लखनऊ: डॉ. कफील खान को लेकर कांग्रेस नेता शाहनवाज आलम ने योगी सरकार पर प्रहार किया है. उन्होंने कहा कि डॉ. कफील खान की रिहाई के हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अवकाश याचिका दायर करना मुख्यमंत्री की व्यक्तिगत कुंठा का ताजा उदाहरण है.
'सुप्रीम कोर्ट में भी अपनी किरकिरी कराएंगे योगी'
उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कांग्रेस के चेयरमैन शाहनवाज आलम ने बयान जारी कर कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस गोविंद माथुर और सौमित्र दयाल सिंह ने एक सितम्बर को अपना फैसला दिया था. निर्णय में स्पष्ट कहा है कि डॉ. कफील के खिलाफ एनएसए लगाया जाना कानून की नजर में कायम रहने लायक ही नहीं है. फैसले में उन्होंने अलीगढ़ के डीएम पर भी कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था कि उन्होंने कफील के भाषण की मनमानी व्याख्या कर उससे शांति व्यवस्था को खतरा बताया था, जबकि पूरा भाषण राष्ट्रीय सद्भाव और नागरिकों के बीच एकता का आह्वान करता है.
शाहनवाज ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री न्यायालय में आस्था रखने वाले होते तो अपने अपराध के लिए कफील से माफी मांगते, लेकिन अपनी व्यक्तिगत कुंठा के कारण वे अब सुप्रीम कोर्ट में भी अपनी किरकिरी कराने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि अपने ऊपर लगे आपराधिक मुकदमों को मुख्यमंत्री बनते ही 'जनहित' में हटवा लेने वाले सीएम से ऐसी ही कुंठित कार्रवाई की उम्मीद की जा सकती है. ये आश्चर्य की बात है कि जो व्यक्ति खुद जेल जाने के कारण संसद में रोता हो वो हाईकोर्ट के फैसले के बावजूद एक मेहनती और ईमानदार डॉक्टर को जबरदस्ती जेल भेजने पर आमादा है.
प्रियंका से मिले थे कफील
बता दें कि डॉ कफील खान की रिहाई के लिए अल्पसंख्यक कांग्रेस ने प्रदेशव्यापी 15 दिवसीय अभियान चलाया था. उनकी रिहाई के बाद उन्हें कांग्रेस शासित राजस्थान में रहने की व्यवस्था की थी. इस दौरान कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उनसे फोन पर कई बार बात की थी. कफील अपने परिवार सहित प्रियंका गांधी से मिलने उनके दिल्ली स्थित आवास पर भी गए थे.