लखनऊ: पंजाब में स्थानीय चुनावों में भाजपा को मिली करारी हार का असर यूपी में भी दिखाई दे रहा है. एक तरफ जहां कांग्रेस इसे किसानों की नाराजगी का परिणाम बता रही है, वहीं दूसरी तरफ भाजपा इस चुनाव को सरकार के प्रभाव वाला चुनाव बता रही है.
पंजाब में हार को लेकर कांग्रेस ने कसा तंज तो भाजपा ने बताया थोथी प्रतिक्रिया
पंजाब में स्थानीय चुनावों में भाजपा की हार के बाद कांग्रेस ने तंज कसा है. कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ने इस हार को किसान आंदोलन का परिणाम बताया है. वहीं कांग्रेस के बयान को भाजपा प्रवक्ता हरीश चंद श्रीवास्तव ने थोथी प्रतिक्रिया बताया है. उन्होंने कहा यह प्रतिक्रिया उन लोगों की है, जो किसान आंदोलन को राजनीतिक टूल बनाने का काम कर रहे हैं.
भाजपा ने बताया थोथी प्रतिक्रिया
लखनऊ: पंजाब में स्थानीय चुनावों में भाजपा को मिली करारी हार का असर यूपी में भी दिखाई दे रहा है. एक तरफ जहां कांग्रेस इसे किसानों की नाराजगी का परिणाम बता रही है, वहीं दूसरी तरफ भाजपा इस चुनाव को सरकार के प्रभाव वाला चुनाव बता रही है.
भाजपा ने कहा- कांग्रेस कर रही राजनीति
कांग्रेस के इस वार पर भाजपा प्रवक्ता हरीश चंद श्रीवास्तव ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि वहां कांग्रेस की सरकार है. चुनाव पर भी थोड़ा बहुत ही सही सरकार का प्रभाव रहा होगा. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी चुनाव के बाद मंथन करती है, जो कमियां होती हैं उसको दूर किया जाता है. जो अच्छाइयां होती हैं, उसको आगे बढ़ाया जाता है. पंजाब चुनाव के बाद भी हमारी पार्टी इस पर मंथन करेगी. कांग्रेस पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा रही बात कांग्रेस के वक्तव्य की तो यह प्रतिक्रिया उन लोगों की है, जो किसान आंदोलन को राजनीतिक टूल बनाने का काम कर रहे हैं. किसान आंदोलन के जरिए वह माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं.
भाजपा ने कहा- कांग्रेस कर रही राजनीति
कांग्रेस के इस वार पर भाजपा प्रवक्ता हरीश चंद श्रीवास्तव ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि वहां कांग्रेस की सरकार है. चुनाव पर भी थोड़ा बहुत ही सही सरकार का प्रभाव रहा होगा. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी चुनाव के बाद मंथन करती है, जो कमियां होती हैं उसको दूर किया जाता है. जो अच्छाइयां होती हैं, उसको आगे बढ़ाया जाता है. पंजाब चुनाव के बाद भी हमारी पार्टी इस पर मंथन करेगी. कांग्रेस पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा रही बात कांग्रेस के वक्तव्य की तो यह प्रतिक्रिया उन लोगों की है, जो किसान आंदोलन को राजनीतिक टूल बनाने का काम कर रहे हैं. किसान आंदोलन के जरिए वह माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं.