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इंडिया गठबंधन में दरार : कांग्रेस को यूपी में सिर्फ दो सीटें देगी सपा, जानिए अखिलेश की रणनीति

पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन को कुछ भी खास हासिल नहीं हुआ है. इसके इतर सपा और कांग्रेस के बीच खाई जरूर बढ़ गई है. इसी बीच सपा सुप्रीमो का एक निर्णय कांग्रेस के लिए मुसीबत बन सकता है. देखे पूरी खबर...

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 8, 2023, 10:56 PM IST

यूपी में सपा की रणनीति की जानकारी देते वरिष्ठ संवाददाता धीरज त्रिपाठी.

लखनऊ : पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन को अपेक्षित परिणाम नहीं मिले. अब उत्तर प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के सामने बड़ी चुनौती वाली स्थिति पेश कर दी है. समाजवादी पार्टी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में सिर्फ अमेठी और रायबरेली सीट की गठबंधन के अंतर्गत देने की पेशकश कर चुकी है. ऐसे में आने वाले समय में इंडिया गठबंधन में और अधिक दरारें आना स्वाभाविक हैं. अखिलेश यादव ने कांग्रेस नेतृत्व को यह संदेश भिजवा दिया है कि उत्तर प्रदेश में गठबंधन की कमान वह खुद अपने हाथों में रखने वाले हैं दो से अधिक सीटें कांग्रेस को किसी भी स्थिति में देकर सपा भाजपा की मदद करने की कोशिशों को फेल कर देगी.

यूपी में सपा की रणनीति.
यूपी में सपा की रणनीति.

गठबंधन में दूरियां तय

  • उल्लेखनीय भी है कि पिछले दिनों जब विधानसभा चुनाव चल रहे थे तब सपा और कांग्रेस नेताओं के बीच जमकर बयानबाजी भी शुरू हुई थी. जिससे दोनों दलों के बीच दूरियां बढ़ी थीं. बीच बचाव करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव के दौरान बातचीत करने की बात कही थी, लेकिन अब जब लोकसभा चुनाव को लेकर सीट शेयरिंग का फार्मूला तय होना है उससे पहले ही सपा की तरफ से कांग्रेस को दो ही सीटें देने की बात कही गई है. जिससे आने वाले दिनों में इन दलों के बीच दूरियां बढ़ना स्वाभाविक माना जा रहा है.


विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार : पांच राज्यों में हिंदी बेल्ट वाले तीन राज्यों में कांग्रेस पार्टी की हार के बाद समाजवादी पार्टी अब पूरी तरह से उत्तर प्रदेश में सीट शेयरिंग फार्मूले सहित अन्य फसलों को अपने हिसाब से करने को लेकर रणनीति बनानी शुरू कर चुकी है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश के बाद सपा की तरफ से भी सभी 80 सीटों पर चुनावी तैयारियां तेज कर दी गई हैं. सूत्रों का कहना है कि अखिलेश यादव ने कांग्रेस नेतृत्व को उत्तर प्रदेश में इंडिया गठबंधन के अंतर्गत सिर्फ दो सीटें अमेठी और रायबरेली मात्रा देने की बात कही है. अन्य सीटें सपा और रालोद जैसे दलों के बीच बांटी जाएंगी. जिसमें रालोद को आधा दर्जन के आसपास सीटें दी जाएंगी एक दो सीट अन्य दलों को देकर समाजवादी पार्टी सबसे ज्यादा सीटों पर खुद चुनाव मैदान में उतरेगी.

अखिलेश के कदम से इंडिया गठबंधन में दरार : अखिलेश यादव के इस कदम के बाद इंडिया गठबंधन में सपा और कांग्रेस के बीच और अधिक दरार पड़ना स्वाभाविक है. मध्य प्रदेश में जब कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी को आधा दर्जन सीटें नहीं दी तो अखिलेश यादव ने चार दर्जन विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार उतार कर कांग्रेस की राह को रोकने का काम किया था अब जब चुनाव परिणाम आ चुके हैं और तीनों राज्यों में कांग्रेस चुनाव जीतने में सफल नहीं हो पाई है तो अखिलेश उत्तर प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल की भूमिका के अनुसार कांग्रेस को दो ही सीटें देने पर राजी हैं. इससे पहले भी अखिलेश यादव ने कहा था कि हम उत्तर प्रदेश में 65 सीटों की डिमांड कर रहे हैं, लेकिन अब उन्होंने सिर्फ दो ही सीटें देने की बात कह कर कांग्रेस और सपा के बीच दूरियां बढ़ाने की बात शुरू कर दी है. देखना होगा इंडिया गठबंधन के अंतर्गत आने वाले दिनों में जो राष्ट्रीय स्तर पर बैठक होनी है, जिसमें सीट शेयरिंग का फार्मूला तय होना है उसमें सपा के इस रूप का क्या असर होता है.



यह भी पढ़ें : I.N.D.I.A. में पड़ती 'गांठ' को खोलेंगे लालू, 'हाथ' को मजबूत करने के लिए दूत बनकर घटक दलों की नाराजगी करेंगे दूर!

सपा मुखिया अखिलेश यादव बोले- विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद और मजबूत होगा इंडिया गठबंधन

यूपी में सपा की रणनीति की जानकारी देते वरिष्ठ संवाददाता धीरज त्रिपाठी.

लखनऊ : पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन को अपेक्षित परिणाम नहीं मिले. अब उत्तर प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के सामने बड़ी चुनौती वाली स्थिति पेश कर दी है. समाजवादी पार्टी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में सिर्फ अमेठी और रायबरेली सीट की गठबंधन के अंतर्गत देने की पेशकश कर चुकी है. ऐसे में आने वाले समय में इंडिया गठबंधन में और अधिक दरारें आना स्वाभाविक हैं. अखिलेश यादव ने कांग्रेस नेतृत्व को यह संदेश भिजवा दिया है कि उत्तर प्रदेश में गठबंधन की कमान वह खुद अपने हाथों में रखने वाले हैं दो से अधिक सीटें कांग्रेस को किसी भी स्थिति में देकर सपा भाजपा की मदद करने की कोशिशों को फेल कर देगी.

यूपी में सपा की रणनीति.
यूपी में सपा की रणनीति.

गठबंधन में दूरियां तय

  • उल्लेखनीय भी है कि पिछले दिनों जब विधानसभा चुनाव चल रहे थे तब सपा और कांग्रेस नेताओं के बीच जमकर बयानबाजी भी शुरू हुई थी. जिससे दोनों दलों के बीच दूरियां बढ़ी थीं. बीच बचाव करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव के दौरान बातचीत करने की बात कही थी, लेकिन अब जब लोकसभा चुनाव को लेकर सीट शेयरिंग का फार्मूला तय होना है उससे पहले ही सपा की तरफ से कांग्रेस को दो ही सीटें देने की बात कही गई है. जिससे आने वाले दिनों में इन दलों के बीच दूरियां बढ़ना स्वाभाविक माना जा रहा है.


विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार : पांच राज्यों में हिंदी बेल्ट वाले तीन राज्यों में कांग्रेस पार्टी की हार के बाद समाजवादी पार्टी अब पूरी तरह से उत्तर प्रदेश में सीट शेयरिंग फार्मूले सहित अन्य फसलों को अपने हिसाब से करने को लेकर रणनीति बनानी शुरू कर चुकी है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश के बाद सपा की तरफ से भी सभी 80 सीटों पर चुनावी तैयारियां तेज कर दी गई हैं. सूत्रों का कहना है कि अखिलेश यादव ने कांग्रेस नेतृत्व को उत्तर प्रदेश में इंडिया गठबंधन के अंतर्गत सिर्फ दो सीटें अमेठी और रायबरेली मात्रा देने की बात कही है. अन्य सीटें सपा और रालोद जैसे दलों के बीच बांटी जाएंगी. जिसमें रालोद को आधा दर्जन के आसपास सीटें दी जाएंगी एक दो सीट अन्य दलों को देकर समाजवादी पार्टी सबसे ज्यादा सीटों पर खुद चुनाव मैदान में उतरेगी.

अखिलेश के कदम से इंडिया गठबंधन में दरार : अखिलेश यादव के इस कदम के बाद इंडिया गठबंधन में सपा और कांग्रेस के बीच और अधिक दरार पड़ना स्वाभाविक है. मध्य प्रदेश में जब कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी को आधा दर्जन सीटें नहीं दी तो अखिलेश यादव ने चार दर्जन विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार उतार कर कांग्रेस की राह को रोकने का काम किया था अब जब चुनाव परिणाम आ चुके हैं और तीनों राज्यों में कांग्रेस चुनाव जीतने में सफल नहीं हो पाई है तो अखिलेश उत्तर प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल की भूमिका के अनुसार कांग्रेस को दो ही सीटें देने पर राजी हैं. इससे पहले भी अखिलेश यादव ने कहा था कि हम उत्तर प्रदेश में 65 सीटों की डिमांड कर रहे हैं, लेकिन अब उन्होंने सिर्फ दो ही सीटें देने की बात कह कर कांग्रेस और सपा के बीच दूरियां बढ़ाने की बात शुरू कर दी है. देखना होगा इंडिया गठबंधन के अंतर्गत आने वाले दिनों में जो राष्ट्रीय स्तर पर बैठक होनी है, जिसमें सीट शेयरिंग का फार्मूला तय होना है उसमें सपा के इस रूप का क्या असर होता है.



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