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बढ़ते प्रदूषण की मानी जा रही एक यह भी वजह, इन बातों का जरूर रखें ध्यान - लखनऊ में प्रदूषण का ग्राफ

आतिशबाजी के चलते दीपावली और उसके अगले दिन यूपी के कई शहरों की आबोहवा (Condition of air pollution in Lucknow) खराब हो जाती है, वहीं सोमवार को भी लखनऊ के कई इलाकों में वायु प्रदूषण रहा.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 13, 2023, 8:09 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में प्रदूषण का ग्राफ बढ़ाने में ट्रैफिक भी एक बड़ा कारण है. सड़कों पर लगने वाले जाम और फिर उससे बचने के लिए फुटपाथ से निकल जाने की कोशिश से फुटपाथ पर जमा धूल उड़ रही है. जो एयर क्वालिटी को खराब कर रही है. राजधानी के कैसरबाग, मटियारी, चिनहट, सीतापुर रोड समेत कई इलाकों में उड़ने वाली धूल लोगों के अंदर सांस के द्वारा जा रही है, जो लोगों को बीमार करने के लिए काफी है. ऐसे में इस धूल को रोकने के लिए प्रशासनिक अमला कोई भी उपाय नहीं कर पा रहा है.

यह है सोमवार को लखनऊ में पॉल्यूशन की स्थिति
कैसरबाग 320
चिनहट 342
पुरनिया 310
सीतापुर रोड 338
महानगर 326
तेलीबाग 264

फुटपाथ पर धूल की परत : राजधानी का हजरतगंज चौराहा हो या फिर चिनहट इलाका, सीतापुर रोड हो या पुरनिया, हर सड़क पर जाम और गाड़ी से निकलने वाला धुआं व सड़कों पर उड़ने वाली धूल के कण लोगों के शरीर में जाकर दमा जैसी बिमारियां दे रहे हैं. सड़कों पर पानी का छिड़काव न होने से चलने वालों को पूरा दिन धूल से सामना करना पड़ता है. तेलीबाग, कैसरबाग, नक्खास, पुरनिया, सीतापुर रोड, चिनहट आदि इलाकों की सड़कों पर दिन भर ट्रैफिक जाम रहता है. जल्दबाजी के चक्कर में कई बार लोग रोड किनारे उतर जाते हैं और फिर इतनी धूल उड़ती है कि सांस लेना भी दूभर हो जाता है.

इन बातों का रखें ध्यान
- लोगों को चाहिए कि वह घर में प्राणायाम, अलोम विलोम करें.
- बुजुर्गों को व सांस के रोगियों को पटाखों से दूर रखें.
- कोशिश करें कि दिन में बाहर न निकलें.

खुले में कूड़ा जलाने से बढ़ रही समस्या : न सिर्फ धूल बल्कि सड़कों के किनारे जलने वाला कूड़ा भी लोगों के लिए खतरनाक बना हुआ है, बल्कि नगर निगम ने कूड़े को जलाने पर रोक लगा रखी है, हालांकि निगरानी और कार्रवाई न होने से ये दावे फुस्स हो जाते हैं. अक्सर राजधानी के कई इलाकों में खुले में कूड़ा भी जलाया जाता है. नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने कहा कि 'यदि खुले में कूड़ा जलाया जा रहा हो तो नगर निगम कंट्रोल रूम के नम्बर 0522-2289782, 0522-2289764, 9219902911, 9219902912, 9219902913, 9219902914 पर शिकायत करें, कूड़ा जलाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी.'


क्या करें प्रदूषण से बचने के लिए : इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी कहती है कि 'सड़कों पर चलने वालों को सबसे अधिक प्रदूषण से खतरा है. इसके पीछे वातावरण में फैली धूल एक बड़ा कारण है. इसके कारण बुजुर्गों को, सांस के रोगियों को अधिक समस्या होती है. ऐसे में घर के बाहर निकलने पर मास्क जरूर पहनना चाहिए, यदि सुबह टहलने जाते हैं तो धूप निकलने के बाद उनको मॉर्निंग वॉक करना चाहिए.'

यह भी पढ़ें : दीपावली रात कानपुर में 296 और आगरा में 156 दर्ज किया गया Air Quality Index

यह भी पढ़ें : बारिश के बाद लखनऊ समेत अन्य जिलों में प्रदूषण कम, मुजफ्फरनगर का AQI 247

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में प्रदूषण का ग्राफ बढ़ाने में ट्रैफिक भी एक बड़ा कारण है. सड़कों पर लगने वाले जाम और फिर उससे बचने के लिए फुटपाथ से निकल जाने की कोशिश से फुटपाथ पर जमा धूल उड़ रही है. जो एयर क्वालिटी को खराब कर रही है. राजधानी के कैसरबाग, मटियारी, चिनहट, सीतापुर रोड समेत कई इलाकों में उड़ने वाली धूल लोगों के अंदर सांस के द्वारा जा रही है, जो लोगों को बीमार करने के लिए काफी है. ऐसे में इस धूल को रोकने के लिए प्रशासनिक अमला कोई भी उपाय नहीं कर पा रहा है.

यह है सोमवार को लखनऊ में पॉल्यूशन की स्थिति
कैसरबाग 320
चिनहट 342
पुरनिया 310
सीतापुर रोड 338
महानगर 326
तेलीबाग 264

फुटपाथ पर धूल की परत : राजधानी का हजरतगंज चौराहा हो या फिर चिनहट इलाका, सीतापुर रोड हो या पुरनिया, हर सड़क पर जाम और गाड़ी से निकलने वाला धुआं व सड़कों पर उड़ने वाली धूल के कण लोगों के शरीर में जाकर दमा जैसी बिमारियां दे रहे हैं. सड़कों पर पानी का छिड़काव न होने से चलने वालों को पूरा दिन धूल से सामना करना पड़ता है. तेलीबाग, कैसरबाग, नक्खास, पुरनिया, सीतापुर रोड, चिनहट आदि इलाकों की सड़कों पर दिन भर ट्रैफिक जाम रहता है. जल्दबाजी के चक्कर में कई बार लोग रोड किनारे उतर जाते हैं और फिर इतनी धूल उड़ती है कि सांस लेना भी दूभर हो जाता है.

इन बातों का रखें ध्यान
- लोगों को चाहिए कि वह घर में प्राणायाम, अलोम विलोम करें.
- बुजुर्गों को व सांस के रोगियों को पटाखों से दूर रखें.
- कोशिश करें कि दिन में बाहर न निकलें.

खुले में कूड़ा जलाने से बढ़ रही समस्या : न सिर्फ धूल बल्कि सड़कों के किनारे जलने वाला कूड़ा भी लोगों के लिए खतरनाक बना हुआ है, बल्कि नगर निगम ने कूड़े को जलाने पर रोक लगा रखी है, हालांकि निगरानी और कार्रवाई न होने से ये दावे फुस्स हो जाते हैं. अक्सर राजधानी के कई इलाकों में खुले में कूड़ा भी जलाया जाता है. नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने कहा कि 'यदि खुले में कूड़ा जलाया जा रहा हो तो नगर निगम कंट्रोल रूम के नम्बर 0522-2289782, 0522-2289764, 9219902911, 9219902912, 9219902913, 9219902914 पर शिकायत करें, कूड़ा जलाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी.'


क्या करें प्रदूषण से बचने के लिए : इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी कहती है कि 'सड़कों पर चलने वालों को सबसे अधिक प्रदूषण से खतरा है. इसके पीछे वातावरण में फैली धूल एक बड़ा कारण है. इसके कारण बुजुर्गों को, सांस के रोगियों को अधिक समस्या होती है. ऐसे में घर के बाहर निकलने पर मास्क जरूर पहनना चाहिए, यदि सुबह टहलने जाते हैं तो धूप निकलने के बाद उनको मॉर्निंग वॉक करना चाहिए.'

यह भी पढ़ें : दीपावली रात कानपुर में 296 और आगरा में 156 दर्ज किया गया Air Quality Index

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