लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के ड्राइवर कंडक्टर बसों की स्टीयरिंग और ईटीएम छोड़ इन दिनों अपने-अपने घर खेती करने चले गए हैं. जब अफसर उनसे संपर्क स्थापित करने के लिए उनके नंबर डायल कर रहे हैं तो फोन भी उनकी पत्नियां या परिजन उठा रहे हैं और अधिकारियों को अनचाहा जवाब मिल रहा है.
अब अफसरों के सामने मुश्किल यह पैदा हो गई है कि डिपो में खड़ी बसों का चक्का हिले भी तो कैसे ? तमाम बसों के संचालन पर ब्रेक लग गया है. बिना ड्राइवर बस का संचालन मुश्किल हो रहा है. इससे परिवहन को धन का नुकसान हो रहा है. परिवहन निगम के लखनऊ रीजन के साथ डिपो में से एक है उपनगरीय डिपो. इस डिपो के ड्राइवर कंडक्टर इन दिनों गायब हैं.
घाटे में चल रहा रोडवेज
खेती का समय चल रहा है, शादियों का दौर चल रहा है और रोडवेज ड्राइवर कंडक्टरों की कमी से जूझने के चलते घाटे में चल रहा है. बिना बताए ही तमाम चालक परिचालक अपने गांव में घरवालों के साथ खेती में हाथ बंटाने चले गए हैं. रोडवेज को इन्हीं दिनों सबसे ज्यादा ड्राइवर कंडक्टरों की जरूरत है. इन दिनों शादियों में ही बसों में अच्छी खासी भीड़ होती है जिससे रोडवेज को काफी फायदा होता है.
फोन नहीं उठा रहे ड्राइवर-कंडक्टर
अधिकारियों का कहना है कि जब ड्राइवर-कंडक्टर का नंबर मिलाया जा रहा है तो वह खुद फोन भी नहीं उठाते हैं. अपनी पत्नी को या फिर घर के किसी सदस्य को दे देते हैं और वह कोई न कोई बहाना बना देते हैं. अब बिना सूचना बताए गायब हुए कई ड्राइवर कंडक्टरों को चेतावनी दी गई है कि वे जल्द वापस लौट आएं. नहीं तो उनके वेतन से बड़ी कटौती की जाएगी या फिर संविदा ही समाप्त कर दी जाएगी.
इतने हैं कुल ड्राइवर- कंडक्टर
जहां तक उपनगरीय और हैदर के डिपो में बसों की संख्या और ड्राइवर कंडक्टरों की काफी कमी है. हैदर गढ़ डिपो में कुल 62 बच्चे हैं जिसमें 20 बसें अनुबंधित तो 42 बसें परिवहन निगम की हैं. उपनगरीय डिपो में 85 बसें परिवहन निगम की हैं और कुल 256 कंडक्टर इन दोनों डिपो के लिए हैं. 78 हैदरगढ़ डिपो में और 178 उपनगरीय डिपो में परिचालक हैं. उपनगरीय डिपो में 165 चालक हैं और हैदरगढ़ में 68 चालक, कुल मिलाकर 233 चालक. ड्राइवरों की भी कमी है. रोडवेज में ड्राइवरों की भर्ती भी चल रही है, पर कंडक्टरों की कमी अधिकारियों को खल रही है.
हमारे यहां से पहले से ही ड्राइवर और कंडक्टरों की कमी है. इसके लिए क्षेत्रीय प्रबंधक को पत्र लिखा गया है. इन दिनों गांव में खेती का काम चल रहा है तो ड्राइवर कंडक्टर खेती करने चले गए हैं. इससे हमारी काफी बसें खड़ी हो रही हैं और घाटा भी हो रहा है. सभी को चेतावनी दी गई है कि 2 दिन के अंदर वापस लौट आएं ऐसा नहीं करते हैं तो संविदा समाप्त होगी. इन्हीं दिनों शादी का दौर है और बसें काफ़ी चलती हैं तो रोडवेज को फायदा होता है, लेकिन ड्राइवर कंडक्टर न होने से नुकसान हो रहा है.
-काशी प्रसाद, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक