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लखनऊ : साईं कोविड हॉस्पिटल समेत कई के खिलाफ मिली शिकायत, होगी जांच

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोविड अस्पतालों की मनमानी पर कार्रवाई जारी है. जिले की कोविड प्रभारी डॉ. रोशन जैकब लगातार अस्पतालों का निरीक्षण कर रही हैं. इस दौरान अस्पतलों के खिलाफ शिकायत मिलने पर तुरंत कार्रवाई अमल में ला रही हैं. बीते दिनों तीन अस्पताल पर एफआईआर दर्ज कराने के बाद अब तीन अन्य अस्पताल के खिलाफ जांच के आदेश दिया गया है.

लखनऊ कोविड प्रभारी डॉ. रोशन जैकब
लखनऊ कोविड प्रभारी डॉ. रोशन जैकब
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Published : May 20, 2021, 7:02 AM IST

लखनऊः नोडल ऑफिसर डॉ. रोशन जैकब को सरोजनी नगर स्थित साईं कोविड समेत कई हॉस्पिटल के बारे में शिकायतें मिलीं. इस पर नोडल अफसर ने अस्पतालों से स्पष्टीकरण मांगा है. क्षेत्र के लोगों ने बताया कि साईं हॉस्पिटल जो कि कोविड अस्पताल के रूप में चिन्हित है, वहां निम्न श्रेणी के इलाज की व्यवस्था है. कोई डॉक्टर स्थाई रूप से मौजूद नहीं रहता है और अधिक संख्या में इस अस्पताल में मौतें भी हुई हैं. शिकायत पर संज्ञान लेते हुए नोडल अधिकारी ने एसडीएम सरोजनी नगर को जांच के आदेश दिए हैं.

20 मई तक प्रस्तुत करें आख्या

वहीं, बुधवार को नोडल अफसर ने अन्य अस्पतालों के खिलाफ मनमानी वसूली की शिकायत के बाद कार्रवाई के लिए भी कहा है. नोडल अफसर डॉ. रोशन जैकब ने अस्पताल का निरीक्षण करने के लिए निर्देशित किया है. उन्होंने कहा है कि कोविड-19 के लिए उपलब्ध मैन पावर व अन्य संसाधनों के विवरण के साथ ही पिछले 2 माह से इस अस्पताल में भर्ती और डिस्चार्ज मरीजों के आंकड़ों को शामिल करते हुए 20 मई को आख्या हर हालत में उपलब्ध कराई जाए.

पढ़ें- एक क्लिक में जानें सभी राज्यों में कोरोना की स्थिति

चरक, लखनऊ मेट्रो व ओपी चौधरी हॉस्पिटल को भी जारी की गई नोटिस

चौक में रहने वाली अंजू जैन ने चरक हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के खिलाफ अधिक वसूली करने की शिकायत की थी. जिसके बाद नोडल ऑफिसर रोशन जैकब ने स्पष्टीकरण मांगा है. नोडल अफसर ने अधिकारियों से चिकित्सालय का निरीक्षण व अभिलेखों की जांच करने को भी निर्देश दिए हैं. वहीं वृंदावन योजना के रहने वाले राजेश जैन की शिकायत पर गोमती नगर स्टेट लखनऊ मेट्रो हॉस्पिटल को नोटिस जारी की गई है.

आरोप है कि मरीज का 8 दिन के इलाज के बाद भी अस्पताल में भुगतान से संबंधित कोई भी कागजात उपलब्ध नहीं कराया है. हॉस्पिटल ने इलाज के दौरान भोजन, दवाइयां, पीपी किट, ग्लब्स, मास्क आदि का खर्च विभिन्न मदों में वसूला है, जिसका बिल भी नहीं दिया गया है. इसको लेकर अस्पताल को नोटिस जारी करते हुए स्पष्टीकरण मांगा गया है. वहीं राजाजीपुरम के रहने वाले डॉ. एसएस त्रिपाठी की शिकायत पर डॉ. ओपी चौधरी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर को भी अधिक धनराशि की वसूली किए जाने पर नोटिस जारी की गई है.

इन अस्पतालों के खिलाफ दर्ज हो चुकी है एफआईआर

बता दें कि उत्तर प्रदेश और खासकर लखनऊ में कोरोना संक्रमण बढ़ने के कारण लखनऊ में कुछ निजी अस्पतालों को भी कोविड-19 के इलाज के लिए अधिकृत किया गया था. उनको लेकर जिला प्रशासन ने निर्देश जारी किए थे और इलाज के लिए निर्धारित राशि भी तय की गई थी. जिला प्रशासन को बार-बार शिकायत मिल रही थी कि कुछ अस्पताल इलाज के नाम पर अधिक पैसा वसूल रहे हैं. जिसके बाद इन अस्पतालों की जांच कराई गई और सीएमओ ने इन्हें नोटिस दे दिया था. अब इन पर एफआईआर दर्ज के आदेश हुए हैं. राजधानी लखनऊ में मैक्सवेल अस्पताल, जेपी अस्पताल और देवीना हॉस्पिटल पर अधिक वसूली के चलते जिला कोविड प्रभारी रोशन जैकब ने एफआईआर दर्ज कराई है. इस बड़ी कार्रवाई से शहर के निजी अस्पतालों में हड़कंप है.

लखनऊः नोडल ऑफिसर डॉ. रोशन जैकब को सरोजनी नगर स्थित साईं कोविड समेत कई हॉस्पिटल के बारे में शिकायतें मिलीं. इस पर नोडल अफसर ने अस्पतालों से स्पष्टीकरण मांगा है. क्षेत्र के लोगों ने बताया कि साईं हॉस्पिटल जो कि कोविड अस्पताल के रूप में चिन्हित है, वहां निम्न श्रेणी के इलाज की व्यवस्था है. कोई डॉक्टर स्थाई रूप से मौजूद नहीं रहता है और अधिक संख्या में इस अस्पताल में मौतें भी हुई हैं. शिकायत पर संज्ञान लेते हुए नोडल अधिकारी ने एसडीएम सरोजनी नगर को जांच के आदेश दिए हैं.

20 मई तक प्रस्तुत करें आख्या

वहीं, बुधवार को नोडल अफसर ने अन्य अस्पतालों के खिलाफ मनमानी वसूली की शिकायत के बाद कार्रवाई के लिए भी कहा है. नोडल अफसर डॉ. रोशन जैकब ने अस्पताल का निरीक्षण करने के लिए निर्देशित किया है. उन्होंने कहा है कि कोविड-19 के लिए उपलब्ध मैन पावर व अन्य संसाधनों के विवरण के साथ ही पिछले 2 माह से इस अस्पताल में भर्ती और डिस्चार्ज मरीजों के आंकड़ों को शामिल करते हुए 20 मई को आख्या हर हालत में उपलब्ध कराई जाए.

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चरक, लखनऊ मेट्रो व ओपी चौधरी हॉस्पिटल को भी जारी की गई नोटिस

चौक में रहने वाली अंजू जैन ने चरक हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के खिलाफ अधिक वसूली करने की शिकायत की थी. जिसके बाद नोडल ऑफिसर रोशन जैकब ने स्पष्टीकरण मांगा है. नोडल अफसर ने अधिकारियों से चिकित्सालय का निरीक्षण व अभिलेखों की जांच करने को भी निर्देश दिए हैं. वहीं वृंदावन योजना के रहने वाले राजेश जैन की शिकायत पर गोमती नगर स्टेट लखनऊ मेट्रो हॉस्पिटल को नोटिस जारी की गई है.

आरोप है कि मरीज का 8 दिन के इलाज के बाद भी अस्पताल में भुगतान से संबंधित कोई भी कागजात उपलब्ध नहीं कराया है. हॉस्पिटल ने इलाज के दौरान भोजन, दवाइयां, पीपी किट, ग्लब्स, मास्क आदि का खर्च विभिन्न मदों में वसूला है, जिसका बिल भी नहीं दिया गया है. इसको लेकर अस्पताल को नोटिस जारी करते हुए स्पष्टीकरण मांगा गया है. वहीं राजाजीपुरम के रहने वाले डॉ. एसएस त्रिपाठी की शिकायत पर डॉ. ओपी चौधरी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर को भी अधिक धनराशि की वसूली किए जाने पर नोटिस जारी की गई है.

इन अस्पतालों के खिलाफ दर्ज हो चुकी है एफआईआर

बता दें कि उत्तर प्रदेश और खासकर लखनऊ में कोरोना संक्रमण बढ़ने के कारण लखनऊ में कुछ निजी अस्पतालों को भी कोविड-19 के इलाज के लिए अधिकृत किया गया था. उनको लेकर जिला प्रशासन ने निर्देश जारी किए थे और इलाज के लिए निर्धारित राशि भी तय की गई थी. जिला प्रशासन को बार-बार शिकायत मिल रही थी कि कुछ अस्पताल इलाज के नाम पर अधिक पैसा वसूल रहे हैं. जिसके बाद इन अस्पतालों की जांच कराई गई और सीएमओ ने इन्हें नोटिस दे दिया था. अब इन पर एफआईआर दर्ज के आदेश हुए हैं. राजधानी लखनऊ में मैक्सवेल अस्पताल, जेपी अस्पताल और देवीना हॉस्पिटल पर अधिक वसूली के चलते जिला कोविड प्रभारी रोशन जैकब ने एफआईआर दर्ज कराई है. इस बड़ी कार्रवाई से शहर के निजी अस्पतालों में हड़कंप है.

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