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कांग्रेस नेता पंकज पुनिया की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज - lucknow court news

राजधानी लखनऊ में कांग्रेस नेता पंकज पुनिया की अग्रिम जमानत अर्जी कोर्ट ने खारिज कर दी. बता दें कि प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए बस की व्यवस्था करने को लेकर कांग्रेस पार्टी और राज्य सरकार के बीच खींचातनी के दौरान कथित अश्लील टिप्पणियां करने का आरोप पंकज पुनिया पर है.

कांग्रेस नेता पंकज पुनिया की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज
कांग्रेस नेता पंकज पुनिया की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज
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Published : Dec 15, 2020, 9:16 PM IST

लखनऊ: विशेष जज मोहम्मद गजाली ने ट्विटर पर अश्लील टिप्पणी करने के मामले में हरियाणा के कांग्रेस नेता पंकज पुनिया की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है. कोर्ट ने प्रथम दृष्टया अभियुक्त के अपराध को गंभीर करार दिया है.

सरकारी वकील एमके सिंह ने अग्रिम जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि अभियुक्त की तथाकथित टिप्पणी न सिर्फ व्यक्ति विशेष बल्कि जन सामान्य की भावनाओं को आहत करने वाली है. लिहाजा अभियुक्त का अपराध सम्पूर्ण समाज के विरुद्ध है. ऐसी स्थिति में अभियुक्त को अग्रिम जमानत देना न तो विधि सम्मत होगा और न ही समाज के लिए उचित. इस मामले की एफआईआर आईपीसी की धारा 153ए, 295ए व 505(2) के साथ ही आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत थाना हजरतगंज में दर्ज हुई थी.

अभियुक्त की ओर से दलील दी गई कि इस कथित टिप्पणी के कारण देशभर में विभिन्न स्थानों पर छह एफआईआर दर्ज हुए थे, जिनमें से अधिकांश में जमानत हो चुकी है. यह भी कहा गया कि एक अपराध के लिए एक से अधिक एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती, यह विधि विरुद्ध है. अभियुक्त की ओर से इस आधार पर अग्रिम जमानत की मांग की गई थी.

हालांकि विशेष जज ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद अभियुक्त की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी. उल्लेखनीय है कि प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए बस की व्यवस्था करने को लेकर कांग्रेस पार्टी और राज्य सरकार के बीच खींचातनी के दौरान कथित अश्लील टिप्पणियां करने का आरोप पंकज पुनिया पर है.

लखनऊ: विशेष जज मोहम्मद गजाली ने ट्विटर पर अश्लील टिप्पणी करने के मामले में हरियाणा के कांग्रेस नेता पंकज पुनिया की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है. कोर्ट ने प्रथम दृष्टया अभियुक्त के अपराध को गंभीर करार दिया है.

सरकारी वकील एमके सिंह ने अग्रिम जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि अभियुक्त की तथाकथित टिप्पणी न सिर्फ व्यक्ति विशेष बल्कि जन सामान्य की भावनाओं को आहत करने वाली है. लिहाजा अभियुक्त का अपराध सम्पूर्ण समाज के विरुद्ध है. ऐसी स्थिति में अभियुक्त को अग्रिम जमानत देना न तो विधि सम्मत होगा और न ही समाज के लिए उचित. इस मामले की एफआईआर आईपीसी की धारा 153ए, 295ए व 505(2) के साथ ही आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत थाना हजरतगंज में दर्ज हुई थी.

अभियुक्त की ओर से दलील दी गई कि इस कथित टिप्पणी के कारण देशभर में विभिन्न स्थानों पर छह एफआईआर दर्ज हुए थे, जिनमें से अधिकांश में जमानत हो चुकी है. यह भी कहा गया कि एक अपराध के लिए एक से अधिक एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती, यह विधि विरुद्ध है. अभियुक्त की ओर से इस आधार पर अग्रिम जमानत की मांग की गई थी.

हालांकि विशेष जज ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद अभियुक्त की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी. उल्लेखनीय है कि प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए बस की व्यवस्था करने को लेकर कांग्रेस पार्टी और राज्य सरकार के बीच खींचातनी के दौरान कथित अश्लील टिप्पणियां करने का आरोप पंकज पुनिया पर है.

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