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कांग्रेस को लग सकता है एक और बड़ा झटका, सपा में 'घर वापसी' कर सकते हैं राजबब्बर

कांग्रेस पार्टी को यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के पहले एक और बड़ा झटका लग सकता है. जहां कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और अभिनेता राज बब्बर एक बार फिर समाजवादी पार्टी में शामिल हो सकते हैं.

राजबब्बर
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Published : Jan 28, 2022, 11:22 AM IST

Updated : Jan 28, 2022, 2:02 PM IST

लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के चुनावी समर में उतरी कांग्रेस पार्टी को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं. हाल ही में पूर्वांचल की राजनीति में मजबूत पकड़ रखने वाले आरपीएन सिंह ने कांग्रेस छोड़ भाजपा ज्वाइन की तो एक दिन पहले ही कानपुर और फतेहपुर की राजनीति में अच्छी पकड़ रखने वाले राकेश सचान ने भी कांग्रेस को अलविदा कहते हुए भाजपा से हाथ मिला लिया लिया. अब जल्द ही पार्टी को एक और बड़ा झटका लग सकता है. पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर भी कांग्रेस का साथ छोड़कर अपने लिए बेहतर विकल्प के रूप में समाजवादी पार्टी ज्वाइन कर सकते हैं. हालांकि उनके बहुजन समाज पार्टी में भी जाने के कयास लगाए जा रहे हैं. हालांकि राजबब्बर के साथ ही कांग्रेस पार्टी की तरफ से भी इस बात का खंडन किया जा रहा है.

दरअसल, कांग्रेस में तमाम वरिष्ठ नेता साइडलाइन किए जाने से बिल्कुल भी खुश नहीं है. इसीलिए वे कांग्रेस पार्टी से रूठ कर अपने लिए सुरक्षित स्थान तलाश रहे हैं. अब इसी सूची में एक और नाम जुड़ सकता है. यह नाम है उत्तर प्रदेश की सियासत में खास स्थान रखने वाले अभिनेता व नेता राजबब्बर.

साल 2019 से ही राजबब्बर को कांग्रेस पार्टी ने बिल्कुल साइडलाइन कर रखा है. हालांकि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के लिए हाल ही में जारी स्टार प्रचारकों की सूची में उन्हें स्थान दिया है, लेकिन इससे पहले पार्टी ने लगातार उनकी अनदेखी की है. इससे राजबब्बर नाखुश हैं. राजबब्बर के पॉलिटिकल करियर की बात की जाए तो जनता दल से उन्होंने अपनी पारी का आगाज किया था. साल 1994 में सपा ने उन्हें राज्यसभा भेजा. 2004 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर ही जीतकर पहली बार राज बब्बर लोकसभा भी पहुंचे, लेकिन सपा से अनबन के बाद 2006 में उन्होंने पार्टी छोड़ दी. दो साल बाद 2008 में राजबब्बर ने कांग्रेस से हाथ मिला लिया.

  • Congratulations @ghulamnazad Sahab !
    You're like an elder brother and your impeccable public life & commitment to Gandhian ideals have always been an inspiration. The #PadmaBhushan is an ideal recognition of 5 decades of your meticulous service to the nation.

    — Raj Babbar (@RajBabbar23) January 25, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अखिलेश की पत्नी को हराकर दिया सपा को झटका
राजनीति में राजबब्बर के कद का अंदाजा ऐसे भी लगाया जा सकता है कि जब 2009 के लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी ने उन्हें फिरोजाबाद सीट से उम्मीदवार बनाया और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव उनके सामने प्रत्याशी के रूप में थी. राजबब्बर ने डिंपल को सम्मान तो पूरा दिया लेकिन अखिलेश यादव की पत्नी को फिरोजाबाद सीट पर बुरी तरह पटखनी दे दी. इससे समाजवादी पार्टी और राजबब्बर के संबंधों में और भी ज्यादा दरार आ गई थी. 2014 में कांग्रेस पार्टी ने उन्हें गाजियाबाद सीट से जनरल वीके सिंह के सामने मैदान में उतारा, लेकिन राज बब्बर को हार मिली. इसके बाद पार्टी ने उन्हें उत्तराखंड से राज्यसभा भेज दिया.

कांग्रेस ने बनाया प्रदेश अध्यक्ष
कांग्रेस पार्टी ने राजबब्बर को साल 2016 में उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष की कमान सौंप दी. राजबब्बर यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष बने. राज बब्बर के नेतृत्व में 2017 में यूपी विधानसभा चुनाव में संपन्न हुआ, लेकिन यह चुनाव राजबब्बर के मन मुताबिक नहीं था. कांग्रेस पार्टी ने यूपी में समाजवादी पार्टी से गठबंधन कर लिया. जबकि राजबब्बर यह गठबंधन नहीं चाहते थे. उनकी नाराजगी का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता था कि सपा कार्यालय में संयुक्त प्रेस वार्ता होनी थी तो इसके लिए वे तैयार नहीं हुए. आखिरकार आनन-फानन में यह प्रेस वार्ता राजधानी लखनऊ के एक होटल में आयोजित करनी पड़ी. तब जाकर अखिलेश यादव के साथ राजबब्बर ने मंच साझा किया था. इस चुनाव में कांग्रेस की सिर्फ सात सीटें आई थीं. 2019 के लोकसभा चुनाव में भी पार्टी उत्तर प्रदेश में सिर्फ सोनिया गांधी के रूप में सिर्फ एक ही सांसद बना पाई थी. इसके बाद राज बब्बर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया.

सपा के साथ बसपा में भी चल रही बात
सूत्र बताते हैं कि राजबब्बर घर वापसी भी कर सकते हैं और बहुजन समाज पार्टी की तरफ भी रुख कर सकते हैं. दरअसल, समाजवादी पार्टी उनका एक तरह से घर ही है. इस पार्टी से वह सांसद रह चुके हैं. पार्टी ने बहुत कुछ दिया है. ऐसे में समाजवादी पार्टी तो उनके लिए विकल्प है ही, लेकिन बहुजन समाज पार्टी में उनके समधी पूर्व आईएएस अनिल घोष है और वे भी राजबब्बर को इसी पार्टी में लाने की कोशिश में लगे हैं. बहुजन समाज पार्टी से तमाम बड़े नेता जा चुके हैं ऐसे में राजबब्बर को बहुजन समाज पार्टी में ऊंचा स्थान दिलाकर शामिल कराने के लिए बात चल रही है.

इसे भी पढें- बिहार में राहुल गांधी को युवाओं का समर्थन : राज बब्बर

लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के चुनावी समर में उतरी कांग्रेस पार्टी को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं. हाल ही में पूर्वांचल की राजनीति में मजबूत पकड़ रखने वाले आरपीएन सिंह ने कांग्रेस छोड़ भाजपा ज्वाइन की तो एक दिन पहले ही कानपुर और फतेहपुर की राजनीति में अच्छी पकड़ रखने वाले राकेश सचान ने भी कांग्रेस को अलविदा कहते हुए भाजपा से हाथ मिला लिया लिया. अब जल्द ही पार्टी को एक और बड़ा झटका लग सकता है. पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर भी कांग्रेस का साथ छोड़कर अपने लिए बेहतर विकल्प के रूप में समाजवादी पार्टी ज्वाइन कर सकते हैं. हालांकि उनके बहुजन समाज पार्टी में भी जाने के कयास लगाए जा रहे हैं. हालांकि राजबब्बर के साथ ही कांग्रेस पार्टी की तरफ से भी इस बात का खंडन किया जा रहा है.

दरअसल, कांग्रेस में तमाम वरिष्ठ नेता साइडलाइन किए जाने से बिल्कुल भी खुश नहीं है. इसीलिए वे कांग्रेस पार्टी से रूठ कर अपने लिए सुरक्षित स्थान तलाश रहे हैं. अब इसी सूची में एक और नाम जुड़ सकता है. यह नाम है उत्तर प्रदेश की सियासत में खास स्थान रखने वाले अभिनेता व नेता राजबब्बर.

साल 2019 से ही राजबब्बर को कांग्रेस पार्टी ने बिल्कुल साइडलाइन कर रखा है. हालांकि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के लिए हाल ही में जारी स्टार प्रचारकों की सूची में उन्हें स्थान दिया है, लेकिन इससे पहले पार्टी ने लगातार उनकी अनदेखी की है. इससे राजबब्बर नाखुश हैं. राजबब्बर के पॉलिटिकल करियर की बात की जाए तो जनता दल से उन्होंने अपनी पारी का आगाज किया था. साल 1994 में सपा ने उन्हें राज्यसभा भेजा. 2004 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर ही जीतकर पहली बार राज बब्बर लोकसभा भी पहुंचे, लेकिन सपा से अनबन के बाद 2006 में उन्होंने पार्टी छोड़ दी. दो साल बाद 2008 में राजबब्बर ने कांग्रेस से हाथ मिला लिया.

  • Congratulations @ghulamnazad Sahab !
    You're like an elder brother and your impeccable public life & commitment to Gandhian ideals have always been an inspiration. The #PadmaBhushan is an ideal recognition of 5 decades of your meticulous service to the nation.

    — Raj Babbar (@RajBabbar23) January 25, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अखिलेश की पत्नी को हराकर दिया सपा को झटका
राजनीति में राजबब्बर के कद का अंदाजा ऐसे भी लगाया जा सकता है कि जब 2009 के लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी ने उन्हें फिरोजाबाद सीट से उम्मीदवार बनाया और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव उनके सामने प्रत्याशी के रूप में थी. राजबब्बर ने डिंपल को सम्मान तो पूरा दिया लेकिन अखिलेश यादव की पत्नी को फिरोजाबाद सीट पर बुरी तरह पटखनी दे दी. इससे समाजवादी पार्टी और राजबब्बर के संबंधों में और भी ज्यादा दरार आ गई थी. 2014 में कांग्रेस पार्टी ने उन्हें गाजियाबाद सीट से जनरल वीके सिंह के सामने मैदान में उतारा, लेकिन राज बब्बर को हार मिली. इसके बाद पार्टी ने उन्हें उत्तराखंड से राज्यसभा भेज दिया.

कांग्रेस ने बनाया प्रदेश अध्यक्ष
कांग्रेस पार्टी ने राजबब्बर को साल 2016 में उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष की कमान सौंप दी. राजबब्बर यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष बने. राज बब्बर के नेतृत्व में 2017 में यूपी विधानसभा चुनाव में संपन्न हुआ, लेकिन यह चुनाव राजबब्बर के मन मुताबिक नहीं था. कांग्रेस पार्टी ने यूपी में समाजवादी पार्टी से गठबंधन कर लिया. जबकि राजबब्बर यह गठबंधन नहीं चाहते थे. उनकी नाराजगी का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता था कि सपा कार्यालय में संयुक्त प्रेस वार्ता होनी थी तो इसके लिए वे तैयार नहीं हुए. आखिरकार आनन-फानन में यह प्रेस वार्ता राजधानी लखनऊ के एक होटल में आयोजित करनी पड़ी. तब जाकर अखिलेश यादव के साथ राजबब्बर ने मंच साझा किया था. इस चुनाव में कांग्रेस की सिर्फ सात सीटें आई थीं. 2019 के लोकसभा चुनाव में भी पार्टी उत्तर प्रदेश में सिर्फ सोनिया गांधी के रूप में सिर्फ एक ही सांसद बना पाई थी. इसके बाद राज बब्बर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया.

सपा के साथ बसपा में भी चल रही बात
सूत्र बताते हैं कि राजबब्बर घर वापसी भी कर सकते हैं और बहुजन समाज पार्टी की तरफ भी रुख कर सकते हैं. दरअसल, समाजवादी पार्टी उनका एक तरह से घर ही है. इस पार्टी से वह सांसद रह चुके हैं. पार्टी ने बहुत कुछ दिया है. ऐसे में समाजवादी पार्टी तो उनके लिए विकल्प है ही, लेकिन बहुजन समाज पार्टी में उनके समधी पूर्व आईएएस अनिल घोष है और वे भी राजबब्बर को इसी पार्टी में लाने की कोशिश में लगे हैं. बहुजन समाज पार्टी से तमाम बड़े नेता जा चुके हैं ऐसे में राजबब्बर को बहुजन समाज पार्टी में ऊंचा स्थान दिलाकर शामिल कराने के लिए बात चल रही है.

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Last Updated : Jan 28, 2022, 2:02 PM IST
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