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इस बार भी राज बब्बर नहीं बचा पाए अपनी जमानत, यूपी में अबतक के निचले स्तर पर कांग्रेस

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर यूपी कांग्रेस के ऐसे अध्यक्ष बन गए हैं जो लगातार दो लोकसभा चुनाव में अपनी जमानत तक नहीं बचा पाए. यही नहीं उनकी परफार्मेंश भी ऐसी नहीं रही कि प्रदेश में कांग्रेस खुद को खड़ी कर पाए बल्कि चुनाव दर चुनाव कांग्रेस गिरती ही गई और अब 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई. 80 लोकसभा सीटों पर पार्टी को एक मात्र रायबरेली से सोनिया गांधी को जीत मिल सकी.

राज बब्बर की जमानत जब्त
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Published : May 28, 2019, 7:29 PM IST

लखनऊ: कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर की राजनीति लगभग खत्म होती जा रही है. लगातार दो बार के लोकसभा चुनाव में राज बब्बर की जमानत जब्त हुई है. 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें जहां देश की सबसे बड़ी हार का मुंह देखना पड़ा वहीं इस बार 2019 के लोकसभा चुनाव में भी उत्तर प्रदेश में उन्हें बड़ी हार का सामना करना पड़ा है.

राज बब्बर की जमानत जब्त

2014 लोकसभा चुनाव में राज बब्बर की हार

राज बब्बर ने 2014 का लोकसभा चुनाव गाजियाबाद सीट से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी पूर्व जनरल वीके सिंह के विपक्ष लड़ा था, जिसके चलते वीके सिंह ने राज बब्बर को 501500 वोट से हराया था.

2019 लोकसभा चुनाव में राज बब्बर की हार

राज बब्बर को कांग्रेस ने मुरादाबाद सीट से अपना प्रत्याशी बनाया था, लेकिन उन्होंने आलाकमान पर दबाव बनाया और अपने लिए फतेहपुर सीकरी को सेफ सीट मानते हुए वहां से टिकट हासिल किया. फतेहपुर सीकरी से बीजेपी प्रत्याशी राजकुमार चाहर ने राज बब्बर को 495065 वोटों से करारी शिकस्त दी. राजकुमार चाहर को 66279489 और राज बब्बर को सिर्फ 170889 ही वोट मिले. भाजपा प्रत्याशी राजकुमार चाहर ने कांग्रेस प्रत्याशी राज बब्बर की जमानत जब्त करा दी.

राज बब्बर से नहीं होगा कांग्रेस का उद्धार

लगातार दो बार अपनी जमानत जब्त करा चुके राज बब्बर यूपी में कांग्रेस को क्या बचा पाएंगे, ऐसी चर्चाएं कांग्रेस मुख्यालय पर इन दिनों जोर-शोर से चल रही हैं. ऐसे में कांग्रेस का कहना है कि इस तरह पार्टी का उद्धार नहीं हो सकता है. अगर कांग्रेस को कुछ करना है तो यूपी का ही कोई नेता बल्कि एक लोकल लीडर को ही प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए, तभी कांग्रेस जीवंत हो पाएगी.

लखनऊ: कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर की राजनीति लगभग खत्म होती जा रही है. लगातार दो बार के लोकसभा चुनाव में राज बब्बर की जमानत जब्त हुई है. 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें जहां देश की सबसे बड़ी हार का मुंह देखना पड़ा वहीं इस बार 2019 के लोकसभा चुनाव में भी उत्तर प्रदेश में उन्हें बड़ी हार का सामना करना पड़ा है.

राज बब्बर की जमानत जब्त

2014 लोकसभा चुनाव में राज बब्बर की हार

राज बब्बर ने 2014 का लोकसभा चुनाव गाजियाबाद सीट से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी पूर्व जनरल वीके सिंह के विपक्ष लड़ा था, जिसके चलते वीके सिंह ने राज बब्बर को 501500 वोट से हराया था.

2019 लोकसभा चुनाव में राज बब्बर की हार

राज बब्बर को कांग्रेस ने मुरादाबाद सीट से अपना प्रत्याशी बनाया था, लेकिन उन्होंने आलाकमान पर दबाव बनाया और अपने लिए फतेहपुर सीकरी को सेफ सीट मानते हुए वहां से टिकट हासिल किया. फतेहपुर सीकरी से बीजेपी प्रत्याशी राजकुमार चाहर ने राज बब्बर को 495065 वोटों से करारी शिकस्त दी. राजकुमार चाहर को 66279489 और राज बब्बर को सिर्फ 170889 ही वोट मिले. भाजपा प्रत्याशी राजकुमार चाहर ने कांग्रेस प्रत्याशी राज बब्बर की जमानत जब्त करा दी.

राज बब्बर से नहीं होगा कांग्रेस का उद्धार

लगातार दो बार अपनी जमानत जब्त करा चुके राज बब्बर यूपी में कांग्रेस को क्या बचा पाएंगे, ऐसी चर्चाएं कांग्रेस मुख्यालय पर इन दिनों जोर-शोर से चल रही हैं. ऐसे में कांग्रेस का कहना है कि इस तरह पार्टी का उद्धार नहीं हो सकता है. अगर कांग्रेस को कुछ करना है तो यूपी का ही कोई नेता बल्कि एक लोकल लीडर को ही प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए, तभी कांग्रेस जीवंत हो पाएगी.

Intro:यूपी से लगभग खत्म होती जा रही 'राज बब्बर' की 'राज नीति', दोनों चुनावों में जमानत जब्त

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर की राजनीति लगभग खत्म होती जा रही है। लगातार दो बार के लोकसभा चुनाव में राज बब्बर की जमानत जब्त हुई है। पिछले 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें जहां देश की सबसे बड़ी हार का मुंह देखना पड़ा वहीं इस बार 2019 के लोकसभा चुनाव में भी उत्तर प्रदेश में उन्हें बड़ी हार का सामना करना पड़ा है। दोनों बार ही राजबब्बर अपनी जमानत तक बचा पाने में नाकाम रहे हैं। ऐसे में अब यूपी कांग्रेस से जुड़े लोगों में ही ये चर्चा होने लगी है कि मुंबई से बैठकर यूपी में कांग्रेस को रेस में राज बब्बर कैसे ला पाएंगे?


Body:राज ओपन 2014 का लोकसभा चुनाव गाजियाबाद सीट से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी पूर्व जनरल वीके सिंह के सामने लड़ा था। चुनाव में राज बब्बर को बुरी हार का सामना करना पड़ा था। पिछले लोकसभा चुनाव में जनरल वीके सिंह ने राज बब्बर को 501500 वोट से हराया था। राज बब्बर जमानत तक नहीं बचा पाए थे। यह देश में राजबब्बर की सबसे बड़ी हार थी। वहीं इस बार राज बब्बर को कांग्रेस ने मुरादाबाद सीट से अपना प्रत्याशी बनाया था, लेकिन राज बब्बर को एहसास हो गया था कि वहां से वे जीत नहीं पाएंगे। लिहाजा, उन्होंने आलाकमान पर दबाव बनाया और अपने लिए फतेहपुर सीकरी को सेफ सीट मानते हुए वहां से टिकट हासिल किया। राज बब्बर की किस्मत में यहां पर भी जीत नहीं लिखी थी। यहां पर बीजेपी प्रत्याशी राजकुमार चाहर ने राज बब्बर को 49 5065 वोट से करारी शिकस्त दी। राजकुमार चाहर को 6627 9489 और राज बब्बर को सिर्फ 170889 ही वोट मिले। भाजपा प्रत्याशी राजकुमार चाहर ने कांग्रेस प्रत्याशी राज बब्बर की जमानत जब्त करा दी।


Conclusion:लगातार दो बार अपनी जमानत भी नहीं बचा सके राज बब्बर यूपी में कांग्रेस को भला क्या बचा पाएंगे, ऐसी चर्चाएं कांग्रेस मुख्यालय पर इन दिनों जोर-शोर से चल रही हैं। कांग्रेसियों का कहना है कि जब वे मुंबई से लखनऊ स्थित कांग्रेस मुख्यालय आते हैं तो सुबह एयरपोर्ट पहुंचते हैं और शाम तक का फ्लाइट का टिकट वापस जेब में रखा होता है। ऐसे में कांग्रेस का उद्धार नहीं हो सकता है। अगर कांग्रेस को कुछ करना है तो यूपी का ही कोई नेता बल्कि एक लोकल लीडर को ही प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए, तभी कांग्रेस जीवंत हो पाएगी।

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