लखनऊ: उत्तर प्रदेश में शासन-प्रशासन से परेशान महिलाएं लगातार आत्मदाह कर रही हैं. वहीं इन मामलों को लेकर कांग्रेस नेताओं पर कार्रवाई हो रही है. पुलिस कांग्रेस नेताओं को जेल भेजने में लगी है. पिछले दिनों विधान भवन के सामने आत्मदाह करने की दो घटनाएं सामने आईं. एक अमेठी की तो दूसरी महराजगंज की. इन महिलाओं ने आत्मदाह किया और इसका आरोप कांग्रेस नेता अनूप पटेल और आलोक प्रसाद पर लगा. दोनों नेता इन दिनों जेल में हैं. कांग्रेस का कहना है कि सरकार स्वयं तो लोगों को न्याय दे नहीं रही और कांग्रेस अगर न्याय दिलाने में मदद कर रही है तो उन्हें जेल में डाला जा रहा है. यह अलोकतांत्रिक है.
नाली विवाद बनी आत्मदाह की वजह
अमेठी में नाली विवाद को लेकर आपसी रंजिश के चलते महिला को विधानसभा के सामने आग लगाकर आत्मदाह करने को मजबूर कर दिया था. कुछ दिन तक जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करने के बाद महिला ने अस्पताल में दम तोड़ दिया था. करीब दो माह पहले हुई इस घटना ने सत्ताधीशों को परेशान करके रख दिया. न्याय मांगने के लिए महिला शासन-प्रशासन के चक्कर काटकर थक चुकी थी, लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई थी. इसी बीच महिला ने कांग्रेस के नेता और प्रवक्ता अनूप पटेल से संपर्क किया. कांग्रेस ने महिला की मदद करने का भरोसा भी दिया, लेकिन इसी बीच कोई काम न होने के कारण महिला ने आत्मदाह कर लिया. इसका आरोप कांग्रेस नेता अनूप पटेल पर लगा. पुलिस ने अनूप पटेल को गिरफ्तार कर लिया. करीब दो माह से वह जेल में ही हैं.
कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. अनूप पटेल का आगामी चार नवंबर को विवाह होना है. इसमें अब सिर्फ एक माह ही शेष रह गया है, लेकिन अभी तक उन्हें जमानत नहीं मिल पाई है. कांग्रेस नेता चिंता भी जता रहे हैं कि पिछले कई बार से जमानत खारिज हो चुकी है. ऐसे में विवाह के समय तक जमानत मिलेगी भी या नहीं, इस पर भी संशय है.
महराजगंज की महिला ने किया आत्मदाह
अमेठी की आत्मदाह की घटना पर पर्दा भी नहीं पड़ पाया था कि महराजगंज की एक महिला ने विधानसभा के सामने अपने ऊपर केरोसिन डालकर आग लगा ली. यह महिला घरेलू हिंसा से परेशान थी और पुलिस प्रशासन के साथ ही सरकार से भी मदद की गुहार लगा रही थी, लेकिन महिला की कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई. जलने के बाद जब महिला की मौत हो गई तो इसका जिम्मेदार कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष आलोक प्रसाद को ठहराया. पुलिस ने 10 दिन पहले रात में 1:30 बजे उन्हें आवास से गिरफ्तार कर लिया और वह भी अभी तक जेल में ही हैं.
कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के चेयरमैन आलोक प्रसाद राजस्थान के पूर्व राज्यपाल सुखदेव प्रसाद के बेटे हैं. सुखदेव प्रसाद राज्यपाल के अलावा विधायक और कांग्रेस सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. ऐसे में कांग्रेस का कहना है कि आलोक प्रसाद की गिरफ्तारी से पहले पुलिस प्रशासन को थोड़ा उनके फैमिली बैकग्राउंड पर भी ध्यान देना चाहिए था. सिर्फ आरोप लगाकर उन्हें जेल में डाल देना कहीं से भी सही नहीं है।
सरकार का रवैया सही नहीं
कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने रवैया बना लिया है कि कोई भी व्यक्ति किसी विपक्षी दल से मदद न मांगे, भले ही सरकार उसकी सहायता न कर रही हो. हाल ही में अमेठी और महराजगंज की दो महिलाओं ने आत्मदाह किया, लेकिन इसका लिंकअप कांग्रेस नेताओं से करा दिया गया. दोनों को जेल में बंद कर दिया गया. सरकार ठीक नहीं कर रही है. जबरन इन नेताओं को फंसाया गया है. स्वस्थ लोकतंत्र के लिए यह बिल्कुल भी अच्छी बात नहीं है.