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वरिष्ठ नेता रामकृष्ण द्विवेदी को कांग्रेस सेवादल ने दी अंतिम विदाई

उत्तर प्रदेश के लखनऊ में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पंडित रामकृष्ण द्विवेदी का निधन हो गया. वरिष्ठ नेता पंडित काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे.

last ceremony of ramakrishna dwivedi
वरिष्ठ नेता रामकृष्ण द्विवेदी की मृत्यु
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Published : Apr 10, 2020, 4:10 PM IST

लखनऊ: स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पंडित रामकृष्ण द्विवेदी का लखनऊ में शुक्रवार की सुबह निधन हो गया. कांग्रेस सेवा दल के कार्यकर्ताओं ने पार्टी झंडे में लपेट कर उन्हें अंतिम विदाई दी.

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और उत्तर प्रदेश सरकार में गृह मंत्री रहे पंडित राम कृष्ण दिवेदी का लंबी बीमारी के बाद प्रातः चार बजे देहांत हो गया. कांग्रेस सेवादल मध्य जोन के अध्यक्ष राजेश सिंह काली के साथ भैसा कुंड धाम लखनऊ पहुंचे सेवादल स्वयं सेवको ने पार्टी ध्वज उनके पार्थिव शरीर पर डाल कर गॉर्ड ऑफ ऑनर देकर दो मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि दी.

1971 में विधानसभा सदस्य चुने गए
देश की राजनीति में पंडित राम कृष्ण द्विवेदी तब चर्चा में आए जब 1971 में गोरखपुर के मनीराम विधानसभा क्षेत्र उपचुनाव में उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिभुवन नारायण सिंह को पराजित कर विधानसभा सदस्य चुन लिए गये. 1969 में कांग्रेस दो भाग में बंट चुकी थी. अल्पमत सरकार चला रही प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी और उनके नेतृत्व में खड़ी कांग्रेस के भविष्य पर कयासों के बीच सवालिया निशान का साया पसरा हुआ था.

गोरखपुर विश्वविद्यालय में छात्रसंघ अध्यक्ष थे
उस बीच उत्तर प्रदेश के गोरखपुर की मनीराम विधानसभा का उपचुनाव कांग्रेस के लिए मील का पत्थर बना और इंदिरा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का प्रवाह कर दिया. गोरखपुर विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष रहे, इन्दिरा कांग्रेस के युवा प्रत्याशी पंडित रामकृष्ण द्विवेदी ने संविद सरकार के मुख्यमंत्री को ही चुनाव हरा दिया.

जब कार्यकर्ताओं में थी भ्रम की स्थिति
कांग्रेस के दो फाड़ होने की वजह से कार्यकर्ताओं में भ्रम की स्थित थी. जगह-जगह कांग्रेस कार्यालयों को ओल्ड कांग्रेस के लोग कब्जा कर रहे थे. मनीराम विधानसभा चुनाव में जहां कांग्रेस की स्टार प्रचारक इंदिरा गांधी थी तो मुख्यमंत्री के प्रचार के लिए अटल बिहारी वाजपेयी, कर्पूरी ठाकुर और मोरारजी देसाई जैसे प्रभावशाली नेताओं की टीम थी.

उत्तर प्रदेश के रहे गृहमंत्री
कांग्रेस की पुनर्वापसी की वजह बने रामकृष्ण द्विवेदी को पं.कमलापति त्रिपाठी की सरकार में उत्तर प्रदेश के गृहमंत्री बनने का मौका भी मिला. कांग्रेस की राजनीति करने से पहले उन्होंने पत्रकारिता भी की थी. हालांकि कुछ महीने के लिए उन्हें पार्टी से निष्कासित किया था. पिछले महीने ही उनका निष्कासन रद्द कर दिया गया था.

लखनऊ: स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पंडित रामकृष्ण द्विवेदी का लखनऊ में शुक्रवार की सुबह निधन हो गया. कांग्रेस सेवा दल के कार्यकर्ताओं ने पार्टी झंडे में लपेट कर उन्हें अंतिम विदाई दी.

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और उत्तर प्रदेश सरकार में गृह मंत्री रहे पंडित राम कृष्ण दिवेदी का लंबी बीमारी के बाद प्रातः चार बजे देहांत हो गया. कांग्रेस सेवादल मध्य जोन के अध्यक्ष राजेश सिंह काली के साथ भैसा कुंड धाम लखनऊ पहुंचे सेवादल स्वयं सेवको ने पार्टी ध्वज उनके पार्थिव शरीर पर डाल कर गॉर्ड ऑफ ऑनर देकर दो मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि दी.

1971 में विधानसभा सदस्य चुने गए
देश की राजनीति में पंडित राम कृष्ण द्विवेदी तब चर्चा में आए जब 1971 में गोरखपुर के मनीराम विधानसभा क्षेत्र उपचुनाव में उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिभुवन नारायण सिंह को पराजित कर विधानसभा सदस्य चुन लिए गये. 1969 में कांग्रेस दो भाग में बंट चुकी थी. अल्पमत सरकार चला रही प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी और उनके नेतृत्व में खड़ी कांग्रेस के भविष्य पर कयासों के बीच सवालिया निशान का साया पसरा हुआ था.

गोरखपुर विश्वविद्यालय में छात्रसंघ अध्यक्ष थे
उस बीच उत्तर प्रदेश के गोरखपुर की मनीराम विधानसभा का उपचुनाव कांग्रेस के लिए मील का पत्थर बना और इंदिरा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का प्रवाह कर दिया. गोरखपुर विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष रहे, इन्दिरा कांग्रेस के युवा प्रत्याशी पंडित रामकृष्ण द्विवेदी ने संविद सरकार के मुख्यमंत्री को ही चुनाव हरा दिया.

जब कार्यकर्ताओं में थी भ्रम की स्थिति
कांग्रेस के दो फाड़ होने की वजह से कार्यकर्ताओं में भ्रम की स्थित थी. जगह-जगह कांग्रेस कार्यालयों को ओल्ड कांग्रेस के लोग कब्जा कर रहे थे. मनीराम विधानसभा चुनाव में जहां कांग्रेस की स्टार प्रचारक इंदिरा गांधी थी तो मुख्यमंत्री के प्रचार के लिए अटल बिहारी वाजपेयी, कर्पूरी ठाकुर और मोरारजी देसाई जैसे प्रभावशाली नेताओं की टीम थी.

उत्तर प्रदेश के रहे गृहमंत्री
कांग्रेस की पुनर्वापसी की वजह बने रामकृष्ण द्विवेदी को पं.कमलापति त्रिपाठी की सरकार में उत्तर प्रदेश के गृहमंत्री बनने का मौका भी मिला. कांग्रेस की राजनीति करने से पहले उन्होंने पत्रकारिता भी की थी. हालांकि कुछ महीने के लिए उन्हें पार्टी से निष्कासित किया था. पिछले महीने ही उनका निष्कासन रद्द कर दिया गया था.

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