लखनऊ: कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर की राजनीति लगभग खत्म होती जा रही है. लगातार दो बार के लोकसभा चुनाव में राज बब्बर की जमानत जब्त हुई है. 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें जहां देश की सबसे बड़ी हार का मुंह देखना पड़ा वहीं इस बार 2019 के लोकसभा चुनाव में भी उत्तर प्रदेश में उन्हें बड़ी हार का सामना करना पड़ा है.
2014 लोकसभा चुनाव में राज बब्बर की हार
राज बब्बर ने 2014 का लोकसभा चुनाव गाजियाबाद सीट से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी पूर्व जनरल वीके सिंह के विपक्ष लड़ा था, जिसके चलते वीके सिंह ने राज बब्बर को 501500 वोट से हराया था.
2019 लोकसभा चुनाव में राज बब्बर की हार
राज बब्बर को कांग्रेस ने मुरादाबाद सीट से अपना प्रत्याशी बनाया था, लेकिन उन्होंने आलाकमान पर दबाव बनाया और अपने लिए फतेहपुर सीकरी को सेफ सीट मानते हुए वहां से टिकट हासिल किया. फतेहपुर सीकरी से बीजेपी प्रत्याशी राजकुमार चाहर ने राज बब्बर को 495065 वोटों से करारी शिकस्त दी. राजकुमार चाहर को 66279489 और राज बब्बर को सिर्फ 170889 ही वोट मिले. भाजपा प्रत्याशी राजकुमार चाहर ने कांग्रेस प्रत्याशी राज बब्बर की जमानत जब्त करा दी.
राज बब्बर से नहीं होगा कांग्रेस का उद्धार
लगातार दो बार अपनी जमानत जब्त करा चुके राज बब्बर यूपी में कांग्रेस को क्या बचा पाएंगे, ऐसी चर्चाएं कांग्रेस मुख्यालय पर इन दिनों जोर-शोर से चल रही हैं. ऐसे में कांग्रेस का कहना है कि इस तरह पार्टी का उद्धार नहीं हो सकता है. अगर कांग्रेस को कुछ करना है तो यूपी का ही कोई नेता बल्कि एक लोकल लीडर को ही प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए, तभी कांग्रेस जीवंत हो पाएगी.