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लखीमपुर खीरी मामला: कांग्रेस नेता की मांग, यूपी सरकार को बर्खास्त करे सुप्रीम कोर्ट

लखीमपुर खीरी मामले में यूपी सरकार से सुप्रीम कोर्ट ने स्टेटस रिपोर्ट मांगी है. सरकार से पूछा है कि इस हिंसा में कितने लोग मारे गए हैं? कितने किसान, राजनीतिक पार्टी के लोग हिंसा का शिकार हुए? कितने पत्रकार इसमें मारे गए? कितने के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है? किन लोगों को अब तक गिरफ्तार किया गया है? कल फिर सुप्रीम कोर्ट इस मामले में सुनवाई करेगा.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शैलेंद्र तिवारी
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शैलेंद्र तिवारी
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Published : Oct 7, 2021, 4:29 PM IST

Updated : Oct 7, 2021, 4:42 PM IST

लखनऊ: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शैलेंद्र तिवारी (Shailendra Tiwari) ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि लखीमपुर (Lakhimpur) मामले में सरकार पूरी तरह फेल हुई है. सरकार की लापरवाही से ही लखीमपुर में इतनी बड़ी घटना को अंजाम दिया गया है. जब सरकार इस घटना पर कोई कार्रवाई नहीं कर पाई तो आखिरकार सुप्रीम कोर्ट (Supream Court) को स्वतः संज्ञान लेना पड़ा है. सुप्रीम कोर्ट की तरफ से उत्तर प्रदेश सरकार को लताड़ भी लगाई गई है और कहा गया है कि लखीमपुर की घटना का वर्तमान स्टेटस क्या है? इससे तत्काल अवगत कराया जाए. उन्होंने कहा कि कहीं न कहीं सुप्रीम कोर्ट का इस तरह सरकार से सवाल पूछना सरकार की नाकामियों को साबित करता है.



शैलेंद्र तिवारी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाते हुए सरकार से जवाब मांगा है कि सरकार ने लखीमपुर हिंसा पर क्या किया है? उन्होंने कहा कि सरकार अपनी नैतिक जिम्मेदारी नहीं निभा पाई है. चाहे वह गोरखपुर के मामले में हो, चाहे अपराधी आईपीएस को गिरफ्तार करने के मामले हो, चाहे लखीमपुर नरसंहार (Lakhimpur Massacre) के मामले में हो. सरकार फेल हुई तो सुप्रीम कोर्ट ने सवाल पूछा कि इस घटना का स्टेटस क्या है? कितने लोग इस हिंसा में मारे गए हैं? इसकी क्या वजह है? निश्चित तौर पर सरकार ने अपनी नैतिक जिम्मेदारी नहीं निभाई. इसीलिए उच्चतम न्यायालय ने दखल दिया है. शैलेन्द्र तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि पहले के भी तमाम मामलों पर सरकार से सवाल पूछे जाने चाहिए. नाकामी पर तत्काल सुप्रीम कोर्ट से सरकार बर्खास्त होनी चाहिए और उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए.

इसे भी पढ़ें-हिस्ट्रीशीटर देश का गृह राज्यमंत्री नहीं बन सकता है: राकेश टिकैत




बता दें कि लखीमपुर घटना का उच्चतम न्यायालय ने स्वतः संज्ञान लिया है. लखीमपुर खीरी मामले में यूपी सरकार से स्टेटस रिपोर्ट मांगी है. सरकार से पूछा है कि इस हिंसा में कितने लोग मारे गए हैं? कितने किसान, राजनीतिक पार्टी के लोग हिंसा का शिकार हुए? कितने पत्रकार इसमें मारे गए? कितने के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है? किन लोगों को अब तक गिरफ्तार किया गया है? कल फिर सुप्रीम कोर्ट इस मामले में सुनवाई करेगा.

इसे भी पढ़ें-चुनाव से पहले भाजपा की नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी घोषित, पीएम मोदी-मुरली मनोहर जोशी को किया गया शामिल

वहीं, इस मामले में पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता हीरो बाजपेयी (Spokesperson Hero Bajpayee) ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के सभी आदेशों का पालन होगा. कानून अपना कार्य कर रहा है. कोई दोषी नहीं बख्शा जाएगा. पहले भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस बात की घोषणा कर चुके हैं. अब सुप्रीम कोर्ट जो भी जैसा भी आदेश कर रहा है उसका सरकार पालन करेगी. भारतीय जनता पार्टी इसको लेकर सभी को आश्वस्त करती है.

लखनऊ: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शैलेंद्र तिवारी (Shailendra Tiwari) ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि लखीमपुर (Lakhimpur) मामले में सरकार पूरी तरह फेल हुई है. सरकार की लापरवाही से ही लखीमपुर में इतनी बड़ी घटना को अंजाम दिया गया है. जब सरकार इस घटना पर कोई कार्रवाई नहीं कर पाई तो आखिरकार सुप्रीम कोर्ट (Supream Court) को स्वतः संज्ञान लेना पड़ा है. सुप्रीम कोर्ट की तरफ से उत्तर प्रदेश सरकार को लताड़ भी लगाई गई है और कहा गया है कि लखीमपुर की घटना का वर्तमान स्टेटस क्या है? इससे तत्काल अवगत कराया जाए. उन्होंने कहा कि कहीं न कहीं सुप्रीम कोर्ट का इस तरह सरकार से सवाल पूछना सरकार की नाकामियों को साबित करता है.



शैलेंद्र तिवारी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाते हुए सरकार से जवाब मांगा है कि सरकार ने लखीमपुर हिंसा पर क्या किया है? उन्होंने कहा कि सरकार अपनी नैतिक जिम्मेदारी नहीं निभा पाई है. चाहे वह गोरखपुर के मामले में हो, चाहे अपराधी आईपीएस को गिरफ्तार करने के मामले हो, चाहे लखीमपुर नरसंहार (Lakhimpur Massacre) के मामले में हो. सरकार फेल हुई तो सुप्रीम कोर्ट ने सवाल पूछा कि इस घटना का स्टेटस क्या है? कितने लोग इस हिंसा में मारे गए हैं? इसकी क्या वजह है? निश्चित तौर पर सरकार ने अपनी नैतिक जिम्मेदारी नहीं निभाई. इसीलिए उच्चतम न्यायालय ने दखल दिया है. शैलेन्द्र तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि पहले के भी तमाम मामलों पर सरकार से सवाल पूछे जाने चाहिए. नाकामी पर तत्काल सुप्रीम कोर्ट से सरकार बर्खास्त होनी चाहिए और उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए.

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बता दें कि लखीमपुर घटना का उच्चतम न्यायालय ने स्वतः संज्ञान लिया है. लखीमपुर खीरी मामले में यूपी सरकार से स्टेटस रिपोर्ट मांगी है. सरकार से पूछा है कि इस हिंसा में कितने लोग मारे गए हैं? कितने किसान, राजनीतिक पार्टी के लोग हिंसा का शिकार हुए? कितने पत्रकार इसमें मारे गए? कितने के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है? किन लोगों को अब तक गिरफ्तार किया गया है? कल फिर सुप्रीम कोर्ट इस मामले में सुनवाई करेगा.

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वहीं, इस मामले में पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता हीरो बाजपेयी (Spokesperson Hero Bajpayee) ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के सभी आदेशों का पालन होगा. कानून अपना कार्य कर रहा है. कोई दोषी नहीं बख्शा जाएगा. पहले भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस बात की घोषणा कर चुके हैं. अब सुप्रीम कोर्ट जो भी जैसा भी आदेश कर रहा है उसका सरकार पालन करेगी. भारतीय जनता पार्टी इसको लेकर सभी को आश्वस्त करती है.

Last Updated : Oct 7, 2021, 4:42 PM IST
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