लखनऊ: प्रदेश सरकार की ओर से मुजफ्फरनगर दंगे के आरोप में भाजपा नेताओं पर दर्ज मुकदमे को वापस लेने की अर्जी कोर्ट में दी गई है. सरकारी वकील राजीव शर्मा ने मुजफ्फरनगर के एडीजे कोर्ट में मुकदमा वापसी के लिए अर्जी दायर की है. प्रदेश सरकार के इस कार्रवाई पर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं. अल्पसंख्यक कांग्रेस के चेयरमैन शाहनवाज आलम ने कहा है कि जिस प्रदेश के मुखिया अपने ऊपर लगें मुकदमे वापस ले सकते हैं, तो कार्यकर्ताओं पर दर्ज मुकदमे वापस होना लाजमी है. उन्होंने कहा कि इस सरकार में तो यह सब चलता है.
सीएम योगी पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि यूपी के सीएम देश के पहले ऐसे सीएम हैं, जिन्होंने सत्ता में आते ही अपने ऊपर लगे दंगे और आगजनी के मुकदमे हटा दिए. उसके बाद डिप्टी सीएम का नंबर आया. उन पर दुर्गा पूजा की नकली रसीद बनाकर वसूली करने के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ था. उसे वापस ले लिया गया.
उन्होंने कहा कि अब सरकार के डेढ़ साल बचे हैं, तो जो भी कार्यकर्ता दंगा किए हुए हैं. उन पर मुकदमे दर्ज वापस लिए जा रहे हैं. यह सरकार का नैतिक कर्तव्य है कि कार्यकर्ताओं पर दर्ज मुकदमे हटाना ही है. शाहनवाज आलम ने कहा कि यह कानून को न मानने वाली सरकार है.
सात साल पहले मुजफ्फरनगर में हुए थे दंगे
बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने 2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगे के आरोपी संगीत सोम, सुरेश राणा और कपिल देव पर दर्ज मुकदमे को वापस लेने के लिए अर्जी दी है. इस घटना में 12 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी. वहीं तमाम लोग बुरी तरह घायल भी हो गए थे.