोरेट घरानों की कमाई का बड़ा जरिया बन रहा है उस पर ध्यान देते। उसको बढ़ाकर प्रधानमंत्री ने यह बताया है कि मोदी का हाथ चंद उद्यमियों के साथ है आम आदमी के साथ नहीं है। पिछले सालों का कार्यकाल देखा जाए खासकर योगी और मोदी का मिलाकर तो उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ इन के लिए केवल इवेंट मैनेजमेंट की राजधानी बन कर रह गई। इन्वेस्टर्स समिट से लेकर तमाम आयोजन इन्होंने किए हैं। वह सब इवेंट मैनेजमेंट है। उसमें आम जनता की बेहतरी के लिए कुछ भी नहीं है। तेजस इन्होंने यहां से चलाई इससे सरकार को कोई फायदा नहीं होने वाला। आम आदमी की पहुंच से बहुत दूर है तेजस। पूरी तरह से कारपोरेट घराने की ट्रेन है। आम आदमी उस पर नहीं चल पाएंगे। ऐसी स्थिति में लखनऊ और उत्तर प्रदेश जहां से 67 सांसद हैं बीजेपी के प्रचंड बहुमत की सरकार है प्रधानमंत्री को ज्यादा ध्यान देना चाहिए था उनका भी क्षेत्र है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का भी क्षेत्र है। केंद्रीय मंत्रियों का क्षेत्र है, लेकिन उत्तर प्रदेश को दरकिनार कर दिया गया। उत्तर प्रदेश के लिए यह बजट चलावे के अलावा कुछ भी नहीं।

अखिल पांडेय, लखनऊ, 9336864096
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