लखनऊ: उत्तर प्रदेश कांग्रेस पिछड़ा वर्ग विभाग ने मंगलवार को 19 अति पिछड़ी जातियों के हक, सम्मान और लोकतंत्र में उनकी भागीदारी के लिए अति पिछड़ा सम्मेलन (धीवर, कश्यप, मल्लाह, केवट, कहार, प्रजापति, बिन्द आदि) आयोजित किया. प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर आयोजित सम्मेलन में संविधान को कमजोर करने, आरक्षण को साजिशन समाप्त करने का षड्यंत्र करने और निजीकरण करके पिछड़ों की हकमारी करने के प्रयासों पर निन्दा प्रस्ताव पारित किया गया.
अति पिछड़ों को नहीं मिल रही भागीदारी
अति पिछड़ा वर्ग सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि जमींदारी उन्मूलन कानून लागू करके पिछड़ों को जमीन का अधिकार देने का काम कांग्रेस ने किया. संविधान में आरक्षण का प्रावधान देकर पिछड़ों को संसाधन में भागीदारी करने का मौका दिया. पिछड़े वर्ग के गरीब छात्रों के लिए छात्रवृत्ति देने की कार्य योजना बनाकर कांग्रेस ने पिछड़े वर्ग के छात्रों को उच्च शिक्षा में भागीदारी दिलाई.
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि कुछ लोग आये और पिछड़ों को नारा दिया, 'जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी भागीदारी', लेकिन यह नारा सिर्फ नारा ही रहा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के अलावा अन्य पार्टियों की नीयत, नियति में अति पिछड़े वर्ग को लेकर कोई कार्यक्रम होता ही नहीं है. निषाद, धीवर, कश्यप, मल्लाह, केवट, बिन्द, प्रजापति को नदी खनन का पट्टा होता है, लेकिन लाभ इस समाज को कभी नहीं मिला.
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि मैं भी अति पिछड़े समाज से आता हूं. मैं मद्वेसिया समुदाय से हूं. मेहनत के बल पर छोटा-मोटा काम करते हैं. सपा, बसपा और भाजपा ने केवट, बिन्द, मल्लाह के नदी, नाले, तालाब के पट्टे का अधिकार इन तीनों ने ही छीना है. इस समुदाय के संसाधनों पर भागीदारी कांग्रेस ही सुनिश्चित कर सकती है. उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड में इसी समाज के लोग कर्ज के चलते खुदकुशी कर रहे हैं. सरकारी नौकरी, विश्वविद्यालयों, केंद्र की नौकरियों में इस समुदाय का प्रतिनिधित्व शून्य है. इस समाज के दम पर सपा, बसपा की दो बिरादरियों ने करोड़ों रुपये कमाए हैं. बुंदेलखंड में लोग कर्ज के चलते आत्महत्या कर रहे हैं. खनन का अधिकार रखने वाले खनन से कोई आय नहीं कर पा रहे हैं.
संविधान को कुचला जा रहा
अजय कुमार लल्लू ने कहा 69,000 शिक्षक भर्ती में पिछड़ों के अधिकार पर डाका डाला गया. निजीकरण को बढ़ावा देकर पिछड़ों के आरक्षण को समाप्त किया जा रहा है. संविधान को कुचला जा रहा है. दलितों, पिछड़ों पर ऐतिहासिक अन्याय हो रहा है. आज लड़ाई तेरी-मेरी की नहीं है, आज संविधान खतरे में है. आरक्षण को खत्म करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है. सबको एक साथ मिलकर कांग्रेस के साथ चलना होगा. देश, संविधान रहेगा तो आरक्षण और प्रतिनिधित्व भी रहेगा.
जो चलने की सोचे ही नहीं वो अति पिछड़ा
सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए पूर्व सांसद राजाराम पाल ने कहा कि अतिपिछड़ों की सत्ता और संसाधन में भागीदारी चाहिए. जो चलने की हिम्मत न करे वो पिछड़ा, जो चलने की सोचे ही नहीं वो अति पिछड़ा. धीवर, निषाद, कश्यप, मल्लाह, केवट, कहार, कुम्हार, प्रजापति, बिन्द की संख्या ढाई करोड़ के आसपास है. अति पिछड़ा समाज को मजबूती से कांग्रेस से जुड़ना चाहिए. हक सामने वाले को मजबूर करने से मिलता है.
वहीं पूर्व सांसद राकेश सचान ने कहा कि अगर सपा, बसपा, भाजपा से ठगे गए हो तो कांग्रेस के साथ मजबूती से खड़ा होना होगा. सम्मेलन में पूर्व सांसद बालकृष्ण चौहान ने कहा कि अब अति पिछड़ों को सभी को रेवड़ी बांटना बंद करना चाहिए. पिछड़ा वर्ग विभाग के चेयरमैन मनोज यादव ने कहा कि समय कम है अब सभी लोगों को एकजुट होकर कांग्रेस के पक्ष में जुटने की आवश्यकता है.