लखनऊ : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने उत्तर प्रदेश सरकार से कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) को अनुमति देने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा है. इस पर कांग्रेस पार्टी ने अपनी प्रतिक्रिया दे दी है और उत्तर प्रदेश सरकार पर प्रहार किया है. उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कांग्रेस के चेयरमैन शाहनवाज आलम ने कहा कि "प्रदेश सरकार के मुखिया को समझना चाहिए कि किसी भी स्थिति में लोगों की जान को खतरे में डालना उचित नहीं है. यह धार्मिक लिहाज से भी सही नहीं है. लोग बचेंगे तो धर्म भी बचेगा. सीएम योगी का यह रवैय्या मनुष्यता और धर्म विरोधी है."
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया कि कोरोना के मद्देनजर राज्य सरकारों को हरिद्वार से 'गंगा जल' लाने के लिए कांवड़ियों की आवाजाही की अनुमति नहीं देनी चाहिए. हालांकि धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकारों को टैंकरों के माध्यम से 'गंगा जल' उपलब्ध कराने चाहिए. केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि टैंकर चिन्हित/निर्धारित स्थानों पर उपलब्ध हों ताकि आस-पास के भक्त 'गंगा जल' को इकट्ठा कर सकें और अपने नजदीकी शिव मंदिरों में 'अभिषेक' कर सकें. केंद्र सरकार ने यह भी कहा कि इस दौरान राज्य सरकारों को सुनिश्चित करना चाहिए कि कोरोना नियमों का पालन किया जाए.
जस्टिस रोहिंगटन एफ नारिमन की पीठ ने कहा कि कोरोना महामारी देश के सभी नागरिकों को प्रभावित करती है, शारीरिक यात्रा की अनुमति नहीं दी जा सकती। प्रथम दृष्टया हमारा विचार है कि यह प्रत्येक नागरिक से संबंधित मामला है और धार्मिक सहित अन्य सभी भावनाएं नागरिकों के जीवन के अधिकार के अधीन हैं. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को सोमवार तक अपना विचार रखने का समय दिया है. कोरोना संकट को देखते हुए इस बार उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा पर रोक लगा दी है. हालांकि, उत्तर प्रदेश सरकार ने इस पर रोक नहीं लगाई जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले में खुद संज्ञान लिया.