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कानपुर धर्मांतरण मामले पर अखिलेश ने कहा- लोकतंत्र के लिए ऐसी घटनाएं शर्मनाक

यूपी में धर्मांतरण को लेकर नए-नए मामले सामने आते रहते हैं. ताजा मामला कानपुर जिले का है, जहां धर्मांतरण के नाम पर एक व्यक्ति की जमकर पिटाई की गई. व्यक्ति की पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वहीं मामले को लेकर कांग्रेस पार्टी ने योगी सरकार पर निशाना साधा है.

कानपुर में धर्मांतरण के नाम पर व्यक्ति की पिटाई.
कानपुर में धर्मांतरण के नाम पर व्यक्ति की पिटाई.
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Published : Aug 13, 2021, 4:25 PM IST

Updated : Aug 13, 2021, 7:55 PM IST

लखनऊ: धर्मांतरण से जुड़े कानपुर के वायरल वीडियो के मामले में कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश की योगी सरकार पर जमकर हमला बोला है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सचिन रावत ने सवाल किया कि कानून-व्यवस्था को लेकर योगी सरकार द्वारा किए गए दावे कहां गए? यह सरकार कानून-व्यवस्था को दुरुस्त रखने के केवल दावे करती है. असल में RSS और बजरंग दल जैसे संगठनों को पूरी छूट दी गई है.

अखिलेश ने योगी सरकार पर साधा निशाना
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कानपुर में एक विशेष समुदाय के व्यक्ति की सरेराह पिटाई की घटना की निंदा की है. अखिलेश यादव ने कहा कि लोकतंत्र के लिए ऐसी घटनाएं शर्मनाक हैं. भाजपा सरकार ने यूपी में अराजकता फैला दी है. प्रदेश में कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त है. उन्होंने कहा कि आरएसएस की विचारधारा के कारण जब से केंद्र और राज्य में भाजपा सरकार आई है, वंचित समाज के उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ गई हैं. जाति और धर्म के आधार पर लोगों के साथ भेदभाव किया जा रहा है. यूपी सरकार का एजेंडा ही विभाजनकारी है. भारत के संविधान की मूल भावना समानता की पोषक है.

कानपुर में धर्मांतरण के नाम पर व्यक्ति की पिटाई.

सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी लोकतांत्रिक मूल्यों की पक्षधर है. अन्याय और शोषण के खिलाफ सपा ने हमेशा लड़ाई लड़ी है. सामाजिक सद्भाव बढ़ाना ही सपा का लक्ष्य है, लेकिन भाजपा देश में नफरत और घृणा फैलाने में लगी है. जनमत द्वारा निर्वाचित सरकार की जिम्मेदारी है कि जनता का भरोसा सरकार में बना रहे. भाजपा इसके उलट काम करती है. आपसी सौहार्द मजबूत करने की दिशा में भाजपा अवरोध पैदा करती है. समाज को तोड़ने वाले ही आज सत्ता में बैठे हैं. देश की एकता के सामने सबसे बड़ा खतरा भाजपा और आरएसएस है.

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सचिन रावत ने सवाल उठाया कि धर्मांतरण के मामले में पुलिस तक शिकायत पहुंचने के बाद भी कार्रवाई क्यों नहीं हुई? उन्होंने कहा कि इससे यह साबित होता है कि उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था ध्वस्त है. यह सरकार कानून-व्यवस्था को दुरुस्त रखने के केवल दावे करती है. असल में RSS और बजरंग दल जैसे संगठनों को पूरी छूट दी गई है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को समझ जाना चाहिए कि प्रदेश की जनता उन्हें समझ चुकी है. 2022 के विधानसभा चुनाव में उन्हें कुर्सी से उतारने के लिए जनता पूरी तरह से मन बना चुकी है. उन्हें इसके लिए तैयार रहना चाहिए.

मामले को लेकर समाजवादी पार्टी ने भी योगी सरकार पर हमला बोला है. समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता आईपी सिंह ने कहा कि कानपूर की घटना शर्मसार करने वाली है. उन्होंने कहा कि देश आज शर्मिंदा है कि कुछ लोगों की सत्ता की हवस ने भारत को कुछ ऐसा बना दिया. सपा प्रवक्ता ने कहा कि जहां राम का नाम लेकर अत्याचार होता है, जहां एक बेटी की चीख भी किसी को सुनाई नहीं देती, हर हिंदू परिवार को ऐसे लोगों पर शर्म आती है और इनके समर्थकों पर दया आती है.

क्या 'मन की बात' में सुनाई देगी बेटी की चीख-पुकार
सपा प्रवक्ता आईपी सिंह ने पीएम मोदी से सवाल किया कि क्या एक मासूम बेटी की चीख-पुकार प्रधानमंत्री के मन की बात में सुनाई देगी. उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान ऐसा कभी नही रहा है, जो इस समय है. सपा प्रवक्ता ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के नाम को सत्ता के लिए बदनाम किया जा रहा है. उनके नाम का राजनीतिक फायदा उठाया जा रहा है. देश में, संसद में, चारों तरफ मार्शल लॉ चल रहा है, जो लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है.

मौलाना ने जताई नाराजगी
दारुल उलूम फरंगी महल के प्रवक्ता मौलाना सुफियान निजामी ने बयान जारी कर इस वीडियो में पीड़ित के साथ हो रही बर्बरता की निंदा की. उन्होंने कहा कि कानपुर में आपसी विवाद को धार्मिक रंग देने की वजह सिर्फ और सिर्फ एक पक्ष का मुस्लिम होना है. इस तरह की घटनाएं पूरे हिंदुस्तान में देखने को मिलती हैं. कहीं पर मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के नाम पर आतंकवाद फैलाने की कोशिश होती तो कहीं पर भारत माता के नाम पर आतंक फैलाया जाता है. मौलाना ने कहा कि अगर इन दंगाइयों और गरीब मजबूरों पर अत्याचार करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए और मुख्यमंत्री की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत काम किया जाए तो ऐसे दंगाइयों की हिम्मत भी पस्त होंगी और ऐसी घटनाओं पर आगे से रोक लग जाएगी।

दारुल उलूम के प्रवक्ता मौलाना सूफियान ने कहा कि अफसोस इस बात का है कि जब पुलिस इन दंगाइयों पर कार्रवाई करती है और ऐसे लोगों को गिरफ्तार करती है तो फिर कुछ लोग पुलिस थानों के बाहर धरना देने लगते हैं और पूरे मामले को धार्मिक रंग देने लगते हैं. मौलाना सुफियान निजामी ने कहा कि जब तक इन लोगों पर कार्रवाई नहीं की जाएगी तब तक ऐसी घटनाएं होती रहेंगी और मजलूमों पर अत्याचार इस देश में होता रहेगा.

कानपुर में धर्मांतरण के नाम पर व्यक्ति की पिटाई.

कानून को हाथ में लेने वालों पर होगी कार्रवाई
वहीं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने कहा कि हिंदुस्तान में धर्मांतरण एक बड़ी समस्या है. यह प्रक्रिया देश में सैकड़ों सालों से चली आ रही है. आजादी के बाद से कुछ ऐसी सरकारें बनीं, जो धर्मांतरण करने वालों के साथ खड़ी रहीं. तुष्टीकरण के नाते वह सरकारें ऐसे लोगों को बचाती रहीं. उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने धर्मांतरण के खिलाफ कठोर कानून बनाया है, जो भी कानून को तोड़ेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. मनीष शुक्ला ने कहा कि हां यह बात भी ठीक है कि किसी को कानून हाथ में लेने का अधिकार नहीं है. यदि कहीं इस प्रकार की घटना होती है तो पुलिस को सूचित करना चाहिए. कानपुर की घटना में भी यही सत्य है और निश्चित रूप से जो धर्मांतरण का दोषी होगा, उसके खिलाफ भी कार्रवाई होगी, जो कानून अपने हाथ में लेगा उसके खिलाफ भी कार्रवाई होगी.

जानें क्या है पूरा मामला?
मिली जानकारी के अनुसार, मामला धर्मांतरण से जुड़ा हुआ है. आरोप है कि कानपुर जिले के बर्रा थाना क्षेत्र के कच्ची बस्ती में रहने वाली एक महिला पर कुछ लोगों ने धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया था. पीड़ित महिला ने आरोप लगाया कि बर्रा थाना क्षेत्र के निवासी सलमान और सद्दाम उसका धर्म परिवर्तन कराने के लिए दबाव बना रहे थे. सलमान और सद्दाम ने धर्म परिवर्तन करने के लिए महिला को 20 हजार रुपये का लालच दिया था. जब महिला ने ऐसा करने से इनकार कर दिया तो आरोपी महिला और उसकी 2 बेटियों को परेशान करने लगे. पीड़िता ने मामले की शिकायत बर्रा थाने में की थी, लेकिन पुलिस ने संतुष्टिपूर्ण कार्रवाई नहीं की.

बाद में पीड़ित महिला बजरंग दल के लोगों से मिली. आरोप है कि बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने एक व्यक्ति की सरेराह पिटाई करते हुए जुलूस निकाला. इस मामले पर स्थानीय लोगों ने बताया कि बर्रा थाना क्षेत्र के कच्ची बस्ती में कुरैशा बेगम और रानी दोनों पड़ोसियों का दरवाजे पर बाइक लड़ने को लेकर झगड़ा हुआ था. इस झगड़े को संप्रदायिक रूप दिया जा रहा है. वायरल हो रहे वीडियो में मारपीट कर रहे लोग कुरैशा बेगम के लड़कों को पकड़ने गए थे. कुरैशा बेगम के लड़के उस दौरान घर पर नहीं मिले, लेकिन हमलावरों को उनका देवर हाथ लग गया, जिसकी इन लोगों ने पिटाई कर दी.

इसे भी पढ़ें:- मासूम लगाती रही गुहार...दबंग जय श्री राम के नारे लगाने के लिए करते रहे मजबूर

वायरल वीडियो में पिट रहे व्यक्ति के साथ उसकी लगभग 8-9 वर्ष की बच्ची दिखाई दे रही है, जो हमलावरों से अपने पिता को बचाने की बार-बार गुहार लगा रही है. व्यक्ति के साथ मारपीट कर रहे लोगों को मासूम की गुहार से कोई फर्क नहीं पड़ता है. कानपुर नगर, साउथ की डीसीपी रवीना त्यागी ने बताया कि बर्रा थाना क्षेत्र में रामगोपाल चौराहा के पास कच्ची बस्ती से वीडियो सामने आया है. वायरल वीडियो में कुछ लोग एक व्यक्ति के साथ मारपीट कर रहे हैं. जो पीड़ित है, उसकी तहरीर के आधार पर कुछ नामजद व अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. अग्रिम कार्रवाई की जा रही है.

लखनऊ: धर्मांतरण से जुड़े कानपुर के वायरल वीडियो के मामले में कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश की योगी सरकार पर जमकर हमला बोला है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सचिन रावत ने सवाल किया कि कानून-व्यवस्था को लेकर योगी सरकार द्वारा किए गए दावे कहां गए? यह सरकार कानून-व्यवस्था को दुरुस्त रखने के केवल दावे करती है. असल में RSS और बजरंग दल जैसे संगठनों को पूरी छूट दी गई है.

अखिलेश ने योगी सरकार पर साधा निशाना
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कानपुर में एक विशेष समुदाय के व्यक्ति की सरेराह पिटाई की घटना की निंदा की है. अखिलेश यादव ने कहा कि लोकतंत्र के लिए ऐसी घटनाएं शर्मनाक हैं. भाजपा सरकार ने यूपी में अराजकता फैला दी है. प्रदेश में कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त है. उन्होंने कहा कि आरएसएस की विचारधारा के कारण जब से केंद्र और राज्य में भाजपा सरकार आई है, वंचित समाज के उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ गई हैं. जाति और धर्म के आधार पर लोगों के साथ भेदभाव किया जा रहा है. यूपी सरकार का एजेंडा ही विभाजनकारी है. भारत के संविधान की मूल भावना समानता की पोषक है.

कानपुर में धर्मांतरण के नाम पर व्यक्ति की पिटाई.

सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी लोकतांत्रिक मूल्यों की पक्षधर है. अन्याय और शोषण के खिलाफ सपा ने हमेशा लड़ाई लड़ी है. सामाजिक सद्भाव बढ़ाना ही सपा का लक्ष्य है, लेकिन भाजपा देश में नफरत और घृणा फैलाने में लगी है. जनमत द्वारा निर्वाचित सरकार की जिम्मेदारी है कि जनता का भरोसा सरकार में बना रहे. भाजपा इसके उलट काम करती है. आपसी सौहार्द मजबूत करने की दिशा में भाजपा अवरोध पैदा करती है. समाज को तोड़ने वाले ही आज सत्ता में बैठे हैं. देश की एकता के सामने सबसे बड़ा खतरा भाजपा और आरएसएस है.

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सचिन रावत ने सवाल उठाया कि धर्मांतरण के मामले में पुलिस तक शिकायत पहुंचने के बाद भी कार्रवाई क्यों नहीं हुई? उन्होंने कहा कि इससे यह साबित होता है कि उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था ध्वस्त है. यह सरकार कानून-व्यवस्था को दुरुस्त रखने के केवल दावे करती है. असल में RSS और बजरंग दल जैसे संगठनों को पूरी छूट दी गई है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को समझ जाना चाहिए कि प्रदेश की जनता उन्हें समझ चुकी है. 2022 के विधानसभा चुनाव में उन्हें कुर्सी से उतारने के लिए जनता पूरी तरह से मन बना चुकी है. उन्हें इसके लिए तैयार रहना चाहिए.

मामले को लेकर समाजवादी पार्टी ने भी योगी सरकार पर हमला बोला है. समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता आईपी सिंह ने कहा कि कानपूर की घटना शर्मसार करने वाली है. उन्होंने कहा कि देश आज शर्मिंदा है कि कुछ लोगों की सत्ता की हवस ने भारत को कुछ ऐसा बना दिया. सपा प्रवक्ता ने कहा कि जहां राम का नाम लेकर अत्याचार होता है, जहां एक बेटी की चीख भी किसी को सुनाई नहीं देती, हर हिंदू परिवार को ऐसे लोगों पर शर्म आती है और इनके समर्थकों पर दया आती है.

क्या 'मन की बात' में सुनाई देगी बेटी की चीख-पुकार
सपा प्रवक्ता आईपी सिंह ने पीएम मोदी से सवाल किया कि क्या एक मासूम बेटी की चीख-पुकार प्रधानमंत्री के मन की बात में सुनाई देगी. उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान ऐसा कभी नही रहा है, जो इस समय है. सपा प्रवक्ता ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के नाम को सत्ता के लिए बदनाम किया जा रहा है. उनके नाम का राजनीतिक फायदा उठाया जा रहा है. देश में, संसद में, चारों तरफ मार्शल लॉ चल रहा है, जो लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है.

मौलाना ने जताई नाराजगी
दारुल उलूम फरंगी महल के प्रवक्ता मौलाना सुफियान निजामी ने बयान जारी कर इस वीडियो में पीड़ित के साथ हो रही बर्बरता की निंदा की. उन्होंने कहा कि कानपुर में आपसी विवाद को धार्मिक रंग देने की वजह सिर्फ और सिर्फ एक पक्ष का मुस्लिम होना है. इस तरह की घटनाएं पूरे हिंदुस्तान में देखने को मिलती हैं. कहीं पर मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के नाम पर आतंकवाद फैलाने की कोशिश होती तो कहीं पर भारत माता के नाम पर आतंक फैलाया जाता है. मौलाना ने कहा कि अगर इन दंगाइयों और गरीब मजबूरों पर अत्याचार करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए और मुख्यमंत्री की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत काम किया जाए तो ऐसे दंगाइयों की हिम्मत भी पस्त होंगी और ऐसी घटनाओं पर आगे से रोक लग जाएगी।

दारुल उलूम के प्रवक्ता मौलाना सूफियान ने कहा कि अफसोस इस बात का है कि जब पुलिस इन दंगाइयों पर कार्रवाई करती है और ऐसे लोगों को गिरफ्तार करती है तो फिर कुछ लोग पुलिस थानों के बाहर धरना देने लगते हैं और पूरे मामले को धार्मिक रंग देने लगते हैं. मौलाना सुफियान निजामी ने कहा कि जब तक इन लोगों पर कार्रवाई नहीं की जाएगी तब तक ऐसी घटनाएं होती रहेंगी और मजलूमों पर अत्याचार इस देश में होता रहेगा.

कानपुर में धर्मांतरण के नाम पर व्यक्ति की पिटाई.

कानून को हाथ में लेने वालों पर होगी कार्रवाई
वहीं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने कहा कि हिंदुस्तान में धर्मांतरण एक बड़ी समस्या है. यह प्रक्रिया देश में सैकड़ों सालों से चली आ रही है. आजादी के बाद से कुछ ऐसी सरकारें बनीं, जो धर्मांतरण करने वालों के साथ खड़ी रहीं. तुष्टीकरण के नाते वह सरकारें ऐसे लोगों को बचाती रहीं. उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने धर्मांतरण के खिलाफ कठोर कानून बनाया है, जो भी कानून को तोड़ेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. मनीष शुक्ला ने कहा कि हां यह बात भी ठीक है कि किसी को कानून हाथ में लेने का अधिकार नहीं है. यदि कहीं इस प्रकार की घटना होती है तो पुलिस को सूचित करना चाहिए. कानपुर की घटना में भी यही सत्य है और निश्चित रूप से जो धर्मांतरण का दोषी होगा, उसके खिलाफ भी कार्रवाई होगी, जो कानून अपने हाथ में लेगा उसके खिलाफ भी कार्रवाई होगी.

जानें क्या है पूरा मामला?
मिली जानकारी के अनुसार, मामला धर्मांतरण से जुड़ा हुआ है. आरोप है कि कानपुर जिले के बर्रा थाना क्षेत्र के कच्ची बस्ती में रहने वाली एक महिला पर कुछ लोगों ने धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया था. पीड़ित महिला ने आरोप लगाया कि बर्रा थाना क्षेत्र के निवासी सलमान और सद्दाम उसका धर्म परिवर्तन कराने के लिए दबाव बना रहे थे. सलमान और सद्दाम ने धर्म परिवर्तन करने के लिए महिला को 20 हजार रुपये का लालच दिया था. जब महिला ने ऐसा करने से इनकार कर दिया तो आरोपी महिला और उसकी 2 बेटियों को परेशान करने लगे. पीड़िता ने मामले की शिकायत बर्रा थाने में की थी, लेकिन पुलिस ने संतुष्टिपूर्ण कार्रवाई नहीं की.

बाद में पीड़ित महिला बजरंग दल के लोगों से मिली. आरोप है कि बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने एक व्यक्ति की सरेराह पिटाई करते हुए जुलूस निकाला. इस मामले पर स्थानीय लोगों ने बताया कि बर्रा थाना क्षेत्र के कच्ची बस्ती में कुरैशा बेगम और रानी दोनों पड़ोसियों का दरवाजे पर बाइक लड़ने को लेकर झगड़ा हुआ था. इस झगड़े को संप्रदायिक रूप दिया जा रहा है. वायरल हो रहे वीडियो में मारपीट कर रहे लोग कुरैशा बेगम के लड़कों को पकड़ने गए थे. कुरैशा बेगम के लड़के उस दौरान घर पर नहीं मिले, लेकिन हमलावरों को उनका देवर हाथ लग गया, जिसकी इन लोगों ने पिटाई कर दी.

इसे भी पढ़ें:- मासूम लगाती रही गुहार...दबंग जय श्री राम के नारे लगाने के लिए करते रहे मजबूर

वायरल वीडियो में पिट रहे व्यक्ति के साथ उसकी लगभग 8-9 वर्ष की बच्ची दिखाई दे रही है, जो हमलावरों से अपने पिता को बचाने की बार-बार गुहार लगा रही है. व्यक्ति के साथ मारपीट कर रहे लोगों को मासूम की गुहार से कोई फर्क नहीं पड़ता है. कानपुर नगर, साउथ की डीसीपी रवीना त्यागी ने बताया कि बर्रा थाना क्षेत्र में रामगोपाल चौराहा के पास कच्ची बस्ती से वीडियो सामने आया है. वायरल वीडियो में कुछ लोग एक व्यक्ति के साथ मारपीट कर रहे हैं. जो पीड़ित है, उसकी तहरीर के आधार पर कुछ नामजद व अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. अग्रिम कार्रवाई की जा रही है.

Last Updated : Aug 13, 2021, 7:55 PM IST
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