लखनऊ: कांग्रेस के प्रदेश अल्पसंख्यक विभाग चेयरमैन शाहनवाज आलम को पुलिस ने सोमवार की देर शाम गिरफ्तार कर लिया. जैसे ही कांग्रेसियों को शाहनवाज आलम के गिरफ्तार होने की खबर मिली, वे धीरे-धीरे करके हजरतगंज थाने पर जमा होने लगे. देर रात जब कांग्रेसियों का जमावड़ा लगने लगा तो पुलिस ने बल प्रयोग किया, जिसमें एक कार्यकर्ता तारिक का हाथ टूट गया. वहीं कई कार्यकर्ताओं को चोटें भी आई हैं.
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, नेता विधानमंडल दल आराधना मिश्रा समेत तमाम कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता देर रात तक हजरतगंज थाने पर मौजूद रहे. सोमवार रात मुख्यमंत्री आवास के सामने गोल्फ लिंक अपार्टमेंट से उत्तर प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमैन शाहनवाज आलम को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. उन पर आरोप है कि लखनऊ में 19 दिसंबर को नागरिकता संशोधन अधिनियम की आड़ में जो प्रायोजित दंगा हुआ था, उसे भड़काने में शाहनवाज आलम का हाथ था.
पुलिस शहनवाज को गिरफ्तार कर हजरतगंज थाने लाई, तो कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के साथ नेता विधानमंडल दल आराधना मिश्रा और शहर अध्यक्ष मुकेश सिंह चौहान समेत बड़ी संख्या में कार्यकर्ता रिहाई की मांग को लेकर जमा होने लगे और नारेबाजी करने लगे. इस दौरान जब पुलिस को लगा कि स्थिति नियंत्रण से बाहर हो रही है तो बल प्रयोग कर भीड़ को तितर-बितर कर दिया. इस दौरान कुछ कार्यकर्ताओं को चोटें आईं.
प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की पुलिस से कहासुनी भी हुई. उन्होंने यहां तक कहा कि सरकार और सत्ता के संरक्षण में पुलिस गलत मुकदमा दर्ज कर रही है. निर्दोषों को फंसा रही है. यह बिल्कुल ठीक नहीं है. यह एक अपराध है. पुलिस को कोई भी कार्रवाई करने से पहले सोचना चाहिए. बदले की भावना से कांग्रेसी नेताओं को गिरफ्तार किया जा रहा है. यह बिल्कुल भी ठीक नहीं है. कांग्रेस इसका विरोध करती है.
शहनवाज की रिहाई की मांग को लेकर देर रात तक तमाम नेता और कांग्रेसी कार्यकर्ता हजरतगंज थाने पर डटे हुए हैं. हालांकि पुलिस उनकी कोई सुनवाई नहीं कर रही है. पुलिस ने शाहनवाज को दंगा भड़काने का जिम्मेदार माना है. इसलिए पुलिस कोई रियायत करती हुई नजर नहीं आ रही है. फिलहाल कांग्रेस अब अपने पदाधिकारी की रिहाई के लिए विरोध-प्रदर्शन के मूड में है.