लखनऊ: इस बार के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की तरफ से 'महिलाओं का दम' दिखेगा. अभी तक कांग्रेस ने जितनी सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए हैं, उनमें अन्य पार्टियों की तुलना में महिलाओं की संख्या सबसे ज्यादा है. कांग्रेस ने जिन पार्टियों के साथ गठबंधन किया है, उन पार्टियों ने भी कांग्रेस की तर्ज पर महिलाओं को उम्मीदवार बनाया है.
उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव की बात हो और उनमें महिलाओं को दी जाने वाली सीटों पर गौर करें तो कांग्रेस ने अब तक प्रदेश की 55 सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए हैं. इनमें से 10 सीटों पर पार्टी ने महिला उम्मीदवारों को प्रत्याशी बनाया है. इन प्रत्याशियों में यूपीए की चेयरपर्सन और कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी भी शामिल हैं. सोनिया को पार्टी ने एक बार फिर रायबरेली से उम्मीदवार बनाया है.
इसके अलावा गाजियाबाद से डाली शर्मा, उन्नाव से अनु टंडन, आगरा से प्रीता हरित, नगीना से ओमवती जाटव, महाराजगंज से सुप्रिया श्रीनेत, सीतापुर से कैसर जहां, मिश्रिख से मंजरी राही, प्रतापगढ़ से रत्ना सिंह और बहराइच से सावित्रीबाई फुले कांग्रेस के सिंबल पर चुनाव मैदान में हैं.
इस बार के लोकसभा चुनाव में टिकट देने की बात हो तो भी महिलाओं को सबसे ज्यादा टिकट अन्य किसी दल दल की तुलना में अगर दिया है तो कांग्रेस ने ही दिया है. सोनिया गांधी से लेकर डॉली शर्मा, अनु टंडन, सावित्रीबाई फुले, प्रीता हरित समेत कई महिला प्रत्याशी चुनाव लड़ रही हैं. कांग्रेस पार्टी का हमेशा से मानना है कि महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधे से कंधा मिलाकर चलें.
कांग्रेस ने जहां 10 महिलाओं को प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतारा है. वहीं गठबंधन में कांग्रेस के साथ शामिल कृष्णा पटेल की अपना दल और बाबू सिंह कुशवाहा की जन अधिकार पार्टी ने भी महिलाओं को मौका दिया है. हालांकि अपना दल की राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्णा पटेल स्वयं गोंडा से प्रत्याशी है. वही बाबू सिंह कुशवाहा की पत्नी शिवकन्या कुशवाहा चंदौली से मैदान में उतरी हैं. कांग्रेस ने गठबंधन में जन अधिकार पार्टी को 7 सीटें तो कृष्णा पटेल की अपना दल को 2 सीटें दी हैं.