लखनऊ: लोकसभा चुनाव में करारी हार के बावजूद कांग्रेस पार्टी मुख्यालय पर सन्नाटा दूर होने का नाम नहीं ले रहा है. पार्टी के नेता और कार्यकर्ता कांग्रेस से इस कदर दूर हो गए हैं कि वे अब यूपी कांग्रेस मुख्यालय पर जाना तक मुनासिब नहीं समझ रहे हैं.
क्या पूरा है मामला-
- कांग्रेस मुख्यालय पर किसी सरकारी कार्यालय की तरह रविवार को कई कमरों में ताला पड़ा नजर आए.
- मुख्यालय पर कांग्रेस का कोई कार्यकर्ता और नेता मौजूद नहीं दिखा.
- यह दावा किया जा रहा है की कांग्रेस 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करेगी.
- जिसको लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है.
- उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का संगठन काफी कमजोर हो चुका है.
- बूथ स्तर पर कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता पार्टी से नहीं जुड़े हैं.
- संगठन को मजबूत कर कार्यकर्ताओं को सक्रिय करना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है.
दरअसल उत्तर प्रदेश में सन्नाटे और कांग्रेस कार्यकर्ताओं की सुस्ती का अंश झेल रही पार्टी को अब मिशन 2022 के लिए पूरी तरह से चुस्त-दुरुस्त होकर संगठन को मजबूत करके काम करना होगा. पार्टी नेतृत्व अगर कार्यकर्ताओं और नेताओं की सुस्ती दूर करके उन्हें एकजुट नहीं कर पाई तो फिर 'मिशन 2022' फतह कर पाना किसी सपने के बराबर ही होगा.