लखनऊ : केंद्र सरकार के अंतरिम बजट को यूपी कांग्रेस ने किसानों के साथ भद्दा मजाक करार देते हुए एक और जुमला बताया है. कांग्रेस का कहना है कि वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने जो बजट पेश किया है, उसमें किसानों को 6000 रुपये देने की जो बात कही गई है. उसका औसत अगर जोड़ा जाए तो प्रतिदिन किसान के हिस्से में महज 18 रुपये आ रहा है. इसे किसानों के साथ भद्दा मजाक नहीं कहा जाए तो क्या?
कांग्रेस प्रवक्ता प्रदीप सिंह ने कहा कि बजट से किसानों की आस थी कि उनके कृषि उपकरणों पर जीएसटी का भार हटा लिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. वहीं किसानों को यह भी उम्मीद थी कि उनका कर्ज माफ होगा लेकिन सरकार ने इस लोक लुभावने बजट में किसानों के साथ ऐसा भी नहीं किया. ₹6000 का लालच देकर प्रतिदिन ₹18 देने का काम किया है, जो बड़ा मजाक है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने आदर्श गांव की बात की थी, पिछड़े जिलों को चयनित करने की बात की थी, लेकिन कहां है वे आदर्श गांव, कहां है कोई पिछड़ा जिला, जरा नाम तो बताते.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कांग्रेस प्रवक्ता प्रदीप सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने संसदीय क्षेत्र में 4 गांव गोद लिए गांव कहां हैं? क्या वे गांव गोद से उतरे, यह भी बताना चाहिए था. इसके अलावा उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में सांख्यिकी आयोग की रिपोर्ट आई है, जिसमें कहा गया है कि पिछले 45 साल में इतनी बेरोजगारी कभी नहीं रही, ऐसे में इस बजट को क्या कहा जाए?
एक जुमलेबाजी वाला सरकार का आखिरी बजट है. इसमें बेरोजगार और नौजवानों के लिए भी कुछ नहीं है. टैक्स में भी सरकार ने मजाक ही किया है. 5 लाख के टैक्स छूट में अगर किसी की कमाई 7 लाख हो जाती है तो उसे ढाई लाख के स्लैब में ले लिया जाएगा, और उसे टैक्स भरना पड़ेगा.